हरीश गुप्ता का ब्लॉगः सीबीआई चीफ बन सकते हैं अस्थाना!
By हरीश गुप्ता | Published: September 10, 2020 04:32 PM2020-09-10T16:32:20+5:302020-09-10T16:32:20+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने कृष्ण मेनन मार्ग निवास पर वापस आ गए हैं और कोविड तथा थकान से उबरने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का दाहिना हाथ होने के नाते, शाह फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से वह सार्वजनिक चकाचौंध से दूर हैं.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर बिहार में भड़की राजनीतिक आग को शांत करने के बाद आखिरकार तीन महीने से चली आ रही रिया चक्रवर्ती की गाथा पर विराम लग सकता है. एनसीबी के महानिदेशक राकेश अस्थाना का ग्राफ दिल्ली में राजनीतिक आकाओं की दृष्टि में कई गुना बढ़ गया है. अस्थाना सफल रहे हैं जबकि सीबीआई के निदेशक आर.के. शुक्ला और प्रवर्तन निदेशक संजय कुमार मिश्रा हफ्तों तक चलने वाली 50 घंटे की पूछताछ के बाद भी इस कार्य में असफल रहे.
ईडी के एक शीर्ष अधिकारी ने विशेष रूप से दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरी और व्यापक पूछताछ करने वाली टीम का हिस्सा बने, लेकिन उन्होंने अपने वरिष्ठों से कहा : ‘माफ करें सर! तिलमात्र भी सबूत नहीं है.’ इस तरह, एनसीबी ने अंदर कदम रखा. इस कॉलम में पिछले सप्ताह ही कहा गया था कि एनसीबी रिया को गिरफ्तार करेगी. अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि अगले साल की शुरुआत में शुक्ला के सेवानिवृत्त होने पर अस्थाना के नए सीबीआई प्रमुख बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. पिछले साल सीबीआई से बाहर किए जाने के बाद से अस्थाना बेहद नाखुश थे.
सोनिया आक्रामक
कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेता गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह का बैनर उठाने के बाद अब बचाव की मुद्रा में आ गए हैं. दबाव में आने के बजाय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आक्रामक हो गर्इं. अगर उन्होंने राहुल के वफादारों को अहम संसदीय पैनल में शामिल करके असंतुष्टों को झटका दिया, तो कुछ को यूपी की समितियों से हटाकर भी उनका अहंकार तोड़ा. मानो यह पर्याप्त नहीं था, राज्यसभा सांसद और बिहार अभियान समिति के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह को शक्तिशाली बिहार चुनाव समिति से हटा दिया गया. अगर सूत्रों की मानें तो जी-23 में शामिल मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी और शशि थरूर के ही सुर अलग-अलग हो गए हैैं. तिवारी ने हाल ही में कहा कि पत्र का प्रारूप बेहतर हो सकता था. स्पष्ट रूप से यह आनंद शर्मा के लिए धक्का है जिन्होंने पत्र का मसौदा तैयार किया था. थरूर शांत हैं क्योंकि केरल में भाजपा की कोई मजबूत उपस्थिति नहीं है जबकि मुकुल वासनिक के पास पीछे हटने के अपने कारण हैं. पृथ्वीराज चव्हाण, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने के लिए सोनिया गांधी के ऋणी हैैं, विद्रोह का बैनर उठाने के बाद शांत हो गए हैं.
शाह को लेकर कानाफूसी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने कृष्ण मेनन मार्ग निवास पर वापस आ गए हैं और कोविड तथा थकान से उबरने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का दाहिना हाथ होने के नाते, शाह फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से वह सार्वजनिक चकाचौंध से दूर हैं. सूत्रों का कहना है कि वे पूरी तरह से सक्रिय हंै और तेज गति से फाइलों को निपटा रहे हैं, हालांकि कार्यालय जाने से परहेज कर रहे हैं. लुटियंस की दिल्ली में गपशप करने वालों के पास अमित शाह को लेकर कई तरह की कहानियां हैं, जैसे राम जन्मभूमि शिलान्यास समारोह में नहीं बुलाए जाने से वे परेशान हैं, सी.आर. पाटिल को गुजरात भाजपा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है आदि, आदि. लेकिन अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है और प्रधानमंत्री-गृह मंत्री के बीच समीकरण मजबूत बने हुए हैं. 2 अगस्त को उनके मेदांता में भर्ती होने के बाद प्रधानमंत्री रोज उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे और एम्स से लौटने के बाद उनसे मिलने गए. सूत्रों का कहना है, ‘मोदी-शाह का रिश्ता राम और हनुमान की तरह है और पृथ्वी पर कोई भी शक्ति उन्हें अलग नहीं कर सकती है.’
एयर इंडिया को बेचना भगीरथ कार्य बना
अगले साल 31 मार्च से पहले बेचे जाने वाले 26 सार्वजनिक उपक्रमों के बीच भारत का प्रमुख उपक्रम एयर इंडिया पहली पंक्ति में है. जहां बीपीसीएल और अन्य के लिए कई खरीदार हैं, एयर इंडिया को बेचना नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के लिए भगीरथ कार्य बना हुआ है. पता चला है कि टाटा कंपनी कुछ हद तक इसके लिए अनिच्छुक है. टाटा पहले से ही एयर एशिया और विस्तारा का संचालन करती है और सीईओ एन. चंद्रशेखरन इस तरह धन को उड्डयन व्यवसाय में लगाने के लिए अनिच्छुक हैं. हालांकि, दो खाड़ी देशों ने पीएम मोदी के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंधों के चलते इसमें रुचि दिखाई है. सरकार 2020-21 के दौरान 8 प्रतिशत बजट घाटे को पाटने के लिए पीएसयू की बिक्री से कम से कम दो लाख करोड़ रुपए हासिल करने की इच्छुक है.