Human Rights Day: 76 वर्ष  बाद भी करोड़ों लोग दुनिया में मानवाधिकारों से वंचित?

By योगेश कुमार गोयल | Published: December 10, 2024 05:19 AM2024-12-10T05:19:17+5:302024-12-10T05:19:17+5:30

Human Rights Day: औद्योगिकीकरण की अंधी दौड़ में देश में मजदूर महिलाओं व छोटे-छोटे मासूम बच्चों का शारीरिक व मानसिक शोषण किसी से छिपा नहीं है.

Human Rights Day 10 dec 1948-2024 Even after 76 years crores people deprived human rights in world blog Yogesh Kumar Goyal | Human Rights Day: 76 वर्ष  बाद भी करोड़ों लोग दुनिया में मानवाधिकारों से वंचित?

सांकेतिक फोटो

Highlightsकरोड़ों लोग रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं.राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सक्रिय हैं लेकिन जिस गति से मानवाधिकारों का हनन हो रहा है.वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं और प्रतिवर्ष इस पर अपनी रिपोर्ट भी पेश करते हैं.

Human Rights Day: संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की विस्तृत व्याख्या के लिए 27 जनवरी 1947 को एक आयोग गठित किया गया था, जिसकी सिफारिशों के सार्वभौमिक घोषणा पत्र को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों ने 10 दिसंबर 1948 को सर्वसम्मति से स्वीकार किया था. तभी से विश्वभर में 10 दिसंबर का दिन ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है.  विडंबना है कि मानवाधिकारों की घोषणा के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी विश्वभर में करोड़ों लोग संयुक्त राष्ट्र  द्वारा घोषित मानवाधिकारों से वंचित हैं. करोड़ों लोग रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं.

एक अरब से भी ज्यादा लोग कम अथवा ज्यादा कुपोषण के शिकार हैं. कुपोषण के कारण प्रतिदिन हजारों बच्चे काल के ग्रास बन रहे हैं. दुनियाभर में करोड़ों बच्चे बाल मजदूरी का दंश झेल रहे हैं. भारत में 8 करोड़ से भी ज्यादा बच्चे अपने मासूम बचपन को बाल मजदूरी की तपती भट्ठी में झोंकने को विवश हैं, जो स्कूली शिक्षा से भी वंचित हैं.

औद्योगिकीकरण की अंधी दौड़ में देश में मजदूर महिलाओं व छोटे-छोटे मासूम बच्चों का शारीरिक व मानसिक शोषण किसी से छिपा नहीं है. मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग के अलावा लगभग प्रत्येक देश में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सक्रिय हैं लेकिन जिस गति से मानवाधिकारों का हनन हो रहा है.

दुनियाभर में दो प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ व ‘ह्यूमन राइट वाच’ का विशेष रूप से उल्लेख किया जा सकता है, जो वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं और प्रतिवर्ष इस पर अपनी रिपोर्ट भी पेश करते हैं. मानवाधिकार हनन के मामले में हर देश की क्रमानुसार स्थिति दर्शाई जाती है और इस रिपोर्ट के आधार पर जिस देश में मानवाधिकार की स्थिति दयनीय होती है, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न केवल आलोचना का शिकार होना पड़ता है बल्कि अमेरिका जैसे विकसित देश उस पर आर्थिक प्रतिबंध भी लाद देते हैं.

Web Title: Human Rights Day 10 dec 1948-2024 Even after 76 years crores people deprived human rights in world blog Yogesh Kumar Goyal

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