ब्लॉग: कहां गायब हो जाते हैं रेल यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम!

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: August 28, 2023 08:57 IST2023-08-28T08:51:59+5:302023-08-28T08:57:28+5:30

बता दें कि भारत में रेलवे में होने वाले हादसे आम तौर पर आई-गई बात की तरह ही होते हैं। अक्सर सुरक्षित यात्रा की बात की जाती है और आंकड़ों से दुर्घटनाओं की कमी को बताया जाता है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही दिखाई देती है।

Where do the arrangements for the safety of railway passengers disappear madurai railway station | ब्लॉग: कहां गायब हो जाते हैं रेल यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम!

फोटो सोर्स: ANI

Highlightsतमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन की एक ट्रेन में आग लगने से 10 लोगों की जान चली गई है। यही नहीं हाल में हुए इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए है। इस हादसे ने रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए है।

चेन्नई: तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास खड़े रेल के एक डिब्बे में शनिवार को तड़के आग लगने से करीब दस लोगों की जान चली गई. हादसे के कारणों के बारे में दक्षिण रेलवे ने कहा है कि आग ‘गैस सिलेंडर’ के कारण लगी, जिसे ‘अवैध तरीके से’ ट्रेन में ले जाया जा रहा था. 

लापरवाही का मामला यात्रियों पर ढकेला जा रहा

आग का शिकार ट्रेन का एक प्राइवेट कोच था, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आया था और उसे रामेश्वरम् जाना था. यह भी बताया गया है कि ट्रेन के डिब्बे की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से किसी एजेंट ने कराई थी. सारी बातों को मिलाकर देखा जाए तो लापरवाही का मामला यात्रियों की तरफ ढकेला जा रहा है. उनसे बात एजेंट तक पहुंच जाएगी और मामला रफा-दफा हो जाएगा. 

सुरक्षित यात्रा की बातें केवल आंकड़ों तक ही

भारत में रेलवे में होने वाले हादसे आम तौर पर आई-गई बात की तरह ही होते हैं. अक्सर सुरक्षित यात्रा की बात की जाती है और आंकड़ों से दुर्घटनाओं की कमी को बताया जाता है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही दिखाई देती है. मदुरै की घटना में आग लगना कोई तकनीकी गड़बड़ी का परिणाम नहीं था. 

बाकायदा डिब्बे में एक एलपीजी सिलेंडर पाया गया, जिस पर खाना बनाने के दौरान आग लगी. यह बात हर तरह से समझ से बाहर है कि लखनऊ से 17 अगस्त को चली ट्रेन में 26 अगस्त तक भी यह पता नहीं चल पाया कि उसके भीतर रसोई गैस का सिलेंडर ले जाया जा रहा है. 

सुरक्षा इंतजाम की रेलवे की है जिम्मेदारी

हालांकि दावों के अनुसार वह ट्रेन का एक प्राइवेट कोच था, लेकिन क्या वह सुरक्षा जांच के बाहर था. गनीमत है कि वह स्टेशन पर अलग हो कर खड़ा था, यदि वह किसी रेलगाड़ी से जुड़ा होता और चलती ट्रेन में हादसा होता तो उसके क्या परिणाम होते. 

दावा यह किया जा रहा है कि ट्रेन के आरंभ होने के समय में कोई सिलेंडर नहीं था. वह बाद में आया है. मगर जब तक ट्रेन पटरी पर है तो उसकी सुरक्षा की समस्त जिम्मेदारी रेलवे की है, जिससे वह बच नहीं सकती है. खास तौर पर लंबी या विशेष यात्राओं, जिनका इंतजाम रेलवे ही करती है, के मामले में रेलवे खुद को कैसे बचा सकती है. 

रेलवे स्टेशन और ट्रेन की जांच काफी जरूरी है

दरअसल रेलवे स्टेशन और ट्रेन दोनों में ही सुरक्षा की जांच हर स्तर पर अत्यंत आवश्यक है. चाहे वह रुकी हो या फिर चल रही हो. सुरक्षा को केवल आतंकवाद या अन्य चोरी-डकैती की घटनाओं तक सीमित नहीं किया जा सकता है. सामान्य यात्री भी अनेक लापरवाही करते हैं, जिनसे अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होता है. उन पर भी नजर रखना आवश्यक है. 

रेलवे में सुरक्षा संबंधी मामलों में भी है सुधार की जरूरत

बीते दिनों में रेलवे ने जिस तरह अपनी योजनाओं में विस्तार किया है और उनसे यात्री जुड़ने लगे हैं. वैसे ही सुरक्षा संबंधी मामलों में भी सुधार की जरूरत है. रेलवे की ओर यात्रियों का आकर्षित होना उसकी सेवा के प्रति विश्वास का परिचायक है, जिसमें सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
 

Web Title: Where do the arrangements for the safety of railway passengers disappear madurai railway station

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे