#KuchhPositiveKarteHain: आखिर कैसे तिरंगा झारखंड की इन महिलाओं को दे रहा है बेहद पौष्टिक भोजन?
By मोहित सिंह | Published: April 25, 2018 10:18 AM2018-04-25T10:18:45+5:302018-05-11T16:01:53+5:30
तिरंगा देश की शान तो है ही लेकिन कैसे ये तिरंगा झारखंड की इन महिलाओं के भोजन के लिए बना प्रेरणाश्रोत, ये जानना बेहद दिलचस्प होगा।
केसरिया, हरा और सफ़ेद – तिरंगे के ये तीन रंग हैं देश की शान लेकिन कैसे ये तीनों रंग मिलकर झारखण्ड के देवघर जिले की महिलाओं को प्रेरित कर गए एक पौष्टिक भोजन के लिए, आइये जानें एक बेहद रोचक और प्रेरक कहानी।
शीला देवी, झारखण्ड के देवघर जिले के एक बेहद छोटे से गाँव कसुडीह में आज एक जाना पहचाना नाम बन चुकी हैं. कारण – इन्होंने तिरंगे को ढाल लिया है अपने जीवन में ही नहीं भोजन में भी. ये तीनों रंग इनके रोज़ के भोजन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं या यू कहिये कि इनका रोज़ भोजन ही इन तीन रंगों से मिलकर बनता है और जो की शरीर के लिए ना सिर्फ़ बेहद पौष्टिक है बल्कि स्वाद में भी उतना ही टेस्टी है जितना की एक आम भोजन।
आइये आपको बताते हैं इनके तिरंगे का रहस्य –
केसरिया या आम बोलचाल की भाषा में तरंगी रंग इनको मिलता है मसूर की दाल से, जिसको विश्व का सबसे पौष्टिक फ़ूड माना गया है और ये दिल को मजबूत रखती है, ब्लड शुगर को कंट्रोल रखती है, वजन घटाने में मदद करती है और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करती है. हरा आता है हरी सब्जियों से जिनसे इनको रोज़ाना मिलता है आयरन और प्रोटीन। सफ़ेद रंग आता है दूध और चावल से जो देता है कैल्शियम और ताकत।
इस तरह से ये तिरंगा भोजन इनके परिवार को बना रहा है ताकतवर रोगों से लड़ने के लिए. किसी ना किसी रूप में तिरंगे का सम्मान तो हमारा कर्तव्य है जो इस गाँव की शीला देवी जैसी सभी महिलाएं तत्परता से कर रही हैं और बदले में ये तिरंगा दे रहा है उनको और उनके परिवार को एक स्वस्थ जीवन।