राष्ट्रपति चुनाव: ममता बनर्जी का कांग्रेस को खुला चैलेंज!
By विवेकानंद शांडिल | Published: June 17, 2022 02:55 PM2022-06-17T14:55:01+5:302022-06-17T14:58:00+5:30
केंद्र में कांग्रेस भले ही मुख्य और सबसे बड़ा विपक्षी दल है। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर कांग्रेसी नेताओं की जगह टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी विपक्ष का नेतृत्व करती नजर आ रही हैं।
राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल बज चुका है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बीते हफ्ते ही इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। जारी अधिसूचना के अनुसार 18 जुलाई को चुनाव होगा और 21 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान हो जाएगा। बहरहाल, राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन अभी तक सत्तारूढ़ दल यानी एनडीए या विपक्षी खेमे की ओर से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है।
विपक्ष की एकजुटता की कोशिश फिर हुई फेल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 21 दलों के नेताओं को 15 जून की बैठक के लिए निमंत्रण भेजा था। जिसमें ममता की करीबी माने जाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी(AAP) ने पहले ही विपक्षी दलों की इस बैठक में शामिल न होने की बात कहकर पहला झटका दिया। वहीं इसके अलावा बीजू जनता दल(BJD), तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी इस बैठक से खुद को किनारा कर लिया।
वहीं बुधवार की बैठक में महाविकास अघाड़ी के घटक दल, सपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा, माकपा, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, जनता दल(सेक्युलर) जैसी कई अन्य गैर एनडीए घटक दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला और कहा गया कि विपक्ष की ओर से उम्मीदवार का नाम तय किए जाने तक बैठकों का दौर जारी रहेगा।
शरद पवार का उम्मीदवार बनने से किया इंकार
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ममता के नेतृत्व में विपक्ष की बैठक से पहले यानि 14 जून को ममता बनर्जी सहित वाम दलों के कई नेताओं ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर अकेले – अकेले मुलाकात कर उनका नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए घोषित किए जाने के लिए मनाया। लेकिन शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं हुए। शरद पवार ने इस बावत ट्वीट भी किया।
सोनिया – राहुल की जगह ममता कर रही विपक्ष का नेतृत्व
केंद्र में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर कांग्रेसी नेताओं की जगह ममता विपक्ष का नेतृत्व करती दिख रही हैं। ऐसे में एक बार फिर विपक्ष के चेहरे के तौर पर कांग्रेस या राहुल गांधी नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नजर आ रही हैं. हालांकि बीते दिनों से लगातार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय का चक्कर काटना पड़ रहा है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी बीते कुछ दिनों से कोरोना पीड़ित होने की वजह से दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती हैं।
वहीं बीते साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा के चुनाव में अपना पिछला रिकॉर्डतोड़ जीत से ममता का कद और ज्यादा बढ़ा है. और तभी से ममता बनर्जी की नजरें 2024 लोकसभा चुनाव पर टिकी है. पश्चिम बंगाल के चुनाव नतीजों के बाद से ही टीएमसी और ममता की ओर से पूरे देशभर में ये मैसेज पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि पीएम मोदी के सामने ममता बनर्जी ही सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
कांग्रेस को ममता का खुला चैलेंज
पिछले एक साल की बात करें तो हर मोर्चे पर ममता कांग्रेस से एक कदम आगे खड़ी नजर आ रही हैं. चाहे वो देश में मजहबी हिंसा, बेरोजगारी पर सवाल हो या फिर राष्ट्रपति चुनाव से पहली की तैयारियां, हर जगह ममता कांग्रेस से आगे दिख रही है। हाल ही में पांच राज्यों में चुनाव हुए, जिनमें कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.
ममता ने इसे भी एक मौके की तरह देखा और नतीजों के बाद मार्च में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी. जिसमें फिर से एकजुट होने की बात कही गई थी. और इस दौरान ममता कांग्रेस पर बरसते हुए ये तक कह दी कि यूपीए है क्या?
ममता ने शरद पवार और पी चिदंबरम जैसे नेताओं से खुली अपील भी कर चुकी है कि, अगर देश को बचाना चाहते हैं तो 2024 के लिए एक फ्रंट तैयार करने की तैयारी शुरू करें.