गोरक्षा के लिए गए योगी कैबिनेट के फैसले की टीवी के 'राम' ने की सराहा, कही ये बड़ी बात
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 10, 2020 11:53 AM2020-06-10T11:53:45+5:302020-06-10T12:43:04+5:30
Arun govil appreciates Cow-Slaughter Prevention Ordinance: टीवी के राम कहे जाने वाले एक्टर अरुण गोविल ने गोवंशों की रक्षा के लिए लिए गए योगी कैबिनेट के फैसले को सराहा है।
रामानंद सागर की रामायण को लॉकडाउन के वक्त में दूरदर्शन पर फैंस की डिमांड पर पेश किया गया। रामायण को फैंस से हर से ज्यादा प्यार मिला। राम का रोल निभाने वाले अरुण गोविल एक बार फिर से फैंस के दिलों में घर कर गए हैं। ऐसे में अरुण गोविल ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोवंशों की रक्षा के लिए लिए गए फैसले को सराहा है। अरुण गोविल ने बाकायदा ट्वीट कर इसका समर्थन किया है
हाल ही में अरुण गोविल ने योगी आदित्यनाथ के फैसले की सराहना में हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ट्वीट किया है।अरुण गोविल ने अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में लिखा है- UP केबिनेट का बड़ा फैसला। गौहत्या पर होगी 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना।
UP केबिनेट का बड़ा फैसला। गौहत्या पर होगी 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना।
— Arun Govil (@arungovil12) June 10, 2020
The Uttar Pradesh Cabinet on Tuesday approved an ordinance penalising on cow slaughter with imprisonment up to 10 years and fine up to ₹5 lakhs.
अरुव गोविल का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर छा गया है। लोग अरुण के इस ट्वीट पर तरह तरह से कमेंट कर रहे हैं। अरुण गोविल अब सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह आए दिन फैंस को मैसेज देने वाली बात करते नजर आते हैं। इससे पहले अरुण ने योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई दी थी।
टीवी के राम ने बहुत ही अनोखे अंदाज में योगी को जन्मदिन की बधाई दी है। अरुण गोविल ने ट्वीट करके लिखा है कि 'सन्यासी से अच्छा राजा कोई और नहीं हो सकता' रामायण के इस कथन को चरितार्थ करने वाले यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिवस की आत्मीय शुभकामनाएं।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को अमलीजामा पहना दिया है। गोवध निवारण कानून को और अधिक मजबूत बनाने के मकसद से उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 1955 के इस कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था। यूपी सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है।