पीयूष पांडे का ब्लॉग: हारे हुए नेता का वैलेंटाइन डे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 15, 2020 09:03 AM2020-02-15T09:03:02+5:302020-02-15T09:03:02+5:30
नोट : ये वॉट्सएप्प संदेश दिल्ली चुनाव में हारे एक नेता का है, जिसे लेखक ने सूत्नों के जरिए जुगाड़ा है.
प्रिये,
जनता से वादे करके भूल जाना मेरी आदत है लेकिन सच कहता हूं कि तुमसे किया वादा