अमेरिकी स्टडी में किया गया खुलासा, सुशांत केस को नेताओं-मीडिया ने फायदे के लिए बनाया है 'मर्डर'
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: October 8, 2020 02:19 PM2020-10-08T14:19:00+5:302020-10-08T14:19:00+5:30
मिशिगन यूनिवर्सिटी में एक असोसिएट प्रफेसर के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक टीम ने यह स्टडी की है। यह स्टडी दिखाती है कि जो कॉन्टेंट बिल्कुल निराधार मर्डर थ्योरीज को प्रमोट कर रहा था।
सुशांत सिंह राजपूत के निधन को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। हर कोई अभी भी सुशांत के लिए न्याय की कतार में खड़ा नजर आ रहा है। सीबीआई, एनसीबी और ईडी केस की जांच कर रहे हैं। लेकिन अब कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि इस केस को भ्रमित किय़ा जा रहा है। हाल ही में एम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुशांत ने सुसाइड ही की थी।
एक्टर के 'मर्डर थ्योरी' को कुछ नेताओं, पत्रकारों और मीडिया हाउसेस ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। इस बात का खुलासा ट्वीट्स, यूट्यूब वीडियोज और ट्रेंड्स पर बेस्ड एक अनूठी अमेरिका स्टडी में हुआ है। ऐसा करने के पीछे ज्यादा ट्रैक्शन वजह हो सकती है।
टाइम्स की खबर के अनुसार मिशिगन यूनिवर्सिटी में एक असोसिएट प्रफेसर के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक टीम वे इस पर रिसर्च की है। इस स्टडी ते अनुसार कॉन्टेंट बिल्कुल निराधार मर्डर थ्योरीज को प्रमोट कर रहा था, उन्हें सूइसाइड थ्योरी से कहीं ज्यादा ट्रैक्शन मिला।
टाइटल वाली यह प्री-प्रिंट स्टडी बताती है कि राजनेताओं के नेरेटिव सुशांत के आत्महत्या से हत्या में बदलने में अहम रहे। रिसर्च में कई वीडियोज आदि पर रिसर्च किया गया है, जिसमें करीब 2 हजार पत्रकारों व मीडिया हाउसेस और 1,200 नेताओं से जुड़े थे।
इस स्टडी के अनुसार राजनेता शुरुआती स्टेज में केस को 'सूइसाइड' की जगह 'मर्डर' के तौर पर पेश कर मामले को अलग मोड़ देने की वजह बने। इसको बाद में मीडिया ने फॉलो किया।स्टडी में यह भी पाया गया कि रिया चक्रवर्ती, आदित्य ठाकरे, दिशा सालियन और सलमान खान इस पूरे केस में दुष्प्रचार अभियान के सबसे ज्यादा निशाने पर रहे। कुल मिलाकर ये स्टडी इस तरफ इशारा करती है कि कुछ पत्रकारों और राजनेताओं मे सुशांत केस को मर्डर में तबदील करने की कोशिश की है।