प्रशासन की आंख इतनी देर से क्यों खुलती है?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: July 10, 2025 12:10 IST2025-07-10T12:10:31+5:302025-07-10T12:10:31+5:30

आज देश का शायद ही कोई शहर हो जहां सरकारी जमीनों पर कब्जा न हुआ हो. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की जानी चाहिए कि उन्होंने सरकारी जमीनों को मुक्त कराने का बड़ा अभियान शुरू कर रखा है. 

Why administration open its eyes so late over illegal construction? | प्रशासन की आंख इतनी देर से क्यों खुलती है?

प्रशासन की आंख इतनी देर से क्यों खुलती है?

उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मधुपुर स्थित आलीशान कोठी को ढहा दिया गया है. इसके पहले भी आरोपियों के अवैध निर्माणों और सरकारी जमीन पर कब्जे वाले मकानों को बड़े पैमाने पर हटाया गया है. केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र, गुजरात और देश के दूसरे राज्यों में भी इस तरह की कार्रवाई हुई है और होती रहती है. 

तकनीकी तौर पर प्रशासन का कहना सही हो सकता है कि भवन अवैध था इसलिए उसे हटा दिया गया लेकिन पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि बुलडोजर की कार्रवाई दंड के रूप में नहीं की जा सकती है. मगर इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब अवैध निर्माण हो रहा होता है तब प्रशासनिक अधिकारी क्या आंखें मूंद कर सोए रहते हैं? 

किसी भी कस्बे या शहर में मकान बनाने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है. सबसे पहले मकान का नक्शा पास होता है. नक्शा पास होते समय यह देखा जाता हैै कि जिस जमीन पर भवन बनाया जाना है, वह किसकी है, क्या नजूल की जमीन तो नहीं है या कब्जे की तो नहीं है. नक्शा पास होने के बाद हर चरण में इसकी समीक्षा होती है. 

इसमें कई बातें शामिल रहती हैं, मसलन भवन का निर्माण गुणवत्तापूर्ण है या नहीं, नक्शे के अनुरूप बन रहा है या नहीं या फिर अनुमति से ज्यादा निर्माण तो नहीं हो रहा है. अब सवाल पैदा होता है कि कोई अपराधी यदि अपना मकान बना रहा है तो उस पर उसी समय कार्रवाई होनी चाहिए जब अवैध निर्माण किया जा रहा था! लेकिन हकीकत यह है कि स्थानीय शासन के अधिकारी और कर्मचारी आंखें मूंदे रहते हैं. 

इसी तरह से शहरों में सरकारी जमीनों पर झुग्गियां बस जाती हैं. कुछ नेता टाइप गुंडे और अधिकारियों की इसमें मिलीभगत होती है. नेता के लिए वह झुग्गी वोट बैंक के रूप में विकसित होती रहती है. यदि कुछ लोग शिकायत भी करें तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती! 

वर्षों बाद जब झुग्गियां हटाना अति आवश्यक होता है तो फिर यह मांग उठने लगती है कि इन्हें बसने के लिए दूसरी जमीन दी जाए और ज्यादातर मामलों में अवैध कब्जा करने वाले लोग सफल हो जाते हैं. वे सफल इसलिए होते हैं कि नेताओं के लिए वे वोट हैं और अधिकारियों में इतनी हिम्मत नहीं होती कि वे नेता टाइप गुंडे की अवहेलना कर सकें. 

यदि कोई अधिकारी हिम्मत करता है तो राजनीति उसका शिकार कर लेती है. आज देश का शायद ही कोई शहर हो जहां सरकारी जमीनों पर कब्जा न हुआ हो. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की जानी चाहिए कि उन्होंने सरकारी जमीनों को मुक्त कराने का बड़ा अभियान शुरू कर रखा है. 

अकबरनगर में तो 1800 मकान अवैध रूप से कब्जे वाले थे जिन्हें ढहा दिया गया लेकिन आप जान कर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि उन 1800 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए घर मिले! इस तरह से जब अवैध कब्जाधारियों को नए मकान की पात्रता मिल जाती है तो दूसरों को प्रोत्साहन मिलता है कि वे भी कोई सरकारी जमीन हड़प लें तो शायद भविष्य में उन्हें भी किसी योजना में मकान मिल जाए. 

इसमें कोई दो मत नहीं कि रोटी, कपड़ा और मकान हर नागरिक का अधिकार है, गरीबों को मकान मिलना चाहिए लेकिन यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि आप गलत करेंगे तो आपको भविष्य में पारितोषिक मिल सकता है. यह रवैया ठीक नहीं है.  अवैध निर्माण और अवैध कब्जे से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जिस अवधि में अवैध निर्माण हुआ, उस दौरान वहां की जिम्मेदारी किस अधिकारी के पास थी? या फिर सरकारी जमीन पर कब्जा हुआ तो उस दौरान वहां कौन सा अधिकारी तैनात था. 

यदि इन बातों की पड़ताल होने लगे और अधिकारियों पर कार्रवाई होने लगे तो इस बात की पूरी उम्मीद की जा सकती है कि न अवैध निर्माण होंगे और न ही जमीनों पर अवैध कब्जा होगा.  फिर किसी सरकार को किसी अपराध के आरोपी का घर गिराने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी! लेकिन ज्यादातर मामलों में अधिकारी बच निकलते हैं क्योंकि व्यवस्था उन्हें बच निकलने का रास्ता देती है. इस रास्ते को बंद कीजिए. समस्या का समाधान अपने आप निकल आएगा. मगर इसके लिए जनता को यह सवाल पूछना होगा कि प्रशासन की आंख इतनी देर से क्यों खुलती है?

Web Title: Why administration open its eyes so late over illegal construction?

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे