नवाज को सजा से पाक में उठता सियासी तूफान

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 13, 2018 08:30 AM2018-07-13T08:30:44+5:302018-07-13T08:30:44+5:30

 हाल ही में पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने वहां के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 10 वर्षो के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

Nawaz Sharif's political storm arises in Pak | नवाज को सजा से पाक में उठता सियासी तूफान

नवाज को सजा से पाक में उठता सियासी तूफान

लेखक- गौरीशंकर राजहंस

 हाल ही में पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने वहां के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 10 वर्षो के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला पनामा पेपर द्वारा उजागर किए गए अरबों डॉलर के भ्रष्टाचार से संबंधित है। उनकी लड़की मरियम शरीफ को भी भ्रष्टाचार के मामले में 7 वर्ष की कठोर सजा और 2 मिलियन पाउंड का जुर्माना लगाया है। मरियम के पति मोहम्मद सफदर को एक वर्ष की सजा कोर्ट ने सुनाई है क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधी मामले की सुनवाई में सहयोग नहीं किया था। 

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन दिनों अपनी कैंसरग्रस्त पत्नी कुलसूम शरीफ के इलाज के सिलसिले में लंदन में हैं। कुलसूम शरीफ को गले का कैंसर है और उनकी स्थिति अत्यंत ही नाजुक है। नवाज शरीफ ने कोर्ट से यह आग्रह किया था कि कोर्ट का निर्णय कुछ दिनों के बाद सुनाया जाए जब वह अपनी पत्नी के इलाज के बाद लंदन से पाकिस्तान लौटें। परंतु कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानी। 

कोर्ट द्वारा 10 वर्षो के कठोर कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद नवाज शरीफ ने लंदन में एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सेना और अदालतें मिली हुई हैं। अदालतें वही निर्णय सुनाती हैं जो सेना चाहती है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि वह डरकर भागने वाले नहीं हैं। वह शीघ्र ही पाकिस्तान जाएंगे और वहां की जनता को कोर्ट और सेना के नापाक गठबंधन के बारे में आगाह करेंगे। परंतु लाख टके का प्रश्न यह है कि क्या वे सचमुच पाकिस्तान जाएंगे। पाकिस्तान में हवाई जहाज से उतरते ही उन्हें लंबे समय के लिए जेल में डाल दिया जाएगा। 

कोर्ट ने यह जरूर कहा है कि इस सजा के खिलाफ नवाज शरीफ हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। परंतु सच यह है कि उनमें सुनवाई होने में वर्षो लग जाते हैं और आज की तारीख में पाकिस्तान में सेना का वर्चस्व है और सेना के खिलाफ कोई कोर्ट निर्णय नहीं देगा। खबर है कि पाकिस्तान की सियासत में उनके प्रतिद्वंद्वी इमरान खान ने सेना से समझौता कर लिया है और वे वही करेंगे जो सेना चाहेगी। उधर नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने भी सेना के सामने घुटने टेक दिए हैं। इसलिए पाकिस्तान लौटने के बाद वहां नवाज शरीफ को किसी का सहारा मिलने की आशा नहीं है। आगामी कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि नवाज शरीफ ने आखिर क्या फैसला किया। जो लोग दक्षिण एशिया की राजनीति में दिलचस्पी लेते हैं वे सांस रोककर नवाज शरीफ के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। 

Web Title: Nawaz Sharif's political storm arises in Pak

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