अय्यारी रिव्यूः मनोज वाजपेयी, नसीर की जबर्दस्त एक्टिंग को कमजोर कहानी ने धो दिया
By खबरीलाल जनार्दन | Published: February 16, 2018 02:27 PM2018-02-16T14:27:55+5:302018-02-16T15:35:06+5:30
मनोज बाजपेयी, सिद्धार्थ मल्होत्रा, रकुलप्रीत , नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, आदिल हुसैन, कुमुद मिश्रा और पूजा चोपड़ा जैसे स्टारों के साथ नीरज पांडेय के निर्देशन बहुत उम्मीद थी, पर कमजोर स्क्रीनप्ले ने सब धो दिया।
अ वेडनेसडे, स्पेशल 26, बेबी और एमएस धोनीः दी अनटोल्ड स्टोरी के बाद नीरज पांडेय 'अय्यारी' लेकर आए हैं। इसमें उन्हें मनोज बाजपेयी, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, आदिल हुसैन, कुमुद मिश्रा, राजेश तैलंग जैसे मझे और सिद्धार्थ मल्होत्रा, रकुलप्रीत जैसे युवा चेहरों का साथ मिला। लेकिन अपनी चुस्त कहानियों और बांध कर रखने वाले निर्देशन के लिए पहचाने जाने वाले नीरज पांडे इस बार स्क्रीनप्ले में चूक गए हैं।
नीरज की पिछली फिल्मों की तरह 'अय्यारी' भी राजनैतिक चोला ओढ़े थ्रिलर फिल्म है। इसमें आर्मी के दो अहम जवान कर्नल अभय सिंह (मनोज बाजपेई) और मेजर जय बख्शी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) के बीच नफरत कहानी आगे बढ़ती है। क्लाइमेक्स आते-आते पता चलता है कि दोनों एक खास मकसद ऐसा कर रहे थे। बाकी किरदार इसमें उनका साथ देते हैं।
लेकिन इस कहानी को बताने के लिए 2.40 घंटे का वक्त लगाया। यही खास बात समीक्षकों को अखर गई। करीब-करीब सभी प्रमुख समीक्षकों ने फिल्म को कमजोर बताया है। आइए यहां पांच प्रमुख समीक्षकों की रेटिंग और फिल्म के बारे में राय को जानते हैं-
तरण आदर्शः एक शब्द में अय्यारी निराशाजनक है
फिल्म व्यापार विश्लेष्क व समीक्षक तरण आदर्श ने अय्यारी को ** (पांच में से दो स्टार) दिए हैं। एक शब्द में उन्होंने फिल्म को निराशाजनक बताया है। वह आगे लिखते हैं कि अय्यारी में कुछ बेहद दिलचस्प और नीरज पांडे अंदाज के शानदार सीक्वेंस हैं। लेकिन नीरज पांडे की फिल्मों का जो अंदाज होता है वो इस बार खो गया है। तरण आदर्श अय्यारी को अब तक की उनकी सबसे कमजोर फिल्म बताया है। तरण ने अय्यारी को सुस्त और दो सेना के जवानों के बीच के टकराव को गैर जरूरी ढंग से 2:40 घंटे तक खींच कर एक भ्रमित करने वाली पटकथा वाली फिल्म बताया है। वे कहते हैं पटकथा के चलते से मनोज और नसीर का अभिनय भी धुल गया है।
दी टाइम्स ऑफ इंडिया ने अय्यारी को दिए ***1/2
दी टाइम्स ऑफ इंडिया ने अय्यारी को एक अच्छी कहानी को कमजोर स्क्रीनप्ले के चलते थकी हुई फिल्म बताई है। टीओआई ने नीरज पांडे के निर्देशन को भी इस बार पांच में से केवल तीन स्टार दिए हैं। जबकि फिल्म में कई किरदारों की एंट्री और एक्जिट को भी अटपटा बताया है।
दैनिक भास्कर ने कहा अय्यारी की लंबी है कहानी दिए **1/2
भास्कर ने अय्यारी को अच्छे अभिनय प्रदर्शन वाली फिल्म बताया है। लेकिन इन्होंने भी फिल्म की लंबी कहानी का उल्लेख किया है। फर्स्ट हाफ काफी लंबा है लेकिन सेकंड हाफ में कहानी और भी हिलती हुई नजर आती है। क्लाइमेक्स को और बेहतर बनाया जा सकता था। साथ ही फिल्म के संगीत के बारे में कहा कि ये आशाओं पर खरा नहीं उतरता।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने कहा अय्यारी दर्शकों के धैर्य की परीक्षा है
एचटी ने अय्यारी को * (एक स्टार) देते हुए कहा कि सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज वाजपेयी की कमजोर नाटक ने दर्शकों की परीक्षा ली है। समीक्षक का आरोप है कि नीरज पांडेय ने अय्यारी को ऑस्कर विजेता 'कैच मी इफ यू कैन' की तर्ज पर बनाने की कोशिश की है। लेकिन वह इसमें बुरी तरह से फेल हुए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने अय्यारी को दिए **1/2
इंडियन एक्सप्रेस ने अय्यारी को धीमी फिल्म को मनोज और नसीर के अभिनय ने बचा लेने वाला बताया। इनके अनुसार नीरज पांडे यह पॉलिटिकल ड्रामा पिछले उनकी फिल्मों से कमजोर पर एक फिल्म के तौर पर एक बार देखी जा सकती है। फिल्म का स्क्रीनप्ले थोड़ा लंबा है लेकिन देशभक्ति से ओत-प्रोत यह फिल्म थ्रिलर ड्रामा देखने वालों को पसंद आएगी। यदि आप रोमांटिक ड्रामा देखने के शौकीन हैं तो इस फिल्म को देखने के लिए सिनेमाघरों का रुख नहीं ही करें तो ठीक है।