वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मिलावटखोरों को फांसी की सजा क्यों नहीं?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: June 11, 2021 03:12 PM2021-06-11T15:12:16+5:302021-06-11T15:12:52+5:30

हमारे भारत के लोग जरूरत से ज्यादा सहनशील हैं. वे अपने विधायकों और सांसदों का घेराव क्यों नहीं करते? वे उन्हें इस मुद्दे पर सख्त कानून बनाने के लिए बाध्य क्यों नहीं करते?

Ved Pratap Vedic blog about Why not the death penalty for adulterers | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मिलावटखोरों को फांसी की सजा क्यों नहीं?

प्रतीकात्मक तस्वीर। (फाइल फोटो)

इन दिनों खाने-पीने की चीजों और दवाइयों में मिलावट की खबरें बहुत ज्यादा आ रही हैं. दुनिया के मिलावटखोर तो बड़ी बेरहमी से पैसा कमा रहे हैं लेकिन सैकड़ों-हजारों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं. इन मिलावटखोरों के लिए सभी देशों में सजा का प्रावधान है लेकिन भारत में तो उनकी सजा उनके अपराध के मुकाबले बहुत कम है. ये अपराधी सामूहिक हत्या के दोषी होते हैं. इन्हें फांसी की सजा क्यों नहीं दी जाती? इनके पूरे परिवार की संपत्ति जब्त क्यों नहीं की जाती? 

 अदालतें इन मिलावटखोरों को फांसी पर तभी लटका सकेंगी, जब उस तरह का कानून होगा. फिर भी दो ताजा मामलों में न्यायालय ने मिलावटखोरों को खूब फटकार लगाई है. नीमच के दो व्यापारियों को पुलिस ने इसलिए पकड़ लिया कि उन्होंने गेहूं पर सुनहरी पॉलिश (अखाद्य) चढ़ाकर बेचा था. दूसरे व्यापारी ने घी में ऐसी मिलावट की थी कि वह खाने लायक नहीं रह गया था. जो वकील इन दोनों मामलों में पक्षकारों की तरफ से बोल रहे थे, उनसे जजों ने पूछा कि क्या आप खुद वैसा गेहूं और वैसा घी खाना चाहेंगे? दोनों वकीलों की हवा खिसक गई. 

उन्होंने वकीलों से कहा कि आप इन मिलावटखोरों की पैरवी करने यहां खड़े हैं, जो लोगों की थोक में हत्या के लिए जिम्मेदार हैं. अदालत क्या करेगी? उन्हें जेल भेज देगी. वे जेल में जनता के पैसे की मुफ्त रोटी खाएंगे और जब वे छूटकर आएंगे तो वही धंधा बड़े पैमाने पर फिर शुरू कर देंगे. खाने-पीने की चीजों के मिलावटखोरों से भी ज्यादा खतरनाक दवाइयों में मिलावट करनेवाले हैं. उनकी दवाइयों का सेवन करनेवाले तो अपनी जान से ही हाथ धो बैठते हैं. इंदौर शहर में ऐसे 10 लोग अचानक मर गए, जिन्हें रेमडेसिवीर के नकली इंजेक्शन लगाए गए थे. 

नकली इंजेक्शनों, नकली गोलियों, नकली ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों और नकली कोरोना-किटों के सैकड़ों मामले भारत में पिछले दो-ढाई माह में सामने आए हैं. भारत में ही नहीं, दुनिया के कई देशों में यह राक्षसी धंधा जोरों से चला है. 92 देशों ने ऐसे धंधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है. इंटरपोल ने 1 लाख 13 हजार वेबसाइटों को बंद किया है, क्योंकि ये नकली दवाइयों का धंधा कर रही थीं. इस तरह के धंधे ब्रिटेन, वेनेजुएला, इटली, कतर आदि कई देशों में बहुत जोरों से चल पड़े हैं. इन राक्षसी धंधों पर काबू पाने का एक ही तरीका है, वह यह कि इन अपराधियों को तुरंत फांसी पर लटकाया जाए. फिर देखिए कि क्या होता है.

Web Title: Ved Pratap Vedic blog about Why not the death penalty for adulterers

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