ब्लॉग: आसान नहीं डीपफेक को नियंत्रित करना

By शशांक द्विवेदी | Published: November 17, 2023 03:00 PM2023-11-17T15:00:37+5:302023-11-17T15:01:19+5:30

इस बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक्स के दुरुपयोग होने पर अपनी एडवाइजरी में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट-2000 के सेक्शन 66डी का जिक्र करते हुए तत्काल कार्यवाही करने की बात कही है।

Controlling deepfakes is not easy | ब्लॉग: आसान नहीं डीपफेक को नियंत्रित करना

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

पिछले दिनों अभिनेत्री रश्मि मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें किसी और के चेहरे पर उनका चेहरा लगा दिया गया। वायरल वीडियो इंटरनेट मीडिया इंफ्लूएंसर जारा पटेल का था, जिसे एडिट करके उनके चेहरे को रश्मिका मंदाना के चेहरे से बदल दिया गया।

सबसे बड़ी बात यह है कि रश्मिका मंदाना के बाद अब इस वीडियो के सामने आने के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीपफेक वीडियो गलत सूचना का सबसे खतरनाक रूप हैं। फिलहाल प्रभावित लोगों को तुरंत एफआईआर दर्ज कराने को कहा है।

इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से टेक्नोलॉजी जिस तेजी से बदल रही है और दुनिया को जिस तेजी से प्रभावित कर रही है, वो हैरान करने वाला है। ऐसी कई चीजें, जिनके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते थे, वो भी इस टेक्नोलॉजी के जरिए असलियत में सामने आ रही हैं।

डीपफेक में वीडियो कुछ इस तरह से तैयार का किए जाते हैं कि आवाज और हावभाव लिया बिल्कुल वास्तविक लगते हैं। यूट्यूब भी डीपफेक की शिकायत मिलने पर उसे हटा देता है, लेकिन इंटरनेट के इस युग में इसे पूरी तरह से रोकना मुश्किल है। असल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब या फिर जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डीपफेक का सर्कुलेशन होता है।

इन कंपनियों को कानून की भाषा में इंटरमिडिएरी कहते हैं। भारत में आईटी एक्ट की धारा-79 के तहत उनको कानूनी छूट प्राप्त है इसलिए सेफ हार्बर की वजह से उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। इस बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक्स के दुरुपयोग होने पर अपनी एडवाइजरी में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट-2000 के सेक्शन 66डी का जिक्र करते हुए तत्काल कार्यवाही करने की बात कही है।

डीपफेक टेक्नोलॉजी का पिछले कुछ सालों में काफी गलत इस्तेमाल हुआ है। स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल इसका धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग पोर्नोग्राफी यानी अश्लील वीडियो या तस्वीरों के तौर पर हो रहा है।

यही नहीं जानी-मानी हस्तियों की पहचान के साथ भी इस टेक्नालॉजी के जरिए खिलवाड़ हो रहा है फिर भी हम लोग अपनी तरफ से सावधानी रखकर इस गंभीर समस्या से बच सकतें हैं। 

Web Title: Controlling deepfakes is not easy

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