प्रवीण दीक्षित का ब्लॉग: मुंबई में कानून-व्यवस्था के सवाल पर करना होगा विचार

By प्रवीण दीक्षित | Published: July 16, 2022 10:09 AM2022-07-16T10:09:32+5:302022-07-16T10:10:55+5:30

ऐसा कहा जाता है कि आने वाले प्रत्येक 100 व्यक्तियों में से 5 प्रतिशत से अधिक के पास टिके रहने के लिए आवश्यक कौशल नहीं होता. शेष लोगों को अतिक्रमण करने सहित अवैध तरीकों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है. एक ओर जहां पारिवारिक बंधन तेजी से खत्म हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुर्व्यसनों में वृद्धि हो रही है.

The question of law and order in Mumbai will have to be considered | प्रवीण दीक्षित का ब्लॉग: मुंबई में कानून-व्यवस्था के सवाल पर करना होगा विचार

प्रवीण दीक्षित का ब्लॉग: मुंबई में कानून-व्यवस्था के सवाल पर करना होगा विचार

Highlightsबलात्कार, हत्या, डकैती और चोरी सहित गंभीर अपराधों में शामिल होने वालों, कानून का उल्लंघन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ साइबर अपराध और आर्थिक अपराध चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं.

किसी के लिए भी भविष्य की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए मुंबई एक सपनों का शहर है. मुंबई भारत की वाणिज्यिक और आर्थिक राजधानी है. इसे न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए ‘विकास के इंजन’ के रूप में पहचाना जाता है. यहां सभी प्रकार के प्रवासी अपने मतभेदों को भूल कर आर्थिक समृद्धि के लिए मिलकर अथक परिश्रम करते हैं. कई अलग-अलग तरीकों से आर्थिक गतिविधियों में संलग्न यह मेगासिटी कभी सोती नहीं है.

यह शहर कई प्रतिष्ठित व्यावसायिक गतिविधियों, प्रतिष्ठित कानूनी, शैक्षिक, अनुसंधान संस्थानों के साथ-साथ पश्चिमी नौसेना मुख्यालय और परमाणु ऊर्जा स्टेशन जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों को अपने भीतर समेटे हुए है. इस सारी समृद्धि के लिए शांति और भरोसेमंद कानून व्यवस्था की स्थिति का होना अपरिहार्य शर्त है. हर दिन लगभग सत्तर लाख की आबादी बड़े पैमाने पर परिवहन व्यवस्था के माध्यम से शहर के अंदर और बाहर यात्रा करती है. 

बढ़ते दबावों के बावजूद, शहर में शांतिपूर्ण स्थिति का श्रेय कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अथक और समर्पित प्रयासों के साथ-साथ आम लोगों के अनुशासित व्यवहार और विभिन्न कठिनाइयों को दूर करने की उनकी भावना को दिया जाना चाहिए. आने वाले दिनों में शहर की आबादी बढ़ने की संभावना है क्योंकि न केवल महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों बल्कि अन्य देशों से भी लोग नियमित रूप से मुंबई में आते हैं. 

ऐसा कहा जाता है कि आने वाले प्रत्येक 100 व्यक्तियों में से 5 प्रतिशत से अधिक के पास टिके रहने के लिए आवश्यक कौशल नहीं होता. शेष लोगों को अतिक्रमण करने सहित अवैध तरीकों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है. एक ओर जहां पारिवारिक बंधन तेजी से खत्म हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुर्व्यसनों में वृद्धि हो रही है. नतीजतन, बलात्कार, हत्या, डकैती और चोरी सहित गंभीर अपराधों में शामिल होने वालों, कानून का उल्लंघन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. 

इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ साइबर अपराध और आर्थिक अपराध चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं. महिलाओं, बच्चों, विकलांग व्यक्तियों पर अत्याचार और बुजुर्गों की उपेक्षा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. न्याय में देरी अपराधियों के हौसले को बढ़ा रही है. मुंबई के वाणिज्यिक और आर्थिक राजधानी होने के कारण दुश्मन देशों द्वारा या तो आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से या युवाओं के कट्टरपंथीकरण के माध्यम से स्लीपिंग सेल का उपयोग करके सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. 

बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की खेप भेजना, हथियारों की तस्करी, हवाला रैकेट और भ्रष्टाचार उनके इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने के साधन हैं. बढ़ती बेरोजगारी, साधनों का असमान वितरण, विलासिता की वस्तुओं के प्रति आकर्षण, पारिवारिक संबंधों का टूटना और सांप्रदायकि तनाव कुछ ऐसे कारक हैं जो आने वाले दिनों में गंभीर कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करने की क्षमता रखते हैं.

इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल का नेतृत्व बेहद जरूरी है. पुलिस को पेशेवर रूप से कार्य करने की अनुमति देने के लिए नेताओं द्वारा पुलिस पोस्टिंग में हस्तक्षेप को कम से कम किया जाना चाहिए. पुलिस अधिकारियों की सिर्फ वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर ही तैनाती हो. उन्हें सत्यनिष्ठ और चरित्रवान होना चाहिए. हितों के टकराव से बचने के लिए उन्हें निर्धारित अवधि के बाद नियमित रूप से स्थानांतरित किया जाना चाहिए. 

साथ ही, उन्हें नए कानूनों, अपराधों के प्रकार और संबंधित तौर-तरीकों, उपयुक्त हथियार, वाहन, नियमित प्रशिक्षण सहित न्यूनतम सुविधाओं से लैस किए जाने की आवश्यकता है. पुलिस थानों की संख्या और बल की संख्या को लगभग दोगुना करने की आवश्यकता है ताकि आसपास के क्षेत्र में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी बढ़ाई जा सके.

Web Title: The question of law and order in Mumbai will have to be considered

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