योगेश कुमार गोयल का ब्लॉग: शांति स्थापना में शांति रक्षकों का योगदान
By योगेश कुमार गोयल | Published: May 29, 2023 03:54 PM2023-05-29T15:54:30+5:302023-05-29T15:56:04+5:30
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस का कहना है कि दुनियाभर में हिंसक संघर्षों में फंसे लाखों लोगों के लिए शांति रक्षा एक आवश्यकता एवं आशा है तथा शांति रक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए जरूरत है कि सब मिलकर इसके लिए काम करें ताकि लोगों को सुरक्षा और शांति को बढ़ावा मिल सके.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन 29 मई 1948 को स्थापित किया गया था. उस समय इजराइल तथा अरब देशों के बीच फैली अशांति को दूर करने के लिए वहां यूएन द्वारा शांति रक्षक सैनिकों की तैनाती की गई थी. संयुक्त राष्ट्र द्वारा अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, यूरोप तथा मध्य पूर्व में 71 शांति अभियान चलाए गए हैं.
दुनियाभर में शांति बहाल करने में संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षकों की अहम भूमिका रहती है, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जान दांव पर लगाकर कार्य करते रहे हैं और फिलहाल विश्वभर में एक लाख से भी अधिक पुरुष व महिला बतौर शांति रक्षक यूएन के शांति अभियानों में सक्रिय हैं, जिनमें विभिन्न देशों में करीब 96 हजार सैनिकों और पुलिसबल के अलावा लगभग 15 हजार आम नागरिक यूएन के शांति रक्षा मिशन में शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2002 में प्रस्ताव संख्या ए/ईएस/57/129 के जरिये आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए पहली बार ‘शांति रक्षा मिशन’ को अधिकार दिए गए और 29 मई को ‘शांति रक्षक दिवस’ के रूप में नामित किया गया, तब से प्रतिवर्ष यह दिन ‘संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है.
यूएन का शांति रक्षा मिशन इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस का कहना है कि दुनियाभर में हिंसक संघर्षों में फंसे लाखों लोगों के लिए शांति रक्षा एक आवश्यकता एवं आशा है तथा शांति रक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए जरूरत है कि सब मिलकर इसके लिए काम करें ताकि लोगों को सुरक्षा और शांति को बढ़ावा मिल सके.