अवधेश कुमार का ब्लॉग: ट्रम्प के झूठ से क्यों परेशान हों हम?
By अवधेश कुमार | Published: July 26, 2019 03:30 PM2019-07-26T15:30:00+5:302019-07-26T15:30:00+5:30
पाकिस्तान क्या मानता है इससे हमारे लिए कोई अंतर नहीं आना चाहिए. हो सकता है कि प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर चर्चा करते हुए ट्रम्प से कहा हो कि आप पाकिस्तान पर दबाव डालिए ताकि वह हमारे कश्मीर में आतंकवाद फैलाना बंद करे.
अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान ऐसा है जिससे भारत में खलबली मचनी स्वाभाविक है. भारत की घोषित नीति है- जम्मू कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं हो सकती. यही नहीं पाकिस्तान के साथ सारे विवाद को हम द्विपक्षीय मामला मानते हैं जिसमें तीसरे पक्ष की कोई आवश्यकता नहीं. इसके विपरीत पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान से ट्रम्प ने कहा कि दो महीने पहले प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था. यह भारत की घोषित नीति के विपरीत है. जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र तक की भूमिका को नकार दिया है तो किसी देश के हस्तक्षेप को कैसे स्वीकार कर सकता है. ट्रम्प का बयान निंदनीय और अस्वीकार्य है, पर यह एक ऐसा मामला है जिस पर पूरे देश को एक स्वर में बोलना चाहिए.
विदेश मंत्नी एस. जयशंकर ने संसद के दोनों सदन में बयान देकर खंडन किया. उन्होंने कहा कि मैं सदन को स्पष्ट तौर पर विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधनमंत्नी मोदी ने कभी ऐसी कोई बात नहीं की. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीमापार से होनेवाले आतंकवाद को खत्म किए बिना पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता संभव नहीं है. ट्रम्प का बयान आने के कुछ ही समय बाद विदेश मंत्नालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी ट्वीट कर ट्रम्प के बयान का दो टूक शब्दों में खंडन किया. भारत के लिए इतना ही पर्याप्त होना चाहिए.
पाकिस्तान क्या मानता है इससे हमारे लिए कोई अंतर नहीं आना चाहिए. हो सकता है कि प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर चर्चा करते हुए ट्रम्प से कहा हो कि आप पाकिस्तान पर दबाव डालिए ताकि वह हमारे कश्मीर में आतंकवाद फैलाना बंद करे. इसका उन्होंने अर्थ अपने अनुसार यह लगाया हो कि हमें मध्यस्थता के लिए कह रहे हैं. ट्रम्प झूठ बोलने के लिए भी कुख्यात हैं. या फिर उनकी कुछ रणनीति हो. ट्रम्प अफगानिस्तान से भागना चाहते हैं. वे यहां तक तैयार हैं कि अफगानिस्तान का शासन भले तालिबान के हाथों चला जाए लेकिन अमेरिका ज्यादा दिन वहां नहीं रह सकता. इसमें उनको लगता है कि बगैर पाकिस्तान के सहयोग के यह नहीं हो सकता इसलिए पाकिस्तानियों को खुश करने के लिए उन्होंने बयान दे दिया है. जो भी हो, उन्होंने जो कुछ कहा वह सरासर झूठ है.