102 Not Out Movie Review: अमिताभ बच्चन कर देंगे दर्शकों को क्लीन बोल्ड
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 2, 2018 10:58 AM2018-05-02T10:58:33+5:302018-05-03T07:58:55+5:30
102 नॉट आउट मूवी रिव्यू: अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर के लीड रोड वाली 102 नॉट आउट ऐसी ही फिल्म है। 102 नॉट आउट चार मई को पूरे देश में रिलीज हो रही है।
बॉलीवुड के दो वेटेरन हीरो हों तो फिल्म के पैसा वसूल होने की पूरी उम्मीद रहती है। अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर के लीड रोल वाली 102 नॉट आउट ऐसी ही फिल्म है। 102 नॉट आउट चार मई को पूरे देश में रिलीज हो रही है। फिल्म में अमिताभ और ऋषि बाप-बेटे के रोल में हैं। फिल्म सौम्या जोशी के गुजराती नाटक पर आधारित है।
102 नॉट आउट की स्टारकास्ट-
निर्देशक- उमेश शुक्ला
अभिनेता- अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर, जिमित त्रिवेदी
स्क्रीनप्ले- विशाल पाटिल
संगीत- सलीम-सुलेमान
सिनेमैटोग्राफी- लक्ष्मण उतेरकर
एडिटर- बोधादित्य बनर्जी
डिस्ट्रिब्यूटर- सोनी पिक्चर्स
रनिंग टाइम- 101 मिनट
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102 नॉट आउट की कहानी-
दत्तात्रेय वखारिया (अमिताभ बच्चन) की उम्र 102 साल है, तो उनके बेटे बाबूलाल वखारिया (ऋषि कपूर) की उम्र 75 साल है। बाबूलाल जिंदगी को बहुत गंभीरता और गुरुता के साथ जीता है। बाबूलाल का का बेटा धीरू (जिमित त्रिवेदी) विदेश रहता है और वो चाहता है कि वो वापस देश आ जाए। बाबूलाल की लाइफ आम बुजुर्गों जैसी ही है। वहीं उसके पिता दत्तात्रेय पूरी जिंदादिली से जीवन जीते हैं। दत्तात्रेय 118 साल तक जीकर दुनिया के सबसे उम्रदराज जीवित शख्स होने का रिकॉर्ड बनाना चाहता है। दत्तात्रेय अपने बेटे बाबूलाल के बोझिल लाइफ स्टाल से तंग आकर उसे ओल्ड एज होम भेज देना चाहता है। 75 सालों से पिता के साथ रहते हुए बाबूलाल ओल्ड एज होम नहीं जाना चाहता। बाप और बेटे के बीच इसे लेकर काफी चुटीली और मजेदार रस्साकशी होती है जिसके इर्दगिर्द फिल्म घूमती है।
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102 नॉट आउट में क्या है ख़ास?
लीविंग लीजेंड बन चुके अमिताभ बच्चन और उनके साथ चार दशकों से फिल्मी दुनिया में सक्रिय ऋषि कपूर को पर्दे पर लाजवाब अभिनय करते देखना ही अपने आप में फिल्म देखने के लिए काफी है। अमिताभ ने जिस तरह फिल्म में 75 साल के बेटे के 102 साल के बाप का रोल किया है उससे उन्हीं की फिल्म शहंशाह का डॉयलॉग याद आता है, "रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह।" ऋषि कपूर ने भी फिल्म में अमिताभ का साथ बखूबी निभाया है। अमिताभ और ऋषि के चाहने वालों को दोनों को साथ देखकर अमर अकबर एंथोनी, कभी-कभी, नसीब और कूली जैसी फिल्मों की याद आएगी जिनमें इन दो अभिनेताओं ने साथ-साथ अभिनय किया था।
102 नॉट आउट का मैसेज-
एक लाइन में कहें तो फिल्म का संदेश सीधा और सरल है, जिंदगी जिंदादिली का नाम है। आदम उम्र से नहीं बल्कि अपनी सोच से बूढ़ा होता है। इसलिए जीना काफी नहीं जिंदादिली से जीना जरूरी है।
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