योगेश कुमार सोनी का ब्लॉगः बाघों के लिए कड़ी सुरक्षा की जरूरत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 11, 2018 05:16 PM2018-12-11T17:16:45+5:302018-12-11T17:16:45+5:30

भारत में राष्ट्रीय पशु के संरक्षण के लिए सरकार ने वर्ष 1973 में टाइगर परियोजना लॉन्च की थी. 2014 के आंकड़ों के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्नालय की वेबसाइट के मुताबिक भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा 2,226 बाघ हैं.  

strong security need for tigers reserves in india | योगेश कुमार सोनी का ब्लॉगः बाघों के लिए कड़ी सुरक्षा की जरूरत

योगेश कुमार सोनी का ब्लॉगः बाघों के लिए कड़ी सुरक्षा की जरूरत

योगेश कुमार सोनी

हाल ही में एक आरटीआई द्वारा खुलासा हुआ है कि पिछले 10 वर्षो में शिकारियों ने 384 बाघों को मार दिया. इस अपराध के लिए अब तक 961 लोगों को आरोपी भी बनाया गया है. डब्ल्यूसीसीबी द्वारा दी गई इस जानकारी से मन कचोटता है आखिर हम मुख्य व अहम जीव जंतुओं को भी नहीं बचा पा रहे हैं.

भारत में राष्ट्रीय पशु के संरक्षण के लिए सरकार ने वर्ष 1973 में टाइगर परियोजना लॉन्च की थी. 2014 के आंकड़ों के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्नालय की वेबसाइट के मुताबिक भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा 2,226 बाघ हैं.  सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रहे लेकिन इन मामलों में बजट की कभी कोई कसर नहीं छोड़ी जाती. 

यह विफलता तो पूर्ण रूप से वन विभाग व संबंधित क्षेत्न के पुलिसकर्मियों की लगती है. 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में आधे से ज्यादा बाघ भारत में ही हैं. भारत के अलावा बांग्लादेश, मलेशिया और द. कोरिया में इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है. बाघ की विशेषताओं को मद्देनजर रखते हुए 2010 से हर 29 जुलाई को ‘वल्र्ड टाइगर डे’ मनाने की घोषणा भी हुई थी.
 
सिर्फ बाघ ही नहीं बल्कि अब पक्षी भी कथित विकास का शिकार हो रहे हैं जिसका कारण मोबाइल टॉवर हैं. टॉवरों से निकलने वाली तरंगों के कारण महानगरों में पक्षियों की संख्या में कमी आई है. वर्ष 2008 से अब तक लगातार यूनेस्को हमारी धरोहरों पर अपनी निगाह बनाए हुए है. वह अनेक अमूर्त धरोहरों को अपनी सूची में स्थान दे चुका है तथा आगे भी यह प्रक्रि या जारी है. 

यह हमारे लिए गर्व की बात है कि 195 देशों की संस्था हमारे देश के इतिहास व कलाओं को खोजकर हमें गर्व से भर रही है. हमारे देश के हर राज्य में अलग-अलग सैकड़ों तरह की संस्कृतियां हैं. लेकिन हमें अपनी कीमत का अंदाजा नहीं है जिसका उदाहरण है कि हमारे खुद के लोगों ने ही 10 वर्षो में 384 बाघों को मार दिया. हमें समझना होगा कि बाघ यदि खत्म हो गए तो हमारा जीवन चक्र भी सुरक्षित नहीं रहेगा, क्योंकि प्रकृति में हर चीज एक-दूसरे से जुड़ी है. इसलिए समय रहते इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे.

Web Title: strong security need for tigers reserves in india

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे