उन्मादी बनाते इंटरनेट मीडिया पर अंकुश लगे

By ऋषभ मिश्रा | Updated: February 7, 2025 06:47 IST2025-02-07T06:47:26+5:302025-02-07T06:47:31+5:30

इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि जब भी देशों में तनाव की स्थिति होती है

Internet media which is creating frenzy should be curbed | उन्मादी बनाते इंटरनेट मीडिया पर अंकुश लगे

उन्मादी बनाते इंटरनेट मीडिया पर अंकुश लगे

अक्सर खुद को बोरियत से बचाने के लिए रील्स या वीडियोज पर घंटों तक समय बिताने अथवा ‘स्क्रॉल’ करने वाले लोग शायद ‘ब्रेन रॉट’ का सामना कर रहे हैं. इसे ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने 2024 का शब्द चुना है. इसका मतलब है बहुत देर तक मोबाइल या कम्प्यूटर पर बेकार की चीजें देखने से दिमाग पर बुरा असर पड़ना जिसके फलस्वरूप हमारे बौद्धिक स्तर में गिरावट आना.

जब हम इंटरनेट मीडिया पर घंटों देर तक ‘कंटेंट’ देखते रहते हैं तब हमारा दिमाग थक जाता है और हम सही से सोच नहीं पाते हैं. ब्रेन राॅट का सीधा संबंध हमारे सोचने के तरीके से है और सोचने के तरीकों में आ रही विसंगति से ही हम असहिष्णु और उन्मादी भी बनते जा रहे हैं. कुछ आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं. जैसे ‘एंटी डिफेमेशन लीग’ की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में इंटरनेट मीडिया पर ‘ऑनलाइन हैरेसमेंट’ में 22 फीसदी तक की वृद्धि हुई है.  

इंटरनेट मीडिया के ‘एल्गोरिदम’ को उपभोक्ता (यूजर्स) से अधिक जोड़े रखने के लिए डिजाइन किया जाता है. हालांकि इसका दुष्प्रभाव है कि ये अक्सर सनसनीखेज या नफरत फैलाने वाले कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि जब भी देशों में तनाव की स्थिति होती है तब सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर नफरत भरे भाषणों में अधिकांशतः वृद्धि हो जाती है.

उदाहरण के लिए 2020 में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के विरोध प्रदर्शनों के दौरान अश्वेतों के खिलाफ झूठी खबरें (फेक न्यूज) फैलाई जा रही थीं. आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं. ‘नाइट फाउंडेशन’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि 70 फीसदी इंटरनेट मीडिया यूजर्स ने माना है कि एल्गोरिदम इंटरनेट मीडिया पर अतिवाद के प्रसार में योगदान करते हैं.

इंटरनेट मीडिया के इस दुष्प्रभाव से लड़ने के लिए कई देशों ने कदम उठाए हैं. ‘फिनलैंड’ देश की सरकार ने अपने राष्ट्रीय शिक्षा पाठ्यक्रम में डिजिटल साक्षरता (डिजिटल लिटरेसी) को शामिल किया है, जिसके अंतर्गत छात्रों को विश्वसनीय जानकारी और गलत जानकारी के बीच अंतर सिखाया जाता है.

‘हेलसिंकी’ विश्वविद्यालय के अध्ययन में पाया गया कि जिन छात्रों ने डिजिटल साक्षरता में भाग लिया उनकी ऑनलाइन जानकारी की समझ में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई. न्यूजीलैंड में 2019 में क्राइस्टचर्च मस्जिद की शूटिंग के बाद न्यूजीलैंड ने ‘हेट स्पीच’ व फेक न्यूज के लिए सख्त नियम लागू किए.

साथ ही नफरत भरे भाषणों पर संवाद बढ़ाने के लिए ‘कम्युनिटी ग्रुप्स’ की शुरुआत की गई, जिसके प्रभाव के चलते न्यूजीलैंड के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के सर्वे में पाया गया कि कम्युनिटी ग्रुप्स में भाग लेकर 75 फीसदी लोगों में डिजिटल समझ बढ़ी. वहीं स्वीडिश सरकार ने युवा लोगों के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए हैं.

Web Title: Internet media which is creating frenzy should be curbed

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