वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉगः अहंकार का इलाज ऐसे होता है!

By वेद प्रताप वैदिक | Published: June 8, 2019 11:10 AM2019-06-08T11:10:06+5:302019-06-08T11:10:06+5:30

अहंकार के चलते ऊंच-नीच, गरीब-अमीर, छोटे-बड़े की खाई खिंचती चली जाती है.

Blog of Ved Pratap Vaidik: This is the treatment of ego! | वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉगः अहंकार का इलाज ऐसे होता है!

वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉगः अहंकार का इलाज ऐसे होता है!

दो विश्व-विख्यात अमीरों ने गजब की मिसाल कायम की है. बिल गेट्स और वॉरेन बफे का नाम किसने नहीं सुना. गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक हैं और उनकी संपदा 7.14 लाख करोड़ रु. है. वॉरेन बफे डेरी क्वीन रेस्टोरेंट की चेन के मालिक हैं. इनकी संपदा 5.84 लाख करोड़ रु. मानी जाती है. गेट्स 63 साल के हैं अैर बफे 88 के. अब सुनिए, दोनों ने क्या किया? दोनों डेरी क्वीन रेस्टोरेंट में गए. पहले उन्होंने वहां लंच किया और फिर वेटरों का चोगा पहनकर ग्राहकों की सेवा में लग गए. उन्होंने मिल्क शेक और काफी खुद बनाई और साधारण वेटर की तरह ग्राहकों को परोसने लगे. बाद में मुनीम बनकर उन्होंने कैश काउंटर भी संभाला. यह सब किया उन्होंने खुशी-खुशी और ग्राहकों के साथ वे ठहाके भी लगाते रहे. 

क्या हम सोच सकते हैं कि उन्होंने यह सब क्यों किया? क्या अखबारों में नाम छपवाने और टीवी चैनलों पर खुद को दिखाने के लिए? नहीं. यह उन्होंने किया, अरबपति होने का जो भार दिमाग पर भारी पड़ता जा रहा था, उसे हटाने के लिए. दूसरे शब्दों में यह अहंकार-मुक्ति का सबसे सरल उपाय है. हमारे भारतीय सिख गुरुद्वारों में बड़े-बड़े अमीरों, नेताओं, विद्वानों और शक्तिशाली लोगों को आम आदमियों के जूते साफ करते देखकर मैं बचपन में चकित हो जाता था, लेकिन बड़े होने पर मुङो समझ में आया कि मनुष्य के सबसे सूक्ष्म लेकिन भयंकर रोग का यह सबसे बढ़िया और सस्ता इलाज है. वह रोग क्या है? वह है अहंकार. लोगों को इसी बात का अहंकार हो जाता है कि उन्हें अहंकार नहीं है. इतना सूक्ष्म है यह रोग. 

अहंकार के चलते ऊंच-नीच, गरीब-अमीर, छोटे-बड़े की खाई खिंचती चली जाती है. ऐसा नहीं है कि अहंकार सिर्फ व्यक्तियों को ही होता है. इसके शिकार राष्ट्र, वर्ग, जातियां और कई संगठन भी हो जाते हैं. यह भयंकर हिंसा और युद्ध का कारण भी बन जाता है. गेट्स और बफे ने रेस्टोरेंट में वेटर का काम करके दुनिया को यह बताया है कि कोई काम छोटा नहीं होता. जिस काम को आप छोटा समझते हैं, उसे भी यदि ढंग से किया जाए तो वह भी बड़े से बड़ा हो सकता है. 

Web Title: Blog of Ved Pratap Vaidik: This is the treatment of ego!

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