ब्लॉग: बैसाखी से मिलता है नवजीवन का संदेश
By राजिंदर सिंह महाराज | Published: April 14, 2023 09:17 AM2023-04-14T09:17:18+5:302023-04-14T09:18:46+5:30
बैसाख का महीना तभी सफल होगा, जब नई जिंदगी की शुरुआत होगी. वही महीना, वही दिन, वही मुहूर्त अच्छा है, जिसमें हमने उस प्रभु को पा लिया.
बैसाखी के दिन हमारी नई जिंदगी का आरंभ होना चाहिए. दिल से सब फर्क मिट जाने चाहिए. प्रकृति के लिहाज से इस महीने पेड़-पौधों में नई कोंपलें निकलनी शुरू हो जाती हैं, इनमें एक नई जिंदगी की शुरुआत होती है तो हमें भी इस दिन कुछ नया सबक लेना चाहिए जिससे नई कोंपलें फूटें.
महापुरुष जब-जब भी इस दुनिया में आते हैं, वे एक ही बात को बार-बार पेश करते हैं, वह क्या? कि मनुष्य जन्म बड़े भाग्य से मिलता है, इसमें हम अपने घर वापस जा सकते हैं. परमात्मा महाचेतना का सागर है और आत्मा उसकी बूंद है. परमात्मा प्रेम है, आत्मा की जात भी प्रेम है, इसमें कुदरती तौर से प्रभु से मिलने का भाव है, इसका गुण है अपने प्रीतम से जुड़ना.
आत्मा चेतना स्वरूप है, जब तक महाचेतन प्रभु से नहीं मिलेगी उसको संतुष्टि नहीं होगी. मन कभी काबू नहीं होगा जब तक नाम से, परिपूर्ण परमात्मा से नहीं मिलेगा, ‘नाम मिले मन तृप्तिये’. भगवान कृष्ण के जीवन में आता है कि उन्होंने यमुना नदी में छलांग मारी. नीचे हजार मुंह वाला सांप था. उन्होंने बांसुरी बजाते हुए उसका नथन किया. यह सांप कौन था? मन, जिसके हजार तरीके हैं, जहर चढ़ाने के. उसको जीतना है. ‘मन जीते जग जीत’. हमारे और उस प्रभु की प्राप्ति के बीच कोई रुकावट है तो वह मन ही है.
अगर तुम अपने दिल में प्रभु को पाने का पक्का इरादा रखते हो तो एक कदम अपने मन पर रखो अर्थात् इसे खड़ा करो, दूसरा कदम जो तुम उठाओगे, प्रभु की गली में पहुंच जाएगा.
बैसाख का महीना तभी सफल होगा, जब नई जिंदगी का आरंभ होगा. वही महीना, वही दिन, वही मुहूर्त अच्छा है, जिसमें हमने उस प्रभु को पा लिया. जो मालिक की नजर पा गया, संतों की कृपा से उसका जीवन सफल है.