शहीदी दिवस पर नरेंद्र मोदी के नाम खुला ख़त: भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को क्यों नहीं मिला शहीद का दर्जा?

By राहुल मिश्रा | Published: March 23, 2018 09:48 AM2018-03-23T09:48:48+5:302018-03-23T13:43:13+5:30

आज 23 मार्च है शहीदी दिवस! लेकिन क्या वास्तविक रूप में आप मानते हैं कि आजादी के 70 साल के बाद भी भगत सिंह को भारत सरकार द्वारा शहीद का दर्ज़ा दिया गया है?

Shaheedi Diwas: An open letter to PM Narendra Modi - Why Bhagat Singh, Rajguru and Sukhdev are not official given Martyrs Status | शहीदी दिवस पर नरेंद्र मोदी के नाम खुला ख़त: भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को क्यों नहीं मिला शहीद का दर्जा?

शहीदी दिवस पर नरेंद्र मोदी के नाम खुला ख़त|शहीदी दिवस| Shaheedi Diwas

चुने हुए सेवकों के चुने हुए प्रधान सेवक,
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी,

उम्मीद है आप स्वस्थ व सकुशल होंगे। हम सभी देशवासी आपके इस ऊर्जान्वित स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हैं। आज मैं जिस विषय पर आपको पत्र लिख रहा हूँ वो बेहद गंभीर है और यकीन मानिए कि पत्र लिखने की मंशा भी पूर्व प्रायोजित नहीं है।

चलिये आपको दो पंक्तियों के माध्यम से मैं अपने पत्र लिखने के विषय से अवगत कराता हूँ,

"मेरी कलम भी वाकिफ़ है मेरे जज्बातों से,
मैं इश्क़ भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।" 

ये दो पंक्तियां शहीद भगत सिंह की सबसे प्रिय पंक्तियों में से हैं। अब आप समझ गए होंगे कि मेरे खत लिखने का आधार भगत सिंह ही हैं। आज 23 मार्च है शहीदी दिवस! लेकिन क्या वास्तविक रूप में आप मानते हैं कि आजादी के 70 साल के बाद भी भगत सिंह को भारत सरकार द्वारा शहीद का दर्ज़ा दिया गया है?

माननीय, मैं यह यकीन से कह सकता हूँ हमारे देश में आज़ादी के लिए और इस आज़ादी को बरक़रार रखने के लिए शहीद होते शहीदों को सिर्फ एक ही दिन याद किया जाता है। आज 23 मार्च है और हम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को याद कर रहे होंगे। कल समय और दिन बदलेगा, हम नीरव मोदी और घोटालों की बात कर रहे होंगे। लेकिन इस सब के बीच कुछ छूट रहा है, हाँ शायद वो सपना जो भगत सिंह ने देखा था। आज हम उस सपने की बात नहीं करेंगे प्रधानमंत्री जी, क्योंकि वो उनकी खुली आँखों द्वारा देखा गया सपना था, जो कभी भी पूरा होता नजर नहीं आता।

मोदी जी देखिए ना, भगत सिंह की शहीदी ने देश में लाखों-करोड़ों नौजवानों में देश के प्रति इतना प्यार, जुनून और त्याग भर दिया कि हर साल सरहदों पर सैकड़ों जवान देश की सेवा और सुरक्षा के लिए अपनी प्राण त्याग दे रहे हैं। आज भी सैकड़ों नौजवानों की रगों में देश की सेवा और सुरक्षा के लिए लहू दौड़ता है और मैं मानता हूं कि उस लहू में जो जुनून और जज़्बा है न वो भगत सिंह की ही देन है।

लेकिन फिर भी ऐसा क्यों है कि हम उन्हें शहीद मानते हुए श्रद्धाजंलि देते हैं, जगह जगह कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं लेकिन अगर आधिकारिक तौर पर बात करूं तो आज भी भगत सिंह को भारत सरकार द्वारा शहीद का दर्जा नहीं दिया गया। मेरे साथ देश की 130 करोड़ जनसंख्या भी इस सवाल का जबाब आपसे चाहती है। हालांकि मैं जानता हूँ कि दिल्ली की कुर्सी पर विराजमान हुए आपको भी अभी 4 साल ही हुए हैं लेकिन आपकी पार्टी 'राष्ट्रभक्त' पार्टी होनें का दावा करती है, आपकी पार्टी के लोग देश को राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाते हैं, इसलिए उम्मीद आपसे थोड़ा बढ़ जाती है ऐसे मामलों में।

