लाइव न्यूज़ :

निदा फाजलीः जिनकी शायरी में छिपे हैं जिंदगी और जिंदादिली के कई राज

By आदित्य द्विवेदी | Updated: February 8, 2018 15:36 IST

आज से ठीक दो साल पहले 8 फरवरी 2016 को निदा फाजली ने अपने जिस्म को छोड़कर शब्दों का लबादा ओढ़ लिया। आज निदा सशरीर हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनके शब्द हमारे बीच मौजूद हैं जो हमेशा हमें जिंदादिली का सलीका सिखाते रहेंगे। 

Open in App

मुक्तिदा हसन उर्फ निदा फाजली। निदा का मतलब होता है 'आवाज' और फाजली कश्मीर के उस इलाके का नाम है जहां से उनके पूर्वज आकर दिल्ली बस गए थे। उनके नाम की ही तरह निदा की शायरी में मिट्टी से जुड़ाव और जिंदादिली झलकती है। इश्क पर भी उनका एक अलग नजरिया है जो मोहब्बत करने वालों को नई रौशनी दिखाता है। निदा ने खुदा पर भी अपना फलसफा पेश किया। निदा की सबसे मकबूल गजल 'सफर में धूप' के शुरुआती दो शेर ही आज के समाज के प्रति उनके नजरिए की गवाही देते हैं...

'सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो। 

यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो।'

12 अक्टूबर 1938 को निदा फाजली का जन्म हुआ। निदा के पिता भी शायरी के शौकीन थे लिजाहा उन्हें शेरो-शायरी के संस्कार विरासत में मिले। अपना बचपन उन्होंने मशहूर शायरों की किताब, उर्दू और फारसी के दीवानों के बीच गुजारा। निदा फाजली ने नज्म, गजल और फिल्मों के लिए गीत भी लिखे हैं।

उर्दू साहित्य के जाने-माने आलोचक प्रोफेसर वारिस अल्वी ने कहीं कहा था कि निदा फाजली की नज्म 'मां' को उर्दू की चंद बेहतरीन नज्मों में शुमार किया जाना चाहिए। इस नज्म को पढ़ते हुए मां के प्रति कृतज्ञता का एहसास होगा। पढ़िए निदा फाजली की नज्म 'मां'.

बेसन की सोंधी रोटी पर, खट्टी चटनी जैसी माँयाद आती है चौका, बासन, चिमटा, फूंकनी जैसी माँ

बांस की खुर्री खाट के ऊपर, हर आहट पर कान धरेआधी सोई आधी जागी, थकी दोपहरी जैसी माँ

चिड़ियों के चहकार में गूंजे, राधा – मोहन  अली- अलीमुर्गी की आवाज़ से खुलती, घर की कुण्डी जैसी माँ

बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन, थोड़ी थोड़ी सब मेंदिन भर इक रस्सी के ऊपर, चलती नटनी जैसी माँ

बाँट के अपना चेहरा, माथा, आँखें, जाने कहाँ गयीफटे पुराने इक एलबम, में चंचल लड़की जैसी माँ।

इश्क पर भी निदा फाजली की कलम ने खूब रौशनी भरी है। 'दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती, खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती।' जब वो ये शेर लिखते हैं तो लगता है इश्क करने वालों को थपकी देकर समाज के सामने खड़े होने की हिम्मत दे रहे हैं। उनका शेर 'ये दिल कुटिया है संतों की यहाँ राजा भिखारी क्या, वो हर दीदार में ज़रदार है गोटा किनारी क्या' दिल को सुकून दे जाता है। उनकी नज्म 'वो शोख-शोख नजर सांवली-सी एक लड़की' से झलकता है कि एक शायर इश्क पर ऐसी भी सोच सकता है।

वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़कीजो रोज़ मेरी गली से गुज़र के जाती है

सुना है वो किसी लड़के से प्यार करती हैबहार हो के, तलाश-ए-बहार करती हैन कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँबस उसी वक़्त जब वो आती हैकुछ इंतिज़ार की आदत सी हो गई है मुझे

एक अजनबी की ज़रूरत हो गई है मुझेमेरे बरांडे के आगे यह फूस का छप्परगली के मोड पे खडा हुआ सा एक पत्थर

वो एक झुकती हुई बदनुमा सी नीम की शाखऔर उस पे जंगली कबूतर के घोंसले का निशाँयह सारी चीजें कि जैसे मुझी में शामिल हैंमेरे दुखों में मेरी हर खुशी में शामिल हैंमैं चाहता हूँ कि वो भी यूं ही गुज़रती रहेअदा-ओ-नाज़ से लड़के को प्यार करती रहे।

आज से ठीक दो साल पहले 8 फरवरी 2016 को निदा फाजली ने अपने जिस्म को छोड़कर शब्दों का लबादा ओढ़ लिया। आज निदा सशरीर हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनके शब्द हमारे बीच मौजूद हैं जो हमेशा हमें जिंदादिली का सलीका सिखाते रहेंगे। पुण्यतिथि पर निदा फाजली को उन्हीं के इन शब्दों से बेहतर श्रृद्धांजलि क्या होगी... 'तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है, जहां भी जाऊं हे लगता है तेरी महफिल है!'

टॅग्स :पुण्यतिथि
Open in App

संबंधित खबरें

भारतShivraj Patil Demise: पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 90 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

बॉलीवुड चुस्कीSulakshana Pandit Death: फिल्मी जगत की मशहूर सिंगर-एक्ट्रेस का निधन, 71 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

भारतलोक गायिका शारदा सिन्हा की पहली पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

फील गुड अधिक खबरें

फील गुड"किडोक्रेसी-कोख से लेकर कौशल तक की यात्रा!"

फील गुडविदेश में तिरंगे का सम्मान, सरावगी परिवार की प्रेरणादायक कहानी

फील गुडSurendranagar: कौन हैं जीत शाह?, कोविड लॉकडाउन में ऐसे किया कारनामा

फील गुडराजस्थानः कौन हैं मेघा जैन?, सोशल मीडिया में छा गईं...

फील गुडडिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपना बिजनेस बढ़ाया, जानें कौन हैं धुरधंर