ब्लॉगः क्या फिर बीजेपी वही गलती दोहराने जा रही है, जो आडवाणी ने अटल सरकार में की थी

By खबरीलाल जनार्दन | Published: January 30, 2018 04:44 PM2018-01-30T16:44:12+5:302018-01-30T18:09:05+5:30

साल के उत्तरार्ध में कनार्टक, राजस्‍‌थान, मध्य प्रदेश औ छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में चुनावों के साथ लोकसभा चुनावों का भी ऐलान हो सकता है।

Is BJP going for Loksabha Election in 2018 | ब्लॉगः क्या फिर बीजेपी वही गलती दोहराने जा रही है, जो आडवाणी ने अटल सरकार में की थी

ब्लॉगः क्या फिर बीजेपी वही गलती दोहराने जा रही है, जो आडवाणी ने अटल सरकार में की थी

ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि साल 2004 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लाल कृष्‍ण आडवाणी ने मौके की नजाकत को देखते हुए करीब छह महीने पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनाव में ढकेल दिया था। तब एनडीए सरकार का पांच साल का कार्यकाल सितंबर 2004 में पूरा हो रहा था। लेकिन बीजेपी नेताओं ने पाया कि देश में छह महीने पहले उनके पक्ष में माहौल बना हुआ है और वे चुनाव में कूद गए। नतीजनत 20 अप्रैल से 10 मई के बीच चुनाव करा लिए गए। इसमें बीजेपी को इसमें करारी हार झेलनी पड़ी, जबकि उनका अनुमान था कि देश का महौल उनके पक्ष में है।

ऐसा कई बार सुनने को मिलता है कि इतिहास खुद को दोहराता है। अब 14 साल बाद फिर से देश में वैसे ही महौल बनते नजर आ रहे हैं। बीते सप्ताह देश के दो बड़े टीवी चैनलों और उनकी सहयोगी चुनावी सर्वे एजेंसियों ने सर्वे के नतीजे बताए। इसमें बताया गया कि अगर इस वक्त चुनाव करा ‌दिए जाते हैं तो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। दूसरी ओर पीएम मोदी के गढ़ गुजरात के विधानसभा चुनाव किसी तरह सत्ता बचा पाने के बाद से ही दबे सुर में बीजेपी की ओर ऐसी चर्चाएं छेड़ी जाने लगी हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए यही सही वक्त है। जबकि एनडीए सरकार का कार्यकाल साल 2019 के मई में समाप्त होगा।

साल 2018 के पूर्वार्ध में त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और कर्नाटक में चुनाव होने हैं। जबकि साल के उत्तरार्ध में राजस्‍‌थान, मध्य प्रदेश औ छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने रैलियों में व अन्य भाषणों में यह कहना शुरू कर दिया है कि राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक सा‌थ होने चाहिए। एक केंद्रीय फैसले के तौर पर‌ यह कितना टिकाऊ और मान्य होगा। यह बात भविष्य के गर्भ में है। लेकिन अगर बीजेपी चाहेगी तो आगामी कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में आ सकती है।

इस बारे में मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर राजनीतिक सहमति के लिए सतत संवाद का आह्वान किया। सरकार ने कहा कि निरंतर चुनावों को दरकिनार करने की जरूरत है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था व शासन पर भार डालता है और विकास को नुकसान पहुंचाता है। बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने इस महत्वाकांक्षी कदम का आह्वान किया। पिछले साल जुलाई में पदभार संभालने के बाद राष्ट्रपति का यह पहला अभिभाषण था।

आगामी वित्त वर्ष में सरकार की योजनाओं का खाका तैयार करने पर कोविंद ने संसद में तीन तलाक को अपराध मानने वाले विधेयक के पारित होने की आशा जताई, जो राज्यसभा में अटका हुआ है। इस विधेयक के कानून बन जाने पर 'मुस्लिम बहनें और बेटियां अपनी जिंदगी निडर होकर आत्मसम्मान से जी सकेंगी'। 

