लाइव न्यूज़ :

पूर्वोत्तर में भी बीजेपी को कांग्रेस के बागियों का सहारा, पहले भी इस फॉर्मूले को आजमा चुकी हैं भाजपा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 10, 2018 18:23 IST

क्या इस कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को भाजपा पूरे देश में कांग्रेसियों के सहारे हासिल कर रही हैं और कांग्रेस मुक्त भारत के चक्कर में भाजपा खुद कांग्रेस युक्त भाजपा बनती जा रही हैं ।

Open in App

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मोदी लगभग अपने सभी रैलियों में कांग्रेस मुक्त भारत का नारा खूब लगाते हैं।हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पहले राज्यसभा में अभिभाषण देते हुए कहा कांग्रेस मुक्त भारत का नारा उनकी खोज नहीं है बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सबसे पहले कांग्रेस को समाप्त करने की नसीहत दी थी। 

साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का उनका नारा राजनीतिक रूप से मुख्य विपक्षी दल को समाप्त करने का नहीं बल्कि देश को कांग्रेस संस्कृति से छुटकारा दिलाने के लिए है और साथ ही भाजपा इस नारे पर अमल करते हुए आज पूरे देश के 19 राज्यों समेत देश के कुल आबादी के लगभग 70 फीसदी पर सहयोगियों के साथ के साथ भाजपा का राज हो गया है। लेकिन क्या इस कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को भाजपा पूरे देश में कांग्रेसियों के सहारे हासिल कर रही हैं और कांग्रेस मुक्त भारत के चक्कर में भाजपा खुद कांग्रेस युक्त भाजपा बनती जा रही हैं ।

पिछले साल हुए पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव इसका तरोताजा उदाहारण हैं। पूर्वोत्तर के मणिपुर में एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही पहली बार मणिपुर में भाजपा की सरकार बन गई हैं। लेकिन सबसे मजेदार बात यह हैं कि एन बीरेन सिंह कांग्रेस की पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। और वे 2017 के अक्‍टूबर में कांग्रेस से इस्‍तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे और पहली बार मणिपुर में भाजपा सरकार की अगुवाई कर रहे हैं। वहीं अन्य राज्यों में उत्तराखंड की बात करे तो भाजपा नें यहा दो - तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाई हैं और इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर एक चुटकुला खूब चला जीत तो कांग्रेसियों को मिली है, बस चुनाव चिह्न बदल गया है।

इस चुटकुला का मतलब आप तो समझ ही गए होंगे। उत्तराखंड में चुनाव से पहले ही कांग्रेस के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा समेत सतपाल महाराज, उनकी पत्नी अमृता रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मंत्री हरकसिंह रावत, सुबोध उनियाल, प्रणव सिंह, केदार सिंह रावत, प्रदीप बत्रा, रेखा आर्य भाजपा में शामिल हो गए थे। और पार्टी आलाकमान कांग्रेस से आए इन मंत्रियों और विधायको इस प्रकार तरजीह दी है कि उत्तराखंड के नौ सदस्यीय मंत्रिमंडल के सदस्य में पांच कांग्रेसी है, जिनमें सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य शामिल हैं।

ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में रहा में कांग्रेस में लंबे समय तक रह नारायण दत्त तिवारी, रीता बहुगुणा जोशी, अमरपाल त्यागी, धीरेंद्र सिंह, रवि किशन समेत कई अन्य नेता भाजपा में शामिल हो गए। इनमें से कई नेताओं को विधानसभा में टिकट मिला और उन्होंने जीत भी हासिल की है। रीता बहुगुणा जोशी को तो मंत्रिमंडल में भी शामिल किया है। गोवा में विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। जिनमें से कांग्रेस विधायक विजय पाई खोट, प्रवीण ज्यांते और पांडुरंग मदकाईकर जो भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने इन्हे विधानसभा की टिकट भी दी थी। जिससे भाजपा में आंतरिक विरोध का भी सामना करना पड़ा था।

लेकिन इन सभी राज्यों से अलग हटकर एक अलग ही कहानी हैं अरुणाचल प्रदेश की, 2014 में हुए राज्य के 60 सदस्य वाले विधानसभा की चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की लेकिन मजे की बात यह है की वहा अभी भाजपा की सरकार है और भाजपा के पास 47 विधायक हैं जिसमें से ज्यादातर विधायक कांग्रेस छोडकर आए हैं। यहा तक की राज्य के मुख्यमंत्री जो की पहले कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ज्वाइन किया लेकिन चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए और अब वे अरुणाचल में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं।  इससे पहले उनके पिता दोरजी खांडू कांग्रेस से प्रदेश से मुख्यमंत्री रहे चुके है । इस साल आठ राज्यों में चुनाव होने हैं जिनमें पूर्वोत्तर के तीन राज्य मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में भी चुनाव होने हैं।

भाजपा पहले ही पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में अपने सहयोगी दलों से गठबंधन कर सत्ता में मौजूद हैं। और अब भाजपा इन तीनों राज्यों में भी सत्ता हासिल करना चाहती है साल 2014 में आठ पूर्वोत्तर राज्यों की कुल 25 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने सिर्फ 8 सीटें ही जीती थी लेकिन बीजेपी 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले पूरे पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में सत्ता में आना चाहती हैं ताकि सभी सीटों पर जीत दर्ज कर सके।

ये ब्लॉग लोकमत के लिए प्रिंस राय ने लिखी है। प्रिंस फिलहाल शारदा यूर्निवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे हैं।

टॅग्स :विधानसभा चुनावकांग्रेसपीएम मोदीराहुल गाँधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा