शम्भु भद्र का ब्लॉग: जापान से नजदीकी का महत्व
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 4, 2018 09:22 AM2018-11-04T09:22:43+5:302018-11-04T09:22:43+5:30
समय के साथ भारत से जापान की साङोदारी बढ़ती गई है। आज मेट्रो, हाईस्पीड ट्रेन, बुलेट ट्रेन, फ्रेट कॉरिडोर, ऑटो सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पावर समेत भारत के अनेक क्षेत्नों में जापान का निवेश है।
इस वक्त विश्व में जिस तेजी से शक्ति संतुलन बदल रहा है, उसमें प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी की हालिया जापान यात्ना का व्यापक आर्थिक, सामरिक व कूटनीतिक महत्व है।
नीतिगत स्तर पर अमेरिकी अनिश्चितता के चलते विश्व की आर्थिक परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं। अमेरिकी संरक्षणवाद व मनमाने प्रतिबंध से मुक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था को सीधी चुनौती मिल रही है, जिससे भारत जैसे विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था की राह में अवरोध पैदा हो रहे हैं। इसमें अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार आग में घी का काम कर रहा है।
यूरोपीय देशों में आर्थिक सुस्ती से भी ग्लोबल ट्रेड को पंख नहीं लग पा रहे हैं। चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबोर) से एशिया व अफ्रीका के छोटे देश कर्ज के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं। चीन की विस्तारवादी मानसिकता से सीमावर्ती देश व सागरतटीय देश तनाव महसूस कर रहे हैं। ऐसी कठिन वैश्विक परिस्थिति में मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे ने परस्पर सहयोग की नई इबारत लिखी है।
1958 से जापान हमारा बड़ा सहयोगी बना हुआ है। समय के साथ भारत से जापान की साङोदारी बढ़ती गई है। आज मेट्रो, हाईस्पीड ट्रेन, बुलेट ट्रेन, फ्रेट कॉरिडोर, ऑटो सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पावर समेत भारत के अनेक क्षेत्नों में जापान का निवेश है।
हालांकि भारत और जापान के बीच आपसी व्यापार के क्षेत्न में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। चौंकाने वाली बात है कि दोनों देशों के बीच आपसी ट्रेड काफी कम है। जापान का भारत के बजाय चीन से अधिक ट्रेड है। 2011 में आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत व जापान ने कांप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) किया था। इसके तहत 94 फीसदी आयटमों पर टैरिफ नहीं है। इसके बावजूद भारत से निर्यातक देशों की लिस्ट में जापान 18वें नंबर पर है व भारत में आयातक देशों की सूची में 12वें स्थान पर है। भारत को जापान की औद्योगिक संस्कृति से सीख लेनी चाहिए और उसके सहयोग से देश में उद्यमिता को बढ़ाना चाहिए।