अपने 45 मिनट लंबे भाषण में राष्ट्रपति ने आंतरिक सुरक्षा के विषय को स्पर्श किया और पूर्वोत्तर, जम्मू एवं कश्मीर और नक्सली विद्रोह से निपटने में सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार का दावा किया। 

उन्होंने कहा, "देश में बार-बार होने वाले चुनावों के प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए सरकार के प्रति संवेदनशील लोग चिंताग्रस्त हैं, जो अर्थव्यवस्था और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।"

कोविंद ने कहा, "देश में बार-बार चुनाव होने से न केवल मानव संसाधनों पर अतिरिक्त भार पड़ता है, बल्कि आचार संहिता लागू होने के कारण देश की विकास प्रक्रिया में बाधा आती है। इसलिए एक साथ चुनाव कराने के विषय पर एक सतत संवाद की जरूरत है और सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर सहमति की जरूरत है।"

तीन तलाक विधेयक के संदर्भ में राष्ट्रपति ने कहा कि दशकों से मुस्लिम महिलाओं की प्रतिष्ठा राजनीतिक फायदे के लिए कैद कर रखी गई थी। उन्होंने कहा, "अब राष्ट्र के पास इन्हें बंधनमुक्त करने का अवसर है। मेरी सरकार संसद में तीन तलाक पर विधेयक लेकर आई है। मेरी आशा है कि संसद में जल्द ही इसे पारित कर कानून बनाया जा सकेगा।"

देश में आंतरिक सुरक्षा पर राष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के अंदर होने वाली आतंकी घटनाएं प्रत्यक्ष तौर पर सीमा पार से घुसपैठ से संबंधित हैं। कोविंद ने कहा कि सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को मंजूरी दी है। 

कोविंद ने मोदी के नए भारत की पहल के बारे में कहा कि प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र निर्माण में एक भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि नए भारत का सपना केवल एक राजनीतिक दल और संगठन से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह 130 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और उम्मीदों की अभिव्यक्ति है। 

राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों से हमारे संविधान में निहित समानता और भाईचारे के आदशरें को प्राप्त करने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। कमजोर तबके के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक न्याय को मजबूती देने और आर्थिक लोकतंत्र के साथ-साथ आम जनता की जिंदगी आसान बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राथमिकता से वित्तीय संस्थानों को मजबूत करने का बीड़ा उठाया है, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत की विकास दर में वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि मंडियों को ऑनलाइन प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा, ताकि किसानों को उनके उत्पादन के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। 

उन्होंने कहा, "अभी तक, ई-नाम पोर्टल पर लगभग 36,000 करोड़ रुपये के मूल्य वाली कृषि वस्तुओं का कारोबार किया गया है।" उन्होंने गरीबों, किसानों और वरिष्ठ नागरिकों के बीच आर्थिक असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए सरकार द्वारा सक्रिय और संवेदना के साथ कार्य करने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2017 में 5.71 करोड़ किसानों को सुरक्षा कवर मुहैया कराया गया है। 

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 18 करोड़ से अधिक गरीबों को कवर किया गया है और लगभग 2,000 करोड़ रुपये का दावों के रूप में भुगतान किया गया है।" वरिष्ठ नागरिकों के संबंध में, 80 लाख लोगों को अटल पेंशन योजना के तहत लाभ हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार समाज के सभी तबकों की आकांक्षा के प्रति संवेदनशील है और उसने पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक स्थिति प्रदान करने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और तुष्टिकरण नहीं चाहती है। सरकार अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए बहुत प्रयास कर रही है।

कोविंद ने कहा, "दिमाग में महिला सशक्तिकरण का उद्देशय ध्यान में रखते हुए सरकार ने आजादी के बाद से पहली बार 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिला को अपने पुरुष संबंधी के साथ हज यात्रा की बंदिशों को समाप्त कर दिया। इस साल 1,300 से ज्यादा महिलाएं बिना मेहरम (पुरुष अभिभावक) के हज यात्रा पर जा रही हैं।"

Web Title: Is BJP going for Loksabha Election in 2018

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