पाकिस्तान को लेकर नई पहल कितनी कारगर होगी, क्या है उसकी असली मंशा?

By शोभना जैन | Published: January 28, 2023 03:54 PM2023-01-28T15:54:16+5:302023-01-28T15:54:42+5:30

आमतौर पर इस तरह के बहुराष्ट्रीय मंचों में सभी सदस्य देशों को अध्यक्ष देश द्वारा बैठक के लिए आमंत्रित किए जाने की परंपरा है, लेकिन जिस तरह से पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के साथ तल्ख रिश्तों का दौर चल रहा है, इस निमंत्रण को शांति कायम करने की भारत की एक और नई पहल के रूप में देखा जा रहा है।

How effective will the new initiative regarding Pakistan be what is its real intention | पाकिस्तान को लेकर नई पहल कितनी कारगर होगी, क्या है उसकी असली मंशा?

पाकिस्तान को लेकर नई पहल कितनी कारगर होगी, क्या है उसकी असली मंशा?

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अध्यक्ष के नाते पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को आगामी मई में होने वाले एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए न्यौता भेजा है, जिसे दोनों देशों के बीच शांति कायम करने के लिए भारत की एक नई पहल माना जा रहा है। आमतौर पर इस तरह के बहुराष्ट्रीय मंचों में सभी सदस्य देशों को अध्यक्ष देश द्वारा बैठक के लिए आमंत्रित किए जाने की परंपरा है, लेकिन जिस तरह से पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के साथ तल्ख रिश्तों का दौर चल रहा है, इस निमंत्रण को शांति कायम करने की भारत की एक और नई पहल के रूप में देखा जा रहा है। वैसे इस बैठक के लिए एससीओ के सदस्य चीन के विदेश मंत्री को भी निमंत्रण भेजा गया है। 

समझा जाता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को भी जून में होने वाली एससीओ देशों के राष्ट्राध्यक्षों की शिखर बैठक के लिए जल्द ही निमंत्रण भेजा जाएगा। निश्चित तौर पर अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने  संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ मोर्चा बांधने के बाद  पिछले हफ्ते जिस तरह से भारत के साथ शांति कायम करने की बात की है, उसके चलते देखना होगा कि पाकिस्तान की असली मंशा क्या है, क्या आंतरिक बदहाली से जूझ रहा देश शांति वाकई कायम करना चाहता है, संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है? यह न केवल इस न्यौते  के जवाब  में उसकी हिस्सेदारी से बल्कि उसके आगे के कदमों पर निर्भर करेगा।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री अगर इस बैठक में हिस्सेदारी करते हैं तो 2011 में हिना रब्बानी खार के बाद से किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा होगी। खार फिलहाल पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हैं और अगर बिलावल की बात करें तो अगर यह यात्रा होती है तो उनकी यात्रा सवालों के घेरे में होगी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी ‘अशोभनीय’ टिप्पणी को लेकर भारत में विरोध प्रदर्शन किए गए थे। हाल ही में दावोस में खार ने भी कहा था कि शांति वार्ता आगे बढ़ाने के लिए फिलहाल वह भारत के प्रधानमंत्री को साझीदार देश के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखती हैं। वैसे इस निमंत्रण को लेकर पाक ने कहा है कि विचार-विमर्श के बाद इस बारे में फैसला किया जाएगा।

भारत का पाकिस्तान से यही कहना रहा है कि सभी विचाराधीन मुद्दों का द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण ढंग से समाधान किया जाना चाहिए। ऐसा माहौल बनाएं जहां शांतिपूर्ण ढंग से विचाराधीन मुद्दों पर बातचीत हो सके। निश्चय ही यह जिम्मेदारी अब पाकिस्तान की है कि समस्याओं को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ने का एक रास्ता बनाए।

Web Title: How effective will the new initiative regarding Pakistan be what is its real intention

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