ब्लॉग: फिर से 1 साल के लिए बढ़ाई गई मुफ्त अनाज की योजना, गरीबों के साथ इससे भाजपा को भी मिल सकता है फायदा
By प्रमोद भार्गव | Published: December 30, 2022 01:59 PM2022-12-30T13:59:51+5:302022-12-30T14:14:50+5:30
आपको बता दें कि यह ऐतिहासिक फैसला सत्तापक्ष यानी भाजपा के लिए इसलिए अहम है, क्योंकि 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद 2024 मई-जून में लोकसभा के चुनाव भी होना है, यानी भाजपा इन राज्यों में विजयश्री हासिल कर लेती है तो इस मुफ्त योजना को 2024 के लिए भी बढ़ाया जाना तय है।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
नई दिल्ली: आखिरकार केंद्र सरकार ने चुनावी घोषणा पत्रों में नि:शुल्क उपहार देने का पुरजोर विरोध करते-करते गरीबों को पूरी तरह नि:शुल्क अनाज देने की घोषणा करके ऐसा चुनावी दांव चल दिया, जिसकी काट विपक्ष के पास नहीं है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना की बढ़ाई गई अवधि
सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि एक साल, यानी दिसंबर 2023 तक बढ़ाकर पेट की भूख से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। यह योजना दिसंबर 2022 को समाप्त हो रही थी। हालांकि फिलहाल चल रही इस योजना में सस्ती दरों पर अनाज राशन की दुकानों पर उपलब्ध कराया जाता था।
इसमें चावल तीन रुपए किलो, गेहूं दो रुपए और मोटा अनाज एक रुपए किलो दिया जा रहा था। लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अब जो फैसला लिया है उसके तहत उपभोक्ता से राशन दुकान पर अनाज का कोई मूल्य नहीं लिया जाएगा। यह अनाज पूरी तरह मुफ्त होगा।
कुल 81.35 करोड़ लोगों को रियायती दरों दिया जा रहा है अनाज
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अभी तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे सामान्य परिवारों को प्रतिव्यक्ति पांच किलो अनाज हर महीने नि:शुल्क दिया जाता है। जबकि अंत्योदय वर्ग के उपभोक्ताओं को अनाज की यह मात्रा सात किलो प्रति व्यक्ति होती है।
इस तरह प्रत्येक सामान्य परिवार को 25 किलो और अंत्योदय परिवार को 35 किलो अनाज हर महीने दिया जा रहा है। कुल मिलाकर 81.35 करोड़ लोगों को रियायती दरों पर अनाज दिया जा रहा है। इस सुविधा पर दो लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस लक्ष्य की आपूर्ति के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम में भी संशोधन करना होगा।
यह फैसला 2023 और 2024 के चुनावों के मद्देनजर बढ़ाया गया है
यह ऐतिहासिक फैसला सत्तापक्ष यानी भाजपा के लिए इसलिए अहम है, क्योंकि 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें पूर्वोत्तर के मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं।
इसके बाद 2024 मई-जून में लोकसभा के चुनाव भी होना है। यानी भाजपा इन राज्यों में विजयश्री हासिल कर लेती है तो इस मुफ्त योजना को 2024 के लिए भी बढ़ाया जाना तय है।
क्या है यह मुफ्त अनाज की योजना
कोरोना महामारी के दौरान जब काम-धंधे पूरी तरह बंद हो गए थे, तब रोज कुआं खोदकर प्यास बुझाने वाले लोगों के लिए भोजन का संकट गहरा गया था। अतएव भारत सरकार ने गरीबों को राहत पहुंचाने की दृष्टि से पूर्व से मिल रहे सस्ते अनाज के अतिरिक्त पांच किलो मुफ्त अनाज देने की व्यवस्था तीन महीने के लिए शुरू की थी।
उम्मीद थी कि तीन माह बाद कोरोना का प्रकोप खत्म हो जाएगा। लेकिन इसका सुरसा-मुख लंबे समय तक खुला रहा। इसलिए इस अवधि को क्रमशः बढ़ाया जाता रहा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्राण फूंकने और अनिश्चित आय वालों के लिए यह अन्न योजना संजीवनी का काम करेगी।