रोबोट मंत्री : नेताओं पर विस्थापन का संकट !
By प्रमोद भार्गव | Updated: October 14, 2025 07:13 IST2025-10-14T07:13:49+5:302025-10-14T07:13:55+5:30
इसी साल मई 2025 में चुनाव जीतने के बाद 11 सितंबर को उन्होंने अपनी नई सरकार का गठन किया है

रोबोट मंत्री : नेताओं पर विस्थापन का संकट !
विडंबना देखिए, मनुष्य द्वारा निर्मित वाहनों ने मनुष्य के पैरों से चलने की ताकत छीन ली. मशीनी तकनीक मनुष्य के हाथों के हुनर छीनती जा रही है और अब हैरान करने वाली वास्तविकता यहां तक पहुंच गई है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात कृत्रिम बुद्धि से निर्मित डिएला नामक रोबोट स्त्री को यानी मानव के विरुद्ध एक प्रति मानव के रूप में अस्तित्व में लाया गया रोबोट का यह दखल राजनीति से नेता के विस्थापन के रूप में देखने में आया है.
सत्ता पक्ष डिएला की नियुक्ति से भ्रष्टाचारमुक्त शासन की कल्पना कर रहा है, जबकि विपक्ष इस रोबोट-स्त्री की तैनाती को असंवैधानिक करार दे रहा है.
एआई मंत्री डिएला को अल्बानिया की नेशनल एजेंसी फॉर इंफॉर्मेशन सोसायटी ने माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से विकसित किया है. डिएला को मंत्री पद की जिम्मेदारी संवैधानिक लोकतांत्रिक प्रणाली से चौथी बार प्रधानमंत्री बने एडी रामा ने सौंपी है. इसी साल मई 2025 में चुनाव जीतने के बाद 11 सितंबर को उन्होंने अपनी नई सरकार का गठन किया है. डिएला ने संपूर्ण स्त्री भाव से संसद में राजनीतिक चतुराई से भरा उल्लेखनीय वक्तव्य भी दिया.
उन्होंने कहा, ‘विपक्ष मेरी नियुक्ति को बार-बार असंवैधानिक बता रहा है. विपक्ष के इस व्यवहार से मेरी भावना आहत हुई है. मैं शासन-प्रशासन को पारदर्शी बनाने और जनता की मदद के लिए हूं. विपक्ष आशंकित न हो, मेरा लक्ष्य जैविक मनुष्य को प्रतिस्थापित (रिप्लेस) करने का नहीं है. मैं किसी की जगह लेने के लिए नहीं आई हूं.’
डिएला ने जो कहा वह अजैविक मानव के लिए ठीक हो सकता है, लेकिन सच्चाई तो यही है कि मनुष्य के विरुद्ध एक प्रति मनुष्य के रूप में अपनी जगह बनाता रोबोट जैविक मनुष्य को सीमेंट, कांक्रीट और यंत्रों के जंगल में धकेलता जा रहा है. डिएला की तैनाती में जो सबसे प्रमुख कमी है, वह है कि इसकी गलतियों के लिए जिम्मेदार किसे ठहराया जाए? क्योंकि डिएला कोई प्राकृतिक व्यक्ति नहीं है और न ही इस पर कोई स्पष्ट कानून है.
इसमें निजता और डेटा संप्रभुता जैसी सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी परिलक्षित हो रही हैं. अतएव एआई कुशल और समावेशी शासन व्यवस्था के लिए एक शक्तिशाली मशीनी यंत्र अवश्य है, तथपि इसके उत्तरदायित्व और लोक विश्वास सुनिश्चित होने जरूरी हैं. जिससे इसके नैतिक व लोकतांत्रिक मानदंड निर्धारित हों.