पीयूष पांडे का ब्लॉग: इंतेहा हो गई वैक्सीन के इंतजार की

By पीयूष पाण्डेय | Published: November 28, 2020 01:21 PM2020-11-28T13:21:40+5:302020-11-28T13:23:05+5:30

देश में लाखों बेरोजगार नौकरी का इंतजार करते-करते कब मास्टर, पत्नकार, दलाल या राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हो जाते हैं, उन्हें स्वयं पता नहीं चलता.

Piyush Pandey's blog: I am waiting for vaccine | पीयूष पांडे का ब्लॉग: इंतेहा हो गई वैक्सीन के इंतजार की

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

एक पुरानी कहावत है- इंतजार का फल मीठा होता है. आधुनिक युग के विद्वानों ने अपने अनुभव के आधार पर इस कहावत को यह कहते हुए विस्तार दिया कि इंतजार का फल मीठा भले होता हो लेकिन रखे-रखे सड़ जाता है. इंतजार नामक ‘पॉलिसी’ का कोई ‘मैच्योरिटी पीरियड’ नहीं होता.

बंदे को किसी इच्छापूर्ति के लिए कितना इंतजार करना पड़ेगा, ये सिर्फ और सिर्फ भाग्य पर निर्भर करता है. कई कार्यकर्ता टिकट का इंतजार करते हुए सालोंसाल आलाकमान की चरणवंदना करते हैं, लेकिन उनके टिकट का इंतजार खत्म नहीं होता. कभी-कभी साधारण सा कार्यकर्ता एक चुनाव जीतते ही सीएम पद का दावेदार हो जाता है, और जो बंदा बरसों से पद का इंतजार कर रहा है, उसका इंतजार इतना लंबा हो जाता है कि वो बिना कुर्सी पर बैठे ही मार्गदर्शक मंडल में पहुंच जाता है.

मतलब यह कि इंतजार की इंतेहा होने पर मजा किरकिरा हो जाता है. कई युवा जीवन में एक कथित प्रेमिका के आने का इतना लंबा इंतजार कर डालते हैं कि उनके विवाह का टोटा पड़ जाता है. कालांतर में ऐसे ही युवा देश में विवाह संकट की भयावहता के ‘ब्रांड एम्बेसेडर’ बन जाते हैं.

इंतजार का कोई ओर-छोर नहीं होता. और हिंदुस्तान में हर बात में इंतजार को लेकर लोगों की धारणा यह है कि ये जीवन का हिस्सा है. रेलवे स्टेशन पर लोग घंटों मस्ती से ट्रेन का इंतजार करते हैं. उन्हें हैरानी तब होती है, जब ट्रेन वक्त पर आ जाए.

लाखों बेरोजगार नौकरी का इंतजार करते-करते कब मास्टर, पत्नकार, दलाल या राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हो जाते हैं, उन्हें स्वयं पता नहीं चलता. देश के करोड़ों किसान फसल बोने के बाद बारिश का इंतजार करते हैं, मगर कई बार बारिश धोखा दे देती है तो कई बेबस मौत की प्रतीक्षा करने लगते हैं. 

इंतजार अजीब शय है. इसके न जाने कितने कोण हैं. एक कोण आजकल कोरोना वैक्सीन के इंतजार से जुड़ा हुआ है. जिस तरह ओलंपिक पदक तालिका में भारत के टॉप में आने का इंतजार बरसों से देशवासी कर रहे हैं, वैसे ही कोरोना वैक्सीन के लॉन्च होने का इंतजार महीनों से चल रहा है. कई लोग वैक्सीन का इंतजार करते-करते इतना पक गए कि इधर-उधर घूमने निकल गए हैं.

कोरोना वैक्सीन अब एक मृगमरीचिका समान हो गई है. पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस वैक्सीन रूपी मृग के पीछे भाग रहे हैं, लेकिन यह मृग किसी की पकड़ में नहीं आ रहा.

Web Title: Piyush Pandey's blog: I am waiting for vaccine

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