क्या इस्लामिक स्टेट की मदद कर रहा है पाकिस्तान ?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 13, 2025 07:57 IST2025-12-13T07:57:14+5:302025-12-13T07:57:20+5:30
अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट को उखाड़ फेंका लेकिन उसकी उखड़ी हुई जड़ें दुनिया के कई हिस्सों में खुद को रोपने की कोशिशें कर रही हैं.

क्या इस्लामिक स्टेट की मदद कर रहा है पाकिस्तान ?
मुंबई से महज 60 किलोमीटर दूर ठाणे जिले के गांव पडघा-बोरीवली क्षेत्र के इस्लामिक स्टेट का गढ़ बन जाने की खबर ने निश्चय ही सभी को चौंका दिया है. यह कैसे संभव हो गया कि खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने वहां इतनी घुसपैठ कर ली कि कुछ गांवों को अल शाम यानी मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया? खुफिया एजेंसियों को हालांकि खबरें लगनी शुरू हो गई थीं और जून में भी वहां छापे मारे गए थे. अब एक बार फिर पडघा में तो छापा मारा ही गया है, देश के 40 अन्य स्थानों पर भी छापे मारे गए. ये सभी छापे इस्लामिक स्टेट को लेकर ही हैं.
इराक में इस्लामिक स्टेट जब अपने चरम पर था तब उसने नीतिगत रूप से खुरासान प्रांत की स्थापना की थी और खुरासान प्रांत के लिए एक खलीफा भी नियुक्त किया था. खुरासान प्रांत में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक के भूभाग को शामिल किया गया था. तब शायद सबने यही सोचा होगा कि इस इलाके में इस्लामिक स्टेट की घुसपैठ महज एक कल्पना है लेकिन अब ऐसा महसूस हो रहा है कि इराक से भले ही अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट को उखाड़ फेंका लेकिन उसकी उखड़ी हुई जड़ें दुनिया के कई हिस्सों में खुद को रोपने की कोशिशें कर रही हैं.
भारत में इस्लामिक स्टेट के पोस्टर और बैनर कई बार कश्मीर घाटी में दिख चुुके हैं. लेकिन यह किसने सोचा था कि वह मुंबई के पास गांवों में भी पहुंच जाएगा? साकिब नाम के व्यक्ति पर आरोप है कि वह इस्लामिक स्टेट का इस इलाके का प्रमुख है. साकिब पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. 1997 में, खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ मिलकर भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उसे दोषी ठहराया था. 2016 में मुंबई की एक अदालत ने आतंकी मामले में उसे दोषी करार दिया था. दोनों सजाएं काटने के बाद वह 2017 में रिहा हो गया लेकिन आतंकी कारोबार में लगा रहा.
आश्चर्य की बात है कि आतंक का नेटवर्क उस पडघा गांव में चल रहा है जिसका भारत की आजादी में बड़ा योगदान रहा है. आखिर यह गांव आतंक की पनाहगाह कैसे बना? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ा जाना तो जरूरी है ही, आतंकियों और स्लीपर सेल के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई की जरूरत भी है. हमें पाकिस्तान पर भी नजर रखनी होगी जो खुद तो इस्लामिक स्टेट के विरोध की बात करता है लेकिन उसके आतंकियों की भारत में पैठ कराने लिए अपनी खुफिया एजेंसी आईएसआई का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से कर रहा है.