वर्ष 2023: भारत के सामने कम नहीं हैं चुनौतियां, अगर कोरोना का रूप विकराल हुआ तो...

By अवधेश कुमार | Published: January 3, 2023 12:11 PM2023-01-03T12:11:04+5:302023-01-03T12:11:55+5:30

कोरोना केवल एक बीमारी नहीं है। यह अपने साथ आर्थिक- सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएं लेकर आता है। निश्चित रूप से आम लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि फिर कोरोना की त्रासदी हमारे देश में न आए। पिछली लहर को आधार बनाकर गलत आंकड़े, गलत तथ्य प्रस्तुत करने के साथ यह भय भी पैदा किया जा रहा है कि अस्पतालों में व्यवस्थाएं आने वाले खतरों के समक्ष नाकाफी हैं।

Year 2023 there are no less challenges in front of India if Corona becomes dreadful then | वर्ष 2023: भारत के सामने कम नहीं हैं चुनौतियां, अगर कोरोना का रूप विकराल हुआ तो...

वर्ष 2023: भारत के सामने कम नहीं हैं चुनौतियां, अगर कोरोना का रूप विकराल हुआ तो...

हर नया वर्ष पुराने वर्ष का ही विस्तार होता है। सन्‌ 2023 भी इसका अपवाद नहीं है। वर्ष 2022 के आरंभ और अंत तक घटी घटनाएं तथा अनेक घटनाओं की तैयार होती आधारभूमि से ही 2023 का ताना-बाना खड़ा होगा। इस वर्ष का सूर्योदय ऐसे समय हुआ जब पूरी दुनिया में कोरोना फिर भय पैदा कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में कोरोना ने पूरी दुनिया को हलाकान किया है। इसका प्रकोप कैसा होगा, कितना होगा, होगा कि नहीं होगा यह सब भविष्य के गर्त में है लेकिन हमारे पास सुरक्षा के हरसंभव उपाय करने तथा आक्रमण से बचाव की तैयारी के अलावा कोई चारा नहीं है। 

कोरोना केवल एक बीमारी नहीं है। यह अपने साथ आर्थिक- सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएं लेकर आता है। निश्चित रूप से आम लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि फिर कोरोना की त्रासदी हमारे देश में न आए। पिछली लहर को आधार बनाकर गलत आंकड़े, गलत तथ्य प्रस्तुत करने के साथ यह भय भी पैदा किया जा रहा है कि अस्पतालों में व्यवस्थाएं आने वाले खतरों के समक्ष नाकाफी हैं। अगर कोरोना का रूप विकराल हुआ तो पहले की तरह दुनिया भर में भारत को एक विफल देश के रूप में प्रस्तुत किए जाने का सामना करने को तैयार रहिए।

 जब भी भारत जैसा देश अपनी समस्त संभावनाओं को पहचान कर विश्व की पहली पंक्ति के देशों के समक्ष होने की कोशिश करता है तो उसे बाहरी एवं आंतरिक अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। भारत कई वर्षों से इसी दौर से गुजर रहा है। जाहिर है, 2023 इससे बिल्कुल अलग नहीं हो सकता। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सैनिक घुसपैठ करने की कोशिश ही इसलिए की ताकि भारत को दबाव में रखा जाए। 

जून, 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने का दुस्साहस किया था और उसके परिणामस्वरूप कोरोना प्रकोप से जूझते हुए भी भारत को सीमा सुरक्षा की दृष्टि से हर वह कदम उठाना पड़ा था जो कोई देश आसन्न युद्ध को देखते हुए उठाता है। चीन के कारण भारत को भारी खर्च उठाते हुए ऐसी स्थिति में लंबे समय तक रहना पड़ेगा। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में तेल के दाम और खाद्यान्नों की वैश्विक समस्या भारत को भी प्रभावित कर रही है। भारत ने व्यापक हितों का ध्यान रखते हुए युद्ध में कोई पक्ष बनने से स्वयं को बचाया है। इस कारण अमेरिका और यूरोप सहित नाटो के देश नाखुश भी हैं। विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने इनको सही जवाब दिया और कहा कि जब चीन हमारी सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहा था तो आप सुझाव दे रहे थे कि उनके साथ व्यापार बढ़ाएं। 2023 में भारत की विदेश नीति इसी तरह प्रखर रहेगी जिनकी चुनौतियां भी होंगी।

Web Title: Year 2023 there are no less challenges in front of India if Corona becomes dreadful then

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