प्रधानमंत्री जी, यह कितने अफसोस की बात है ना कि जिस भगत सिंह को हम स्कूलों से ही 'शहीद' भगत सिंह पढ़ते आ रहे हैं, असल में वह शहीद है ही नहीं! जिन्‍हें हम शहीद-ए-आजम कहते हैं वह भारत सरकार के रिकॉर्ड में शहीद ही नहीं हैं। इस बात का खुलासा अप्रैल 2013 में एक आरटीआई के जवाब से हुआ था। तब से भगत सिंह के वंशज भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सरकारी रिकॉर्ड में शहीद घोषित करवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वालों की सूची में जिस शहीद का नाम सबसे ऊपर होना चाहिए था, उन शहीदों की सूचि में भगत सिंह का नाम कहीं भी नहीं है। उस वक्त आपकी पार्टी विपक्ष में थी और आप ही की पार्टी ने इस बात पर विचार करने की सलाह दी थी। लेकिन पिछले 4 सालों से आप की ही पार्टी देश की सत्ता चला रही है और आप प्रधानमंत्री हैं। फिर भी ये देरी क्यों?

माननीय नरेंद्र मोदी जी, आप जब गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे तब आपसे भगत सिंह को शहीद घोषित करवाने के बारे में शहीद भगत सिंह के परिवार वालों ने समर्थन मांगा था और आपने भरोसा दिया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार आई तो आप भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिला देंगे। लेकिन अब आपकी सरकार के 4 साल हो चुके हैं लेकिन इस बारे में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। 

क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकता हूँ? वैसे आप प्रधानसेवक हैं तो मुझे आज्ञा लेने की आवश्यकता नहीं है सवाल पूछने के लिए, दरअसल मेरा सवाल ये है कि क्या देश की आज़ादी के लिए अपनी पूरी जवानी, अपनी पूरी ज़िंदगी की परवाह किये बिना हंसते-हंसते सूली पर चढ़ने वाले एक 23 साल के नौजवान की शहादत पर कोई सवालिया निशान है? ये सरकारें भगत सिंह को शहीद का दर्ज़ा देने में आखिर इतना डरती क्यों हैं? 

माननीय नरेंद्र मोदी जी, यहाँ मैं अब अपनी नहीं आपकी बात करता हूँ! आपको जो ये 'देश विजेता' बनने का हक़ मिला हुआ है ना और आप जो किसी पार्टी मुक्त भारत की विचारधारा के अश्वमेघी घोड़े को दौड़ाए जा रहे हैं उसमें कुछ भागीदारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के खून की भी है। आपकी पार्टी लोगों के राष्ट्रभक्त होने का प्रमाण मांगती है लेकिन आज मैं आपसे प्रमाण मांगता हूं कि साबित कीजिये अपनी देशभक्ति और दीजिए उस भगत सिंह को शहीद का दर्जा जिसने हमारी आज़ादी के लिए अपने प्राण कुर्बान कर दिए!

सब कुछ जानते-बूझते हुए भी मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूँ कि जिस देश में शहीदों की शहीदी का इस्तेमाल वोट पाने के लिए किया जाता हो, वहां घोटाले, भ्रष्टाचार, अपराध के अलावा कुछ और नहीं हो सकता। अगर आप अब भी चुप रहते हैं तो आपकी चुप्पी से मैं बहुत खुश हूं, लेकिन सारा देश आपकी जुबां से इस विषय पर तमाम जवाब जानने को बेताब है!

देखिये! आज की तारीख में मुद्दा ये नहीं है कि भगत सिंह हैं या नहीं। भगत सिंह ने देश की आज़ादी के लिए जो शहादत दी थी वो किसी दर्जे के लिए नहीं दी थी। शहीद भगत सिंह का जो नाम है वो किसी टाइटल का मोहताज भर नहीं है, उनका नाम ही अपने आप में सब कुछ है, जिसे कोई परिभाषित नहीं कर सकता। वो आज भी सबके दिलों में राज करते हैं। मुद्दा ये है कि भगत सिंह ने जिस कारण के लिए कुर्बानी दी थी क्या हमारी सरकार ने उस तरफ कदम बढ़ाये हैं? आपको भी पता ही होगा कि शहीद भगत सिंह का सपना था, आजादी के बाद एक ऐसा मुल्क बनाएंगे कि कोई एक व्यक्ति इतना अमीर नहीं होगा जो किसी को खरीद सके और कोई इतना गरीब न हो कि खुद को बेच सके। क्या उनका ये सपना कुछ हद तक भी पूरा हो सका है?
 
खैर! मेरी तरह देश का हर नागरिक भी यही चाहता है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाये, आपसे भी हमें यही उम्मीद है।’

- इस देश का एक साधारण नागरिक

नोट: ये लेखक के अपने विचार हैं। लोकमत न्यूज हिंदी की इन विचारों से सहमति या असहमति जरूरी नहीं है।

English summary :
Shaheedi Diwas: An open letter to PM Narendra Modi - Why Bhagat Singh, Rajguru and Sukhdev are not official given Martyrs Status


Web Title: Shaheedi Diwas: An open letter to PM Narendra Modi - Why Bhagat Singh, Rajguru and Sukhdev are not official given Martyrs Status

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