उमेश चतुर्वेदी का ब्लॉग: प्रदूषण रोकने की ऐसी हो नीति

By उमेश चतुर्वेदी | Published: November 9, 2019 06:34 AM2019-11-09T06:34:41+5:302019-11-09T06:34:41+5:30

संयुक्त राष्ट्र द्वारा कुछ साल पहले कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक शहरों में चूंकि लगातार बिजली मिलती है, शिक्षा और रोजगार के साधन हासिल होते हैं इसलिए गरीब लोग भी शहरों की ओर लगातार पलायन कर रहे हैं और यह शहरी प्रदूषण के साथ वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बन गई है.

Umesh Chaturvedi Blog: There should be such policy to stop pollution | उमेश चतुर्वेदी का ब्लॉग: प्रदूषण रोकने की ऐसी हो नीति

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

दिल्ली का प्रदूषण भले ही इन दिनों चर्चा में रहता हो, लेकिन देश के तकरीबन हर शहर की यही स्थिति इन दिनों हो गई है. जाड़े के दिनों में उसके वातावरण पर धुंध छा जाना और बरसात में पानी बढ़ जाना आम हो गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि हमारी नीतियों की वजह से गांव अब रहने लायक रहे नहीं. गांवों में बेहतर रोजगार साधनों और शिक्षा का लगातार अभाव होता गया है. इसलिए मजबूरी और शौक दोनों ही वजहों से आबादी का एक बड़ा हिस्सा लगातार शहरों की ओर पलायन कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा कुछ साल पहले कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक शहरों में चूंकि लगातार बिजली मिलती है, शिक्षा और रोजगार के साधन हासिल होते हैं इसलिए गरीब लोग भी शहरों की ओर लगातार पलायन कर रहे हैं और यह शहरी प्रदूषण के साथ वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बन गई है. लेकिन नीति नियंताओं और प्रशासनिक मशीनरी का ध्यान इस समस्या की ओर कम जाता है और वह फौरी राजनीति की वजह से इसकी वजहों के लिए कभी किसी और कारण को जिम्मेदार ठहराती है तो कभी किसी और कारण को.

जबकि प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह घनी होती जनसंख्या, उस जनसंख्या की जिंदगी के लिए जुटाए गए परिवहन के साधनों का बढ़ता उपयोग, औद्योगिक कचरा और निर्माण उद्योग ज्यादा जिम्मेदार है. हाल के वर्षो में वाहन उद्योग पर सरकारी नीतियां कड़ी हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से डीजल वाहनों के दाम महंगे किए गए, उनकी बिक्री को हतोत्साहित करने की कोशिश हुई, पंद्रह साल पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने की कोशिश भी हुई. लेकिन ये सारे कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं. दिल्ली ही नहीं, देश के किसी भी महानगर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए दो तरह के उपायों को कड़ाई से लागू किए जाने की जरूरत है.

पहला उपाय फौरी होना चाहिए जबकि दूसरा दीर्घकालिक. फौरी उपायों में निर्माण कार्यो को सीमित करना और एहतियात के साथ पूरा करने के कड़े नियम लागू करना, सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा देना और निजी वाहनों के इस्तेमाल को सीमित करना होना चाहिए तो दूसरा शहरों की ओर मानव पलायन रोकने के लिए ठोस और दीर्घकालिक उपाय किए जाने चाहिए.

Web Title: Umesh Chaturvedi Blog: There should be such policy to stop pollution

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