एलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 4, 2025 08:07 IST2025-12-04T08:06:44+5:302025-12-04T08:07:42+5:30
लेकिन मस्क की आशंका को लेकर ज्यादा चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने इसके लिए पांच से दस साल की अवधि रेखांकित की है

एलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका
दुनिया के जाने-माने उद्योगपति एलन मस्क का मानना है कि दुनिया में जो स्थितियां पैदा हुई हैं, उनसे यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि जल्दी ही बड़ा युद्ध हो सकता है. वे बड़े युद्ध की बात कर रहे हैं तो निश्चय ही उनका आशय विश्वयुद्ध को लेकर है. एलन मस्क पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने इस तरह की चिंता जाहिर की है, कई लोग आशंकाएं व्यक्त करते रहे हैं लेकिन मस्क की आशंका को लेकर ज्यादा चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने इसके लिए पांच से दस साल की अवधि रेखांकित की है. उम्मीद तो यही की जानी चाहिए कि ऐसा न हो लेकिन दुर्भाग्य से यदि तीसरा विश्वयुद्ध हो गया तो फिर दुनिया के हालात कैसे होंगे?
पहले विश्वयुद्ध के समय दुनिया के पास परमाणु बम नहीं था, फिर भी उस जंग में डेढ़ से दो करोड़ लोग मारे गए. इनमें से एक करोड़ लोग निर्दोष नागरिक थे जिनका जंग से कोई लेना-देना नहीं था. करीब चार करोड़ लोग घायल हुए थे. तब भारत में ब्रिटिश राज था और ब्रिटेन की तरफ से जंग लड़ने 11 लाख से ज्यादा भारतीयों की जो फौज गई थी, उसमें से 74 हजार भारतीय सैनिकों की मौत हो गई. अनुमान है कि द्वितीय विश्व युद्ध में मौत का आंकड़ा 5 करोड़ से 8.5 करोड़ के बीच था.
मरने वालों में आधी से भी ज्यादा संख्या नागरिकों की थी जो जंग नहीं लड़ रहे थे. पोलैंड की तो 20 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मौत का शिकार हो गई थी. दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति जापान पर अमेरिकी परमाणु हमले के साथ हुई थी. इस वक्त दुनिया के नौ देशों रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया के पास 12 हजार से ज्यादा परमाणु बम हैं. वैसे इनमें से 87 प्रतिशत परमाणु बम केवल रूस और अमेरिका के पास हैं.
जिन देशों के पास परमाणु बम हैं, उनमें से यदि एक ने भी किसी देश पर परमाणु बम फोड़ने का दुस्साहस कर दिया तो फिर क्या होगा? दुर्भाग्य की बात है कि पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे गैरजिम्मेदार देशों के पास भी बहुतायत में परमाणु बम हैं और दोनों ही देश परमाणु बम की धमकी देते भी रहते हैं.
जाहिर सी बात है कि यदि तीसरा विश्वयुद्ध हुआ और उसमें परमाणु बमों का उपयोग शुरु हुआ तो वह मानव इतिहास के लिए सबसे घातक वक्त होगा. ये 12 हजार परमाणु बम दुनिया को एक नहीं, कई बार खत्म कर सकते हैं. दुनिया के विभिन्न देशों के नेतृत्वकर्ताओं को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए.