ब्लॉग: आतंकवादियों का ढूंढ-ढूंढ कर करना होगा खात्मा

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: June 15, 2024 11:22 IST2024-06-15T11:04:34+5:302024-06-15T11:22:45+5:30

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से जिस तरह से आतंकवादियों ने सिर उठाना शुरू किया है, उससे फिर इस संवेदनशील राज्य के बारे में चिंता पैदा होने लगी है।

Terrorists must be hunted down and eliminated | ब्लॉग: आतंकवादियों का ढूंढ-ढूंढ कर करना होगा खात्मा

फाइल फोटो

Highlightsकठुआ और डोडा जिलों में 4 जगहों पर आतंकवादी हमले हुए हैं9 तीर्थयात्रियों और एक सैनिक की मौत हो गईसुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है और सैनिक हाई अलर्ट पर हैं

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से जिस तरह से आतंकवादियों ने सिर उठाना शुरू किया है, उससे फिर इस संवेदनशील राज्य के बारे में चिंता पैदा होने लगी है। पिछले कुछ दिनों में ही रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में 4 जगहों पर आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 9 तीर्थयात्रियों और एक सैनिक की मौत हो गई तथा 7 अन्य लोग घायल हो गए।

हालांकि सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है और फिलहाल सैनिक हाई अलर्ट पर हैं, जिसके कारण आतंकवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन आतंकवादी जहां हमला करने में सफल हुए हैं। वहां स्थानीय मदद के बिना वे ऐसा कर नहीं सकते. इन हमलों में विदेशी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों के बचने के रास्तों, ठिकानों और उनके शिविरों के बारे में सटीक जानकारी मिली और यह बात चिंताजनक है।

पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकियों को भेजे जाने का अंदाजा इसी आंकड़े से लगाया जा सकता है कि साल 2022 में मारे गए 187 आतंकियों में 57 विदेशी थे जबकि पिछले साल 76 आतंकी मारे गए उनमें से 55 आतंकवादी विदेशी थे।

इन विदेशी आतंकियों को लंबे समय तक जंगलों में छिपने और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती है, इसलिए इनका खात्मा कर पाना बहुत आसान नहीं होता। सेना के सूत्रों ने यह बात भी मानी है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन में आतंकियों को हर तरह की मदद पहुंचाने वाली ‘ब्लैक शीप’ (काली भेड़) मौजूद हैं और उनकी खोज व पहचान के लिए अलग से ऑपरेशन शुरू किया गया है।

आतंकियों ने 72 घंटे में जिस तरह से तीन हमले किए, वह उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा लगता है। विशेष बात यह भी है कि आतंकवादी अब ज्यादातर हमले जम्मू में कर रहे हैं, क्योंकि कश्मीर घाटी में सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद वे अपने इरादों में सफल नहीं हो पा रहे हैं। जम्मू में 2023 में 43 आतंकवादी हमले हुए थे और 2024 में अब तक 20 हमले हो चुके हैं। जम्मू की भौगोलिक स्थिति भी काफी जटिल है, जिसका फायदा आतंकी उठाते हैं।

वे यहां सुरंग और घने जंगलों का फायदा उठाकर घुसपैठ करते हैं और सुरक्षाबलों से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी नहीं करते। लेकिन मोदी सरकार जिस तरह से आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए कमर कस रही है, उससे निश्चित रूप से आतंकवाद का खात्मा होकर रहेगा।

प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर निर्णायक अभियान छेड़ने की बात कही है और शीघ्र ही जम्मू-कश्मीर में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाया जाएगा। आतंकवादियों के खिलाफ तो कार्रवाई की ही जाएगी, कश्मीर की तर्ज पर अब जम्मू में भी आतंकवादियों के समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

संपत्ति जब्ती सहित उन पर मुकदमे दर्ज किए जाएंगे और उनके परिवार तक के लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने पर विचार किया जा रहा है। निश्चित रूप से आतंकवादियों के साथ ही उनके समर्थकों के साथ भी कठोरता से पेश आने पर ही आतंकवाद का समूल विनाश किया जा सकेगा।

Web Title: Terrorists must be hunted down and eliminated

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