लाइव न्यूज़ :

Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती क्यों मनाते हैं...क्या है मान्यता और इसके पीछे की पौराणिक कथा?

By योगेश कुमार गोयल | Updated: April 6, 2023 09:58 IST

हनुमान जयंती साल में दो बार मनाया जाता है. देश के कई हिस्सों में इसे चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. वहीं, कुछ जगहों पर इसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी मनाया जाता है. जानिए...क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा

Open in App

हिंदू पंचांग के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस वर्ष यह 6 अप्रैल को मनाया जा रहा है. हालांकि देश के कुछ हिस्सों में इसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी मनाया जाता है. वैसे हनुमान जन्मोत्सव साल में दो बार मनाया जाता है. पहला हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को और दूसरा कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी को. 

कुछ मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को प्रातःकाल में एक गुफा में हनुमान का जन्म हुआ था जबकि वाल्मीकि रचित रामायण के अनुसार हनुमान का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को हुआ था. मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान सूर्य को फल समझकर खाने के लिए दौड़ पड़े थे और एक ही छलांग में उन्होंने सूर्यदेव के पास पहुंचकर उन्हें पकड़कर अपने मुंह में रख लिया था.

जैसे ही नटखट हनुमान ने सूर्य को मुंह में रखा, तीनों लोकों में हाहाकार मच गया था. इसी तिथि को विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में भी मनाया है. एक मान्यता के अनुसार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान की भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था.

आजन्म ब्रह्मचारी हनुमानजी को भगवान महादेव का 11वां अवतार अर्थात् रूद्रावतार भी माना जाता है और हिंदू धर्म में हनुमान जन्मोत्सव का विशेष महत्व है. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में उन्हें विशिष्ट पंडित, राजनीति में धुरंधर और वीर-शिरोमणि कहा है. बजरंग बली हनुमान को कलियुग में ‘कलियुग के राजा’ की उपाधि प्राप्त है. 

इस दिन भक्तजन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हुए व्रत भी रखते हैं, जगह-जगह भव्य शोभायात्राएं भी निकाली जाती हैं. इस अवसर पर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड तथा हनुमान आरती का पाठ करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो भक्तजन हनुमान की भक्ति और दर्शन करते हुए व्रत रखते हैं, उन्हें हनुमान का आशीष प्राप्त होता है और उनके जीवन में किसी तरह का कोई संकट नहीं आता. 

दरअसल समस्त ब्रह्मांड में एकमात्र हनुमान ही ऐसे देवता माने जाते हैं, जिनकी भक्ति से हर प्रकार के संकट तुरंत हल हो जाते हैं और इसीलिए हनुमान को संकटमोचक भी कहा गया है. यह भी मान्यता है कि हनुमानजी की पूजा जीवन में मंगल लेकर आती है, इसीलिए उन्हें मंगलकारी कहा गया है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान ही ऐसे देवता हैं, जो सदैव अपने भक्तों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक देवता माने गए हनुमान को सभी देवताओं ने वरदान दिए थे, जिससे वह परम शक्तिशाली बने थे.

टॅग्स :हनुमान जयंतीहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय