प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: महामारी से महायुद्ध का मध्यांतर!
By Prakash Biyani | Published: April 9, 2020 09:04 AM2020-04-09T09:04:44+5:302020-04-09T09:04:44+5:30
भारत का यह जनसंख्या घनत्व है- 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. पश्चिमी बंगाल में तो प्रति वर्ग किमी 1102, केरल में 960 और उत्तर प्रदेश में 829 व्यक्ति रह रहे हैं. यानी यहां कोरोना के व्यापक संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है.
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सारे देश ने कोरोना के विरुद्ध दीयों, मोमबत्तियों और टॉर्च की रोशनी से एकजुटता तो दिखा दी पर इस वैश्विक महामारी के विरुद्ध महायुद्ध का अभी मध्यांतर हुआ है. नि:संदेह हमारे लिए सांत्वना की बात है कि दुनिया में जितनी बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हैं और मर चुके हैं उसके मुकाबले भारत में संक्रमित लोगों और इससे मरने वालों की संख्या बहुत कम है.
ये आंकड़े आत्मविश्वास जगाते हैं कि जिस महामारी के आगे दुनिया के संपन्न और विकसित देशों ने घुटने टेक दिए उससे भारत लड़ेगा भी और जीतेगा भी. पर ऐसा तभी होगा जब जोश में हम होश न खो बैठें. हमें याद रखना चाहिए कि यह महामारी तीसरे चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन में तेजी से फैलती है.
सबसे पहले तो हमारा हेल्थ केयर सिस्टम बेहद कमजोर है. दुर्भाग्य से हमारे देश में कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड हुआ और अमेरिका/इटली की तरह लाखों लोग संक्रमित होने लगे तो हमारे पास उनके लिए पर्याप्त वेंटिलेटर नहीं हैं. हमें अपने चिकित्साकर्मियों को नमन करना चाहिए जो अपर्याप्त प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स में भी लोगों की जान बचा रहे हैं. पर कोरोना का व्यापक संक्रमण हुआ तो वे भी घुटने टेक देंगे. हमारे लिए दूसरा बड़ा खतरा है- प्रति वर्ग किमी प्रति व्यक्ति संख्या.
भारत का यह जनसंख्या घनत्व है- 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. पश्चिमी बंगाल में तो प्रति वर्ग किमी 1102, केरल में 960 और उत्तर प्रदेश में 829 व्यक्ति रह रहे हैं. यानी यहां कोरोना के व्यापक संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है. यही नहीं, लॉकआउट के बाद 6 करोड़ दिहाड़ी मजदूर महानगरों से अपने होम टाउन की ओर निकल पड़े हैं. सरकार ने जो जहां हैं उन्हें वहां रोक तो दिया है पर उनके आवास और खानपान का बंदोबस्त एक बड़ी चुनौती है.
यही नहीं, यह भी सुनिश्चित करना है कि यह पलायन कोरोना संक्रमण न फैलाए. लॉकआउट के मध्यांतर में हमारी सबसे बड़ी चुनौती है- कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना. इसके लिए सरकार को लॉकडाउन खोलने में हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए. इस समय इकोनॉमी नहीं, सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए हर भारतीय की जान. और हमें भी लॉकडाउन के निर्देशों को मानना चाहिए. हम खुद को संक्रमण से बचाएं और संक्र मण न फैलाएं. क्या होगा यदि कुछ दिन हम सब्जी, फल नहीं खाएंगे. केवल दाल-रोटी पर गुजारा कर लें लेकिन लक्ष्मण रेखा न पार करें.