दोस्ती दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट है, सारा सरवत ये तोहफा मुझे तुमसे मिला है

By मेघना वर्मा | Published: May 10, 2018 05:18 PM2018-05-10T17:18:33+5:302018-05-10T17:30:29+5:30

सऊदी अरब की सारा सरवत जब हमारे पीजी में रहने के लिए आई तो उसकी खूबसूरती देखकर हमें लगा कि वो बड़े एट्टिट्यूड वाली होगी।

Friendship is biggest gift Blog By Meghna Verma | दोस्ती दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट है, सारा सरवत ये तोहफा मुझे तुमसे मिला है

friendship is the biggest gift one can have

कहते हैं कुछ रिश्ते जन्नत से बन कर आते हैं जिन्हें जमीं पर सिर्फ संवारा जाता है। यहां रिश्ते का नाम सुनते ही आपके दिमाग में भी माँ-बाप, भाई-बहन, पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका के रिश्ते का ख्याल आया होगा। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत सोच रहे हैं। मैँ यहां जिस रिश्ते की बात कर रही हूं वो ना तो खून का रिश्ता है न, प्यार-मोहब्बत का। ये एक ऐसा रिश्ता है जिसे बनने में सिर्फ तीन महीने लगे। इन तीन महीनों में ही इस रिश्ते के आगे दूसरे सारे रिश्ते फीके से लगने लगे हैं। कुछ ऐसा ही रिश्ता जुड़ गया था सारा का मुझसे, सारा...सारा सरवत।

आज सुबह जब नींद खुली तो मेरे सामने एक बहुत ही भोली सी सूरत बनाये लम्बी सी लड़की खड़ी थी। जैसे ही तकिया छोड़ा रात की सारी बातें आंखों के सामने फ्लैश की तरह घूम गईं आज वही दिन था जब सारा को वापिस अपने देश सऊदी अरब जाना था, आज वही दिन था जब सारा हम सब को (पीजी की सारी लड़कियों को) छोड़ कर चली जाने वाली थी। नहीं उसके जाने पर कोई रो नहीं रहा था बस दिल में कुछ बहुत अजीब सा हो रहा था। एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ था। हम सब भले उससे कुछ-कुछ बातें कर रहे थे मगर दिल में बस यही लग रहा था की क्या बस इतना सा था ये सफर?

हमारी मुलाकात इसी साल जनवरी में हुई थी। सारा दिल्ली के एक नामचीन कॉलेज से बीटेक कर रही थी। वो तीन साल से हॉस्टल में रही। जनवरी में ही उसने हमारे पीजी में शिफ्ट किया था। मुझे याद है आज भी वो दिन जब पूरा हिजाब पहने वो लड़की अपने कमरे में गयी तो किसी से कोई बात नहीं किया था। वो बेहद सुंदर थी, तो हमें लगा शायद एटिट्युड वाली होगी। हमने भी ज्यादा भाव नहीं दिया। वो क्या है हम लड़कियों की आदत होती है,  बात हर किसी से करना चाहते हैं बस पहल करना पसंद नहीं करते। रात में जब सब खाने की टेबल पर बैठे तो बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। नाम से कॉलेज और फिर घर के पते तक बात होती ही गई। इसके बाद तो फिर हर रोज हम इमोशनली और अटैच होते गए।

देखते ही देखते हमारी बॉन्डिंग इतनी गहरी हो गई की पीजी में आई नयी लड़कियों की बुराई, केयर टेकर से लड़ाई सब साथ-साथ करने लगे। लेकिन आज वो जा रही थी। तड़के सुबह जब वो रेडी होकर एयरपोर्ट जाने के लिए कैब का इंतजार कर रही थी तो बस कुछ-कुछ बुदबुदा रही थी।"आप सब अपना ख्याल रखना", "आप ज्यादा ठंडी चीज मत खाना" उसे पता था मेरा गला अक्सर खराब रहता है। उसके सामन हम रख ही रहे थे कि उसका फोन बजा, "मैडम कैब नीचे खड़ी है"। लगा थोड़ा सा समय पीछे चला जाए, उससे जी भर के बातें कर लूं, मगर ये समय बेरहम होता है। फिर क्या नीचे गाड़ी में हमने उसका सामान रखा, एक आखिरी बार गले मिले और सबकी आंखों में आंसू भर के वो ये कहते हुए चली गई कि "घर जाने का सालों से इंतजार था पर पता नहीं क्यों आज आप सब को छोड़ के जाना बहुत अजीब लग रहा है।" 

ह्यबर्ट हम्फ्री ने लिखा है, दोस्ती दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट है, और मुझे ये मिला है। प्यारी सारा, ये गिफ्ट मुझे तुमसे मिला है।

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Web Title: Friendship is biggest gift Blog By Meghna Verma

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