प्रवीण तोगड़िया का यह फैसला बीजेपी और संघ परिवार की मुश्किलें बढ़ा सकता है!

By विकास कुमार | Published: February 22, 2019 02:57 PM2019-02-22T14:57:42+5:302019-02-22T15:12:29+5:30

प्रवीण तोगड़िया की साधू-संतों के बीच भी छवि एक प्रखर हिन्दू वक्ता की रही है जिसके कारण उन्हें संत समाज के भी कुछ लोगों का साथ मिल सकता है. सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी कार्यकर्ताओं में पहले से ही डर बैठा हुआ है और अब खुद प्रवीण तोगड़िया के चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बुरा असर पड़ेगा.

Pravin togadia will fight election from Varanasi against PM Modi and make party Hindusthan Nirmaan Dal | प्रवीण तोगड़िया का यह फैसला बीजेपी और संघ परिवार की मुश्किलें बढ़ा सकता है!

प्रवीण तोगड़िया का यह फैसला बीजेपी और संघ परिवार की मुश्किलें बढ़ा सकता है!

Highlightsप्रवीण तोगड़िया ने वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं.तोगड़िया ने हिन्दुस्थान निर्माण दल बनाया है, जो उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

हिन्दू ह्रदय सम्राट के नाम से मशहूर प्रवीण तोगड़िया बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं. उन्होंने हिन्दुस्थान निर्माण दल के नाम से एक पार्टी बनायी है जो उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने जा रही है. और खुद प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव में उतरने के संकेत दिए हैं. 

संगठन से विदाई के बाद भले ही प्रवीण तोगड़िया आज हाशिये पर हैं लेकिन विश्व हिन्दू परिषद का एक तबका जो राम मंदिर के मुद्दे पर मोदी सरकार से नाराज है वो प्रवीण तोगड़िया के साथ जा सकती है. तोगड़िया ने ये भी एलान किया है कि उनकी पार्टी पूरे देश में उम्मीदवार उतारेगी. तोगड़िया को जो भी वोट मिलेगा दरअसल वो वोट भाजपा का ही होगा और ऐसे में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 

प्रवीण तोगड़िया संतों के लाडले 

प्रवीण तोगड़िया की साधू-संतों के बीच भी छवि एक प्रखर हिन्दू वक्ता की रही है जिसके कारण उन्हें संत समाज के भी कुछ लोगों का साथ मिल सकता है. सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी कार्यकर्ताओं में पहले से ही डर बैठा हुआ है और अब खुद प्रवीण तोगड़िया के चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बुरा असर पड़ेगा. प्रवीण तोगड़िया की हिन्दू ह्रदय सम्राट वाली छवि होने के कारण उनकी स्वीकार्यता बीजेपी के काडर के बीच भी है और ऐसे में बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच शंका की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. 

तोगड़िया का किसान प्रेम 

प्रवीणतोगड़िया बार-बार राम मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं. अगर बीजेपी ने इस मुद्दे पर कोई पॉजिटिव एक्शन ले लिया तो तोगड़िया का काफिला मुद्दाविहीन हो जायेगा. इसी को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने किसानों के मुद्दे को भी बराबर का सम्मान दिया है और उसके साथ ही नौजवानों की बेकारी. क्योंकि मौजूदा वक्त की राजनीति में किसान और युवा का होर्डिंग उठाये बिना लक्ष्य को भेदना तो दूर उसके पास पहुंचना भी नामुमकिन है. 

नरेन्द्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया आज दो विपरीत धाराएं 

कभी मोदी और तोगड़िया की प्रगाढ़ दोस्ती का कोई दूसरा उदाहरण जल्दी मिलता नहीं था. संघ के विचारों को दोनों ने गुजरात के हर कोने तक पहुंचाया. नरेंद्र मोदी के बीजेपी में जाने के बाद  भी इनके संबंध बने रहे. 

जब अपने राज्य से ही मोदी को राजनीतिक वनवास दे दिया गया तो गुजरात में वो प्रवीण तोगड़िया ही थे जिन्होंने मोदी की वापसी सुनिश्चित करने के लिए अपने स्तर पर उनका भरपूर सहयोग किया. कभी गुजरात की भाजपा सरकार में बड़े स्तर पर दखल रखने वाले तोगड़िया को गुजरात दंगे के बाद नरेन्द्र मोदी ने धीरे-धीरे उन्हें ठिकाना लगाना शुरू कर दिया था और एक समय ऐसा आया जब नरेन्द्र मोदी की विशाल छवि के सामने प्रवीण तोगड़िया विलुप्त हो गए. 

स्कूल ऑफ थॉट 

बात अगर विचारधारा की है तो नरेन्द्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया दोनों ने एक ही 'स्कूल ऑफ थॉट' से डिग्री प्राप्त किया है. लेकिन राजनीतिक मजबूरियां और महत्वाकांक्षाएं दोनों को समय के साथ विपरीत दिशा में बहा ले गई.

Web Title: Pravin togadia will fight election from Varanasi against PM Modi and make party Hindusthan Nirmaan Dal

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