सद्‌गुरु का ब्लॉगः इस नए साल में, अपनी पुरानी केंचुल उतार दें

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 31, 2022 07:59 AM2022-12-31T07:59:31+5:302022-12-31T08:05:50+5:30

बहुत से लोग सोचते हैं कि जब नया साल आता है,  तो उन्हें सबसे मूर्खतापूर्ण चीजें करनी चाहिए, क्योंकि उनकी मजे करने की सोच है कि आपको कोई बेवकूफी की चीज करनी चाहिए। हमको कब एहसास होगा कि हम कुछ बहुत गहन करके भी मजा ले सकते हैं?

sadhguru blog In this new year 2023 throw off your old skin |  सद्‌गुरु का ब्लॉगः इस नए साल में, अपनी पुरानी केंचुल उतार दें

 सद्‌गुरु का ब्लॉगः इस नए साल में, अपनी पुरानी केंचुल उतार दें

धरती के घूमने की यात्रा में, उत्तरी गोलार्ध में,  शीतकालीन संक्रांति एक नई शुरुआत, एक नई संभावना, जीवन के नए दौर का प्रतीक है। साल के इस समय पर, ये धरती के केंचुल बदलने जैसा है। धरती पर कई जीव रोआं गिराते या केंचुल उतारते हैं। जब उनको लगता है कि यही समय है तो वे खाल की एक पर्त पीछे छोड़ देते हैं। ये एक नई शुरुआत है।

बहुत से लोग सोचते हैं कि जब नया साल आता है,  तो उन्हें सबसे मूर्खतापूर्ण चीजें करनी चाहिए, क्योंकि उनकी मजे करने की सोच है कि आपको कोई बेवकूफी की चीज करनी चाहिए। हमको कब एहसास होगा कि हम कुछ बहुत गहन करके भी मजा ले सकते हैं? तो आने वाले साल में, क्या आपके पास खुद को किसी ऐसी चीज के लिए प्रतिबद्ध करने का साहस है जो आपसे अधिक विशाल है। इंसान होने का यही मतलब है। हर दूसरा जीव अपनी प्रवृत्तियों के अनुसार कार्य करता है और प्रकृति के नियमों के मुताबिक जीता और मरता है। मनुष्य होने का मतलब है कि हम तथाकथित प्रकृति के नियमों से परे जा सकते हैं और कुछ ऐसा घटित कर सकते हैं जो हमसे अधिक विशाल है।  

चूंकि आप इस जीवन को बचाकर नहीं रख सकते, तो आप सिर्फ उसका विस्तार कर सकते हैं। अगर आप यहां बैठे रहते हैं तो ये मर जाएगा। अगर आप घूमते हैं तो ये मर जाएगा। अगर आप कोई बेवकूफी का काम करते हैं तो ये मर जाएगा। अगर आप किसी जबरदस्त चीज का निर्माण करते हैं तो वैसे भी ये मरेगा। आप इस जीवन को फ्रेम में मढ़कर कहीं पर नहीं रख सकते। इसे जाना ही होगा। तो एकमात्र चीज है कि कैसे? यह 'कैसे' इंसान होने का सौभाग्य है। किसी दूसरे जीव के पास यह चुनाव नहीं है कि वो अपने जीवन का विस्तार कैसे करे - उनके लिए यह पूर्णतः तय है। लेकिन यह हमारे हाथ में है कि हम अपने जीवन का विस्तार कैसे करें - उसे कितना सुंदर, कितना गहन, कितना शानदार,  कितना मूर्खतापूर्ण,  कितना बेकार,  या कितना आलसी बनाएं।

यह अच्छी बात होगी अगर आप दुनिया में किसी जबरदस्त चीज का निर्माण कर सकें, लेकिन कम से कम आपके अंदर कुछ जबरदस्त घटित होना चाहिए,  है न?  और अगर भीतर कुछ जबरदस्त हो रहा है तो यह दुनिया आपको यहां कुछ जबरदस्त बनाने से कैसे रोक सकती है?  दुनिया के पास आपको रोकने की ऐसी कोई ताकत नहीं है। तो क्या हमें संविधान में संशोधन लाने की जरूरत है कि पहले हर किसी को आनंदमय होना चाहिए? इसके लिए किसी कानून या घोषणा की जरूरत नहीं है। बस अपने विवेक में आने के लिए किसी प्रस्ताव की जरूरत नहीं होती।

आपके लिए पुरानी खाल को उतारने और तरोताजा और जीवंत बनने का यही समय है। जब कोई सांप, कॉक्रोच या कोई दूसरा जीव केंचुल उतारता है तो वे कुछ समय के लिए बहुत नाजुक बन जाते हैं। कुछ दिन या सप्ताह तक प्रकृति में बिना चमड़ी के रहना एक बड़ा खतरा होता है। बस कुछ चींटियां ही आपको पकड़ सकती हैं और आपका जीवन ले सकती हैं। ये एक बड़ा खतरा है,  लेकिन वो छोटे जीव भी इतनी समझ रखते हैं। यही समय है कि आप अपने जीवन के साथ खतरा लें। अपने बारे में किसी ऐसी चीज को फाड़कर फेंक दें जो आपके साथ लंबे समय से चिपकी हुई है लेकिन वो बिलकुल अच्छी नहीं है। अगले कुछ दिनों में उसे फाड़कर अलग कर दें। कुछ नया होने दीजिए। देखते हैं जीवन आपके साथ क्या करता है।
- लेखक ईशा फाउंडेशन के संस्थापक हैं।

Web Title: sadhguru blog In this new year 2023 throw off your old skin

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