कर्नाटकः बीजेपी का 'आत्मघाती कदम', 2019 में चुकाएगी कीमत
By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 18, 2018 04:46 PM2018-05-18T16:46:09+5:302018-05-18T16:46:09+5:30
15 मई को रिजल्ट आने के बाद से कर्नाटक में हो रहे घटनाक्रम में बीजेपी के तौर-तरीकों ने एक बार विपक्ष के एकजुट कर दिया है।
कर्नाटक में बहुमत के बिना भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री बनना, बीजेपी के लिए एक आत्मघाती कदम साबित हो सकता है। 15 मई को रिजल्ट आने के बाद से कर्नाटक में हो रहे घटनाक्रम में बीजेपी के तौर-तरीकों ने एक बार विपक्ष के एकजुट कर दिया है।
कर्नाटक फिसलने की भनक पर ही जिस तरह से कर्नाटक कांग्रेस केपीसीसी अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस ने कर्नाटक भेजा, येदियुरप्पा के शपथ लेने की भनक पर रात डेढ़ बजे चीफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया, येदियुरप्पा की तर्ज पर गोवा, मणिपुर, मेघालय में कांग्रेस नेताओं की राज्यपालों के समक्ष सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बहुमत साबित करने का मौके लिए चढ़ बैठना, इन सभी बातों ने कांग्रेस में नये सिरे जोश और एकजुटता दिखाई दे रही है।
कांग्रेस प्रदेश में 122 से महज 78 पर सिमट गई, ऐसे में पार्टी के लिए यह एक निराश होने का कारण था। क्योंकि ऐसा कर्नाटक की सत्ता से बाहर होते कांग्रेस वो आखिरी उम्मीद भी छिन गई, जिससे कांग्रेस वापसी की राह देख रही थी। कर्नाटक जाने के जाने बाद कांग्रेस शासित बस पंजाब, मिजोरम, पुदुचेरी ही बचते हैं। लेकिन कर्नाटक की हार ने ना केवल कांग्रेस में नई ऊर्जा भरी है, बल्कि बीजेपी के बर्ताव ने पूरे विपक्ष को फिर से महागठबंधन को ललकार दिया है। (जरूर पढ़ेंः बीजेपी के बोपैया बने प्रोटेम स्पीकर, इनके सामने कल बहुमत साबित करेंगे येदियुरप्पा)
बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कर्नाटक रिजल्ट के बाद के घटनाक्रम पर कहा, 'यह अच्छा है कि पूरा विपक्ष एक साथ हो जाए और देश से पूरी गंदगी एक बार साफ हो जाए।' ऐसे में जिस महागबंधन की धूरी कांग्रेस के कमजोर होने के साथ कमजोर होने लगा था, वह एक बार फिर से मजबूत होने लगा है।
इतिहास गवाह है अगर पूरा विपक्ष एक साथ आया है तो इंदिरा गांधी जैसी सरकार, कांग्रेस जैसी पार्टी जनता पार्टी के लहर में उड़ गई थी। अगर साल 2019 में ऐसा महौल फिर से बना तो यह बीजेपी के लिए चिंताजनक बात है। और इसमें सबसे अहम भूमिका कर्नाटक रिजल्ट निभाने जा रहे हैं।