ऑस्ट्रेलिया में बज रहा है भारतीय भाषा का डंका

By रमेश ठाकुर | Published: March 6, 2023 03:14 PM2023-03-06T15:14:05+5:302023-03-06T15:22:02+5:30

ऑस्ट्रेलिया में जनगणना-2011 के अनुसार सिखों की आबादी 210,000 से अधिक थी, जो अब डबल हो चुकी है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने हाल में लागू की गई अपनी नई शिक्षा नीति में अब पंजाबी भाषा को भी जोड़ लिया है।

Indian language is ringing in Australia | ऑस्ट्रेलिया में बज रहा है भारतीय भाषा का डंका

ऑस्ट्रेलिया में बज रहा है भारतीय भाषा का डंका

Highlightsऑस्ट्रेलियाई में हिंदुस्तान की प्रमुख भाषाओं में से एक पंजाबी भाषा को मिली सरकारी मान्यता ऑस्ट्रेलियाई स्कूलों के पाठ्यक्रमों में निर्धारित सब्जेक्टों में पंजाबी को भी शामिल किया गया हैऑस्ट्रेलिया की जनगणना-2011 के अनुसार वहां पर सिखों की आबादी 210,000 से अधिक है

भाषा और बोली पर कोई बंदिश नहीं लगा सकता है। वह अपना स्थान खुद बनाती है। ताजा उदाहरण सामने है। पंजाबी भाषा ने जो डंका बजाया है उसने हम सबको गौरवान्वित कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर हिंदुस्तान की प्रमुख भाषाओं में से एक पंजाबी भाषा ने अपने बढ़ते प्रभाव का वहां ऐसा डंका बजाया है कि वहां की हुकूमत को अपने स्कूली पाठ्यक्रमों में पहले से निर्धारित सब्जेक्टों में पंजाबी को भी शामिल करने पर मजबूर होना पड़ा है।

जनगणना-2011 के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में सिखों की आबादी 210,000 से अधिक थी जो अब डबल हो चुकी है। वैसे, मांग तो बहुत पहले से उठ रही थी पर देर आए, दुरुस्त आए। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने हाल में लागू की गई अपनी नई शिक्षा नीति में अब पंजाबी भाषा को भी जोड़ लिया है। ये निर्णय उन देशों को भी संबल देगा जहां भारतीयों की आबादी हाल के दशकों में बेहताशा बढ़ी है।

फिजी, मॉरीशस, अमेरिका, इंग्लैंड जैसे कई मुल्क हैं, जहां हिंदुस्तानी लोग हिंदी-पंजाबी बोलते हैं। इस कतार में अन्य और भी कई ऐसे देश हैं, जिनमें हिंदी-पंजाबी को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग जोरों से उठ रही है।

नए निर्णय के तहत ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने सभी निजी व सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में पंजाबी को पढ़ाने का फैसला किया है जो प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रमों में अब से पढ़ाई जाएगी। ऑस्ट्रेलिया के तीन प्रांत जिनमें विक्टोरिया, न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड ऐसे हैं जहां पंजाबियों की बहुतायत है। इसके अलावा समूचे देश में करीब दस फीसदी आबादी इन्हीं से सुशोभित है।

ये समुदाय बीते कई वर्षों से वहां पंजाबी भाषा को स्कूली कक्षाओं में पढ़ाने की मांग सरकार से करता आया है, जिस पर सरकार ने पिछले साल अगस्त में आबादी के लिहाज से जांच-पड़ताल कराई, एक कमेटी बनाई और पिछली जनगणना के आधार पर आकलन भी करवाया। उसमें पाया कि ये भाषा वास्तव में अन्य भाषाओं के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। इसलिए इसे सरकारी मान्यता दी जानी चाहिए। कमेटी की फाइनल रिपोर्ट जैसे ही सरकार के पास पहुंची। उसने तुरंत निर्णय लिया और अपने राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों की कक्षाओं में पंजाबी भाषा को जोड़ दिया।

‘ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो’ द्वारा प्रस्तुत जनगणना-2011 के मुताबिक पंजाबी भाषा का प्रचलन सबसे तेजी से बढ़ा है। बीते दशक में इस महाद्वीप में भारतीयों का पहुंचना कुछ ज्यादा ही हुआ है। पिछले वर्ष संसद के शीत सत्र में देश छोड़ने वालों का आंकड़ा सरकार की ओर से जारी हुआ था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया जाने वालों का भी जिक्र हुआ था। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया में पंजाबी जुबान तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा हिंदी भी ऑस्ट्रेलियाई में बोली जाने वाली शीर्ष 10 भाषाओं में जगह बना चुकी है।

Web Title: Indian language is ringing in Australia

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