पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक: बेनकाब हुई 'साजिश', कोई अनहोनी हो जाती तो रहस्य रह जाता सबकुछ

By विवेकानंद शांडिल | Published: January 10, 2022 08:18 AM2022-01-10T08:18:57+5:302022-01-10T08:26:06+5:30

5 जनवरी को पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर बीजेपी और कांग्रेस आमने - सामने हैं। बीजेपी इस घटना के बाद से इसे पीएम मोदी के खिलाफ बड़ी साजिश करार देकर कांग्रेस पर हमलावर है.

PM Narendra Modi security lapse in Punjab conspiracy exposed | पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक: बेनकाब हुई 'साजिश', कोई अनहोनी हो जाती तो रहस्य रह जाता सबकुछ

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक: बेनकाब हुई 'साजिश', कोई अनहोनी हो जाती तो रहस्य रह जाता सबकुछ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई बड़ी चूक पर देश की राजनीति गर्म है। तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर में 42 हजार 750 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिला रखने वाले थे। इन परियोजनाओं में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, फिरोजपुर में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। 

कहां और कैसे हुई पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक?

लेकिन बठिंडा एयरपोर्ट से फिरोजपुर जा रहे पीएम मोदी के काफिला को बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ गया। दरअसल, ख़राब मौसम के कारण बठिंडा एयरपोर्ट से पीएम का काफिला सड़क मार्ग से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हुआ था. शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफ़िला एक फ्लाइओवर पर पहुँचा तो पता चला कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखी है. प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फंसे रहे. काफी मशक्कत के बाद उन्हें आगे जाने का तो नहीं लेकिन वापसी का रास्ता मिला।

पाकिस्तानी तोपों की रेंज में थे मोदी!

5 जनवरी को पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर बीजेपी और कांग्रेस आमने - सामने हैं। बीजेपी इस घटना के बाद से इसे पीएम मोदी के खिलाफ बड़ी साजिश करार देकर कांग्रेस पर हमलावर है तो वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एक तरफ घटना वाले दिन यानी 5 जनवरी को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर चिंता व्यक्त कर रहे थे लेकिन अगले कुछ घंटे बाद ही उनके सुर बदल गए। और उन्होंने अमर्यादित रूप से पीएम मोदी से ये पूछना शुरू कर दिया कि ''तुम्हें कहीं खरोंच आई? तुम्हें किसी ने पत्थर मार दिया...? इस तरह की भाषा का इस्तेमाल चन्नी करने लगे। लेकिन इससे ठीक पहले मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद ने मनीष तिवारी ने भी पीएम की सुरक्षा में हुई चूक पर चन्नी सरकार को घेरा। ''मनीष तिवारी ने अपनी सरकार पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा राजनीतिक फुटबॉल नहीं है। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एक कानून बना है, ज‍िसका नाम एसपीजी एक्‍ट है। जिसके तहत प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा की जाती है। अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो इसकी जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज द्वारा की जानी चाहिए। जो भी जिम्मेदार हैं, उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।  ''

क्या ये महज संयोग था?

पंजाब के सीएम चन्नी ने कहा कि प्रदर्शनकारी अचानक पीएम मोदी के रास्ते पर आये इनकी जानकारी प्रशासन को नहीं थी और ऐसे वक्त में क्या वो उन प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाते? लेकिन सवाल यहां खड़े होते हैं कि एक प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री जिस राज्य का दौरा करते हैं। तो इस दौरान उस राज्य के CM, राज्य सचिव और DGP उनका स्वागत करते हैं. अगर मुख्यमंत्री किन्हीं कारणों से नहीं आ पाते हैं तो राज्य के मुख्य सचिव और DGP तो जरूर मौजूद रहते हैं. लेकिन 5 जनवरी बठिंडा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए इनमें से कोई मौजूद नहीं थे।जो बात सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है, वो ये कि जब प्रधानमंत्री का काफिला सड़क मार्ग से फिरोजपुर के लिए निकला, उस समय उनके काफिले में पंजाब के राज्य सचिव और DGP की गाड़ी तो मौजूद थी, लेकिन इन गाड़ियों में वो खुद मौजूद नहीं थे. इसलिए इससे ये भी सवाल उठ रहे हैं कि पंजाब के राज्य सचिव और DGP ने नियमों का पालन क्यों नहीं किया और वो प्रधानमंत्री के काफिले के साथ क्यों नहीं थे?

बच गए 'मोदी' वरना 5 जनवरी का दिन रहस्यमय घटना के रूप में दर्ज हो जाता!

5 जनवरी, 2022 का दिन जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुआ, ऐसी कई घटनायें भारतीय राजनीति के इतिहास में भूतकाल में घटी है। लेकिन वो रहस्यमय बनकर रह गई। दशकों बीत जाने के बाद भी आज उन रहस्यों से पर्दा नहीं हट सका है। नेता जी सुभाष चंद्र बोष से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और होमी जहांगीर भाभा जैसे महानुभावों का निधन आज भी रहस्यमय घटना के रूप में याद किया जाता है।

सुभाष चंद्र बोस के निधन से आज तक नहीं हटा पर्दा!

आजाद हिंद फौज के संस्थापक व महान स्वतंत्रतता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोष का जीवन और मृत्यु 18 अगस्त, 1945 के बाद से सुभाष चंद्र बोस का जीवन और मृत्यु आज तक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। दरअसल, बताया जाता रहा है कि 18 अगस्त, 1945 को बोस एक जापानी विमान से सफर कर रहे थे जो ओवरलोड के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना जापान अधिकृत फोर्मोसा (वर्तमान ताइवान) में हुई थी. उस हादसे में नेताजी बच गए थे या मारे गए थे, इसके बारे में आज भी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. 

शास्त्री जी की भी हुई रहस्यमय मौत!

आजद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत आज भी एक रहस्य है। 10 जनवरी, 1966 को पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के महज 12 घंटे बाद 11 जनवरी को रात 1: 32 बजे उनकी मौत हो गई। बताया जाता है कि शास्त्री निधन से आधे घंटे पहले तक बिल्कुल ठीक थे, लेकिन 15 से 20 मिनट में उनकी तबीयत खराब हो गई। चंद मिनट बाद ही उनकी मौत हो गई। शास्त्री जी के निधन के बाद श्रीमति इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी थीं।

कुछ इसी तरह रहस्यमय मौत होमी जहांगीर की भी हुई!

देश के प्रख्यात वैज्ञानिक रहे होमी जहांगीर भाभा 24 जनवरी 1966 को होमी जहांगीर भाभा एयर इंडिया के फ्लाइट से मुंबई से न्‍यूयॉर्क जा रहे थे। बताया जाता है कि एयर इंडिया का बोइंग 707 विमान माउंट ब्‍लैंक पहाड़ियों के पास हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में होमी जहांगीर भाभा समेत विमान में सवार सभी 117 यात्रियों की मौत हो गई थी. उस समय से इस हादसे को लेकर कई बातें हुई. कई लोगों का मानना है कि इस विमान को साजिश के जरिए दुर्घटना का शिकार बनाया गया. कुछ लोगों का मानना है कि विमान में बम धमाका हुआ था जबकि कुछ का कहना है कि इसे मिसाइल या लड़ाकू विमान के जरिए गिराया गया था. 

Web Title: PM Narendra Modi security lapse in Punjab conspiracy exposed

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