वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः कश्मीर में सत्ता के लिए उठापटक

By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 24, 2018 07:55 AM2018-11-24T07:55:27+5:302018-11-24T07:55:27+5:30

कश्मीर-समस्या को हल करने के लिए जनरल मुशर्रफ के साथ अटलजी और मनमोहन सिंहजी ने जो चार मुद्दे तय किए थे, उन पर दुबारा संवाद कायम किया जाए.

Blog of Ved Pratap Vaidik: Battle for power in Kashmir | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः कश्मीर में सत्ता के लिए उठापटक

महबूबा मुफ्ती बायें व सज्जाद लोन दायें, फाइल फोटो

जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को भंग करने के अलावा राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पास चारा क्या था? पिछले पांच महीने से पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस मांग कर रही थीं कि विधानसभा भंग करो. सो, राज्यपाल ने उनकी मांग मान ली. अब उनके बौखलाने का कारण क्या है? कारण यह है कि इन तीनों पार्टियों ने मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था.

इन तीन पार्टियों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर सरकारें बनाई हैं और उन्हें वक्त के पहले गिरा भी चुके हैं. जाहिर है कि अभी इन दलों ने संयुक्त मोर्चा बनाने में पांच माह लगा दिए लेकिन इनका कोई भरोसा नहीं कि पांच माह तक ये सरकार चला पाते या नहीं? इससे तो ज्यादा अच्छा है कि कश्मीर में राष्ट्रपति या राज्यपाल का शासन हो.  

राज्यपाल मलिक  मलिक के मन में यदि पक्षपात होता तो भाजपा और पीपुल्स कांफ्रेंस की सरकार को वे शपथ दिलवा सकते थे, क्योंकि पीसी के नेता सज्जाद लोन ने दावा किया था कि उन्हें 53 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. महबूबा मुफ्ती के मोर्चे ने 56 विधायकों का दावा किया था. ये दावे कैसे हैं और पर्दे के पीछे क्या चल रहा था, यह राजभवन के बयान से स्पष्ट हो जाता है.

बड़े पैमाने पर पैसों और कुर्सियों का लेन-देन चल रहा था. दोनों में से जो भी सरकार बनती, उसके मूल में भ्रष्ट आचरण होता. क्या उससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को राहत मिलती? इसीलिए राज्यपाल ने ठीक किया. लेकिन अब उन्हें सावधान रहना होगा कि सभी सत्ताप्रेमी नेता (भाजपा के अलावा) चाहेंगे कि कश्मीर घाटी में भयंकर असंतोष भड़के और केंद्र सरकार बदनाम हो जाए.

इस समय जरूरत इस बात की है कि कश्मीर-समस्या को हल करने के लिए जनरल मुशर्रफ के साथ अटलजी और मनमोहन सिंहजी ने जो चार मुद्दे तय किए थे, उन पर दुबारा संवाद कायम किया जाए. उसमें हुर्रियत और तथाकथित ‘आजाद कश्मीर’ को भी जोड़ा जाए. अभी तात्कालिक छोटा हल हुआ है, बड़े और स्थायी हल की कोशिश भी की जाए.

Web Title: Blog of Ved Pratap Vaidik: Battle for power in Kashmir

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