Weather Update: मौसम का बिगड़ता संतुलन और हमारी चुनौतियां, चिलचिलाती धूप, गर्म हवाओं और बढ़ते तापमान

By योगेश कुमार गोयल | Updated: May 17, 2025 05:47 IST2025-05-17T05:46:42+5:302025-05-17T05:47:29+5:30

Weather Update: मई महीने की शुरुआत में ही मौसम में आया यह बदलाव केवल क्षणिक मौसमी उतार-चढ़ाव नहीं बल्कि किसी गहरे मौसमी बदलाव का संकेत है.

Weather Update deteriorating balance weather our challenges Scorching sun, hot winds and ever-rising temperatures blog Yogesh Kumar Goyal | Weather Update: मौसम का बिगड़ता संतुलन और हमारी चुनौतियां, चिलचिलाती धूप, गर्म हवाओं और बढ़ते तापमान

सांकेतिक फोटो

Highlightsजलवायु परिवर्तन का सम्मिलित प्रभाव मौसम चक्रों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.उत्तर भारत में भारी वर्षा, तेज हवाओं और ओलावृष्टि जैसी घटनाओं को जन्म देती है.मई के शुरुआती सप्ताह में इस प्रकार का मौसमी मिजाज बेहद असामान्य है.

Weather Update: उत्तर भारत में मई महीने की शुरुआत आमतौर पर चिलचिलाती धूप, गर्म हवाओं और निरंतर बढ़ते तापमान के साथ होती है परंतु 2 मई की सुबह दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में जो दृश्य सामने आया, उसने न केवल लोगों को हैरानी में डाल दिया बल्कि पारंपरिक मौसमी प्रवृत्तियों को भी कठघरे में खड़ा कर दिया. ऐसा दृश्य आमतौर पर मानसून के चरम काल में भी दुर्लभ होता है. मई महीने की शुरुआत में ही मौसम में आया यह बदलाव केवल क्षणिक मौसमी उतार-चढ़ाव नहीं बल्कि किसी गहरे मौसमी बदलाव का संकेत है.

एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि दिल्ली और उत्तर भारत के शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन का सम्मिलित प्रभाव मौसम चक्रों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. शहरी हीट आइलैंड प्रभाव, जिसमें शहरों में गर्मी अधिक होती है और रात को तापमान तेजी से नहीं गिरता, भी इन अप्रत्याशित मौसमी परिवर्तनों को बढ़ावा देता है.

बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नम हवाएं जब पश्चिमी विक्षोभ से टकराती हैं तो यह स्थिति एक संगठित मौसमी प्रणाली का निर्माण करती है, जो उत्तर भारत में भारी वर्षा, तेज हवाओं और ओलावृष्टि जैसी घटनाओं को जन्म देती है. यह प्रणाली सामान्यतः जून के मध्य में सक्रिय होती है,

जब मानसून दस्तक देता है परंतु मई के शुरुआती सप्ताह में इस प्रकार का मौसमी मिजाज बेहद असामान्य है और यह इस बात की पुष्टि करता है कि मौसमी चक्रों की दिशा अब बदल रही है. अप्रत्याशित और बेमौसम वर्षा से किसानों की चिंता भी बढ़ी है. गेहूं की कटाई और भंडारण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गर्मियों में मूंग, सब्जियों और फलदार वृक्षों की खेती होती है.

ऐसे समय में तेज हवाएं और ओलावृष्टि इन फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं. बिहार और राजस्थान के किसानों ने ओलों से फलों और सब्जियों को हुए नुकसान की शिकायत की है. यह नुकसान न केवल कृषि अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है बल्कि खाद्य आपूर्ति श्रृंखला पर भी असर डालता है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण पारंपरिक मौसम चक्रों की समय सीमा, तीव्रता और प्रभाव क्षेत्र में स्पष्ट बदलाव हो रहे हैं. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं. हिमालय में बर्फबारी 23 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है, जिससे एशिया की दो अरब से अधिक आबादी के लिए जल सुरक्षा खतरे में पड़ गई है.

Web Title: Weather Update deteriorating balance weather our challenges Scorching sun, hot winds and ever-rising temperatures blog Yogesh Kumar Goyal

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