शोभना जैन का ब्लॉगः भारत-चीन सीमा वार्ता से विश्वास बहाली?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 24, 2018 11:28 AM2018-11-24T11:28:59+5:302018-11-24T11:28:59+5:30

एक तरफ जहां पिछले अनेक दशकों से भारत-चीन संबंधों का इतिहास ‘एक कदम आगे तो एक कदम पीछे’ का रहा है, असहजता के बीच संबंधों को सहज बनाने के प्रयास भी जारी रहे.

Shobhana Jain's blog: Rest assured from India-China border talks? | शोभना जैन का ब्लॉगः भारत-चीन सीमा वार्ता से विश्वास बहाली?

सांकेतिक तस्वीर

भारत चीन  के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने या यूं कहें सीमा विवाद के दोनों पक्षों को स्वीकार्य हल के समाधान की दिशा में और विश्वास बहाली की मंशा से एक और कदम. दोनों देशों के बीच  गत 13 नवंबर को हुई सुरक्षा वार्ता  के ठीक दस दिन बाद  23-24  नवंबर को सीमा विवाद पर इक्कीसवें दौर की विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हो रही है. 

एक तरफ जहां पिछले अनेक दशकों से भारत-चीन संबंधों का इतिहास ‘एक कदम आगे तो एक कदम पीछे’ का रहा है, असहजता के बीच संबंधों को सहज बनाने के प्रयास भी जारी रहे.

 हाल के वर्षो में चीन की भारत के आसपास ‘पर्ल ऑफ स्ट्रिंग’ जैसी घेराबंदी और क्षेत्र में ‘वन बेल्ट वन रोड’ जैसी विस्तारवादी परियोजनाओं के बीच दोनों देशों के बीच सुरक्षा वार्ताओं सहित विभिन्न वार्ताओं, व्यापार बढ़ाने, शीर्ष स्तरीय मुलाकातों आदि उभयपक्षीय संबंधों को बढ़ाने जैसे दौर भी जारी हैं. दरअसल इस वार्ता से भी कोई नाटकीय उम्मीद तो नहीं की जा सकती है लेकिन संवाद विश्वास बहाली की तरफ एक कदम तो है ही, खास तौर पर ऐसे में जबकि दोनों देशों के संबंध अक्सर उथल पुथल के दौर से गुजरते रहे हैं.

सीमा वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच  चीन के  चेंगदू शहर के समीप दुजियांगयान में यह दो दिवसीय वार्ता हो रही है. दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की शुरुआत 2003 में हुई थी ताकि भारत चीन सीमा विवाद का तर्कसंगत, निष्पक्ष और दोनों देशों को स्वीकार्य जल्द हल निकाला जा सके. बीसवें दौर की बातचीत पिछले वर्ष भारत में हुई थी. दरअसल दोनों पक्षों के बीच इस बारे में सहमति है कि सीमा वार्ता में समाधान निकालने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बरकरार रखी जाए

 इस  संवेदनशील सीमा वार्ता पर दोनों देशों की निगाहें लगी हुई हैं. समझा जाता है कि इस वार्ता में अन्य मुद्दों के साथ एनएसजी में भारत की सदस्यता का चीन द्वारा विरोध, चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का भारत में विरोध, पाक आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित करवाने के भारत के प्रयासों में रोड़ा अटकाने जैसे मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.

यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि इस वार्ता से पूर्व चीन ने भारत-चीन संबंधों के लिए खासी सहजता से आगे बढ़ने वाली तस्वीर खींचते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंधों में वृद्धि की खास गति बरकरार है क्योंकि दोनों पक्षों ने संवाद और विचार विमर्श के जरिए मतभेदों को समुचित तरीके से संभाला है.

ऐसी उम्मीद है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच  चीन के वुहान नगर में गत अप्रैल में हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता में  उभयपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की  दिशा में जो सहमति हुई थी, यह वार्ता उसी भावना के तहत  हो रही है और आगे बढ़ेगी.

Web Title: Shobhana Jain's blog: Rest assured from India-China border talks?

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