हाथ में शराब, लेट नाइट पार्टी और मर्दों को नीचा दिखाना, क्या यही है फेमिनिज्म?

By पल्लवी कुमारी | Published: June 11, 2018 02:56 PM2018-06-11T14:56:07+5:302018-06-11T15:09:34+5:30

लड़कियां समझती हैं कि फेमिनिज्म होना मतलब छोटे कपड़े पहनना, शराब-सिगरेट पीना, लेट नाइट क्लब में पार्टी करना, वन नाइट स्टैंड करना। या यूं कह लें वो सब करना जो उन्हें लगता है कि ये करके वो मर्दों को नीचा दिखा सकती हैं।

The real truth behind ideology of feminism | हाथ में शराब, लेट नाइट पार्टी और मर्दों को नीचा दिखाना, क्या यही है फेमिनिज्म?

हाथ में शराब, लेट नाइट पार्टी और मर्दों को नीचा दिखाना, क्या यही है फेमिनिज्म?

फेमिनिज्म, नारीवाद, आखिर इस विचार धारा के मायने क्या है? क्या फेमिनिज्म का मतलब आधुनिकता और मर्दों की बराबरी के नाम पर कुछ भी करना है। फेमिनिज्म क्या है? और कैसी होती है फेमिनिस्ट लड़कियां? 

आमतौर पर आज के युवा और खासकर लड़कियां समझती हैं कि फेमिनिज्म होना मतलब छोटे कपड़े पहनना, शराब-सिगरेट पीना, लेट नाइट क्लब में पार्टी करना, वन नाइट स्टैंड करना। या यूं कह लें वो सब करना जो उन्हें लगता है कि ये करके वो मर्दों को नीचा दिखा सकती हैं।

फेमिनिस्ट लड़कियों को बिना जिम्मेदारी वाले फिजिकल रिलेशन बनाने में भी कोई परेशानी नहीं होती, वह अपने आप को हमेशा 'ईजी अवेलेबल' रखती हैं और वह लड़कों को खुद से नीच समझती हैं। 

फेमिनिस्ट लड़कियां सोचती हैं कि वह लड़कों की तरह बात-बात में गालियां दें, सार्वजनिक स्थान पर चाय की दुकान पर झूठे फेमिनिज्म का दिखावा करने के लिए हाथ में सिगरेट लेकर पीना शुरू कर दे तो उन्होंने मर्दों को नीचा दिखा दिया, कि हां भाई देख लो मैं भी ये कर सकती हूं। 

असल में फेमिनिज्म और लड़कों की बराबरी के नाम पर आजकल की कुछ लड़कियां वह सब करती हैं, जो मर्द करते हैं। मसलन गाली देना और सेक्स के लिए बस लड़कों को एक ''सामान'' की तरह देखना।  

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सिर्फ इतना ही नहीं फेमिनिज्म का यहां एक और पहलू भी हैं जिसमें लड़कियां छोटे कपड़े नहीं पहनती बल्कि सुट-सलवार, कूर्ता पहन माथे पर बड़ी बंदी लगाकर इंडियन गेटअप में दिखना भी फेमिनिज्म का ही एक पहलू माना जा रहा है। मुझे तो ये समझ नहीं आता कि कपड़े छोटे हो या बड़े, माथे पर बिंदी और या हाथ में शराब का गिलास इसका नारीवाद से क्या लेना-देना है? 


फेमिनिज्म को लव-सेक्स और धोखा तक रखने वाली लड़कियों को यह समझना होगा कि नारीवाद एक विचार धारा है। जिसका मकसद समाज में महिलाओं की विशेष स्थिति के कारणों का पता लगाना और उनकी बेहतरी के लिए वैकल्पिक समाधान प्रस्तुत करना है, ना की मर्दों को नीचा दिखाना है। 

नारीवाद ही बता सकता है कि किस समाज में महिला सशक्तीकरण के लिए कौन-कौन सी रणनीति अपनाई जानी चाहिए, लड़कियां किसी भी मामले में मर्दों के कम नहीं हैं, इसके बाद भी उन्हें कई अवसरों से वंचित कर दिया जाता है। नारीवाद ऐसी तमाम परिस्थितियों के विषय में बताता है

फेमिनिज्म और पुरुषों की खिलाफत करते-करते हम लड़कियां शायद अपने नारी होने के महत्व को खोते जो रहे हैं। हन अपने व्यवहार में नारी के समर्पण के प्रति सम्मान नहीं रख पा रहे हैं। नारीवाद का मतलब यह नहीं है कि आप आरक्षण मांगें या दूसरे जेंडर पर दबाव बनाने के लिए एक्स्ट्रा अधिकार मांगें। बल्कि दोनों जेंडर्स को बराबरी पर लाने का हमें प्रयास करना चाहिए। 

मेरे हिसाब से मर्दों के साथ चलना फेमिनिस्ट है और हां मैं एक महिला हूं, और एक फेमिनिस्ट भी, क्योंकि बहूत सुंदर अहसास होता है फेमिनिस्ट होना। वह हमें मर्दों को नीचा दिखाना या उनका विरोध करना नहीं सिखाता बल्कि उनके साथ चलना सिखाता है। आज के वक्त में नारीवाद उस विचार धारा की तरह हो गया है, जिसपर बहस या विमर्श करना बेमानी है। अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगी एक -दूसरे जेंडर को नीचा दिखाने में नहीं बल्कि हमें बराबरी में यकीन करना चाहिए।

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English summary :
Feminism (नारीवाद): Girls Thinks that feminism means to wear small clothes, drink alcohol, smoking, party in late night club, make one night stand. Or do all that they feel they can degrade men by doing this.


Web Title: The real truth behind ideology of feminism

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