सोनू सूद व उनके सहयोगी 20 करोड़ से अधिक की कर चोरी में शामिल, आयकर विभाग ने कहा- कई आपत्तिजनक सबूत मिले हैं
By अनिल शर्मा | Published: September 18, 2021 01:45 PM2021-09-18T13:45:52+5:302021-09-18T13:48:01+5:30
शुक्रवार को मुंबई, नागपुर और जयपुर में उनके कई परिसरों पर छापेमारी की गई। विभाग ने बुधवार को 48 वर्षीय अभिनेता और उनसे जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।
मुंबईः अभिनेता सोनू सूद के अलग-अलग ठिकानों पर कथित कर चोरी को लेकर तीनों दिनों चले जांच पर आयकर विभाग ने कहा है कि अभिनेता सोनू सूद और उनके सहयोगियों ने 20 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान कर चोरी से संबंधित आपत्तिजनक सबूत मिले।
कर विभाग के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, अभिनेता द्वारा अपनाई गई मुख्य कार्यप्रणाली कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में अपनी बेहिसाब आय को रूट करना था। इस बाबत आयकर विभाग ने मुंबई में अभिनेता के कई परिसरों और बुनियादी ढांचे के विकास में लगे लखनऊ स्थित उद्योगों के एक समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया।
सीबीडीटी ने कहा कि अभियान के दौरान मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम में 28 परिसरों की तलाशी ली गई। विभाग ने बुधवार को अभिनेता के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद उनसे जुड़े लोगों की तलाशी ली गई। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) और शिवसेना ने कार्रवाई के लिए केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बॉलीवुड स्टार, जो कोरोनोवायरस के कारण लगे लॉकडाउन में कई कल्याणकारी कार्यों में शामिल थे, को निशाना बनाया जा रहा है।
बता दें, शुक्रवार को मुंबई, नागपुर और जयपुर में उनके कई परिसरों पर छापेमारी की गई। विभाग ने बुधवार को 48 वर्षीय अभिनेता और उनसे जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।
इस बीच सोनू सूद के करीबियों ने दावा किया है कि सोनू सूद को बीजेपी ने पद्मश्री का प्रस्ताव दिया था जिसपर अभिनेता ने कोई जवाब नहीं दिया था। दैनिक भास्कर ने सोनू सूद के करीबियों के हवाले से लिखा है कि सोनू को पद्मश्री का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सोनू ने उस पर कोई जवाब नही दिया था। इसके साथ ही करीबी ने उन अफवाहों को भी खारिज किया, जिसके तहत उनके NGO में अज्ञात स्रोतों से मिली रकम की खबरें फैल रही हैं।
करीबी ने अज्ञात रकम को लेकर कहा कि ये सब बातें झूठ हैं। अगर हमारी संस्था में कोई एक रुपया भी दान करता है तो उससे पैन कार्ड मांगे जाते हैं। इसके बिना हमारा पोर्टल इसे स्वीकार ही नहीं करेगा। करीबी ने सिंगापुर में एनजीओ का कार्यालय होने की खबर को भी झूठ बताया। उसने कहा कि एनजीओ ही छ महीने पहले बना तो वहां दफ्तर कैसे खोल लेंगे। इसका कार्यालय सिर्फ मुंबई में ही है, हां लेकिन मैनेजर दुबई में रहता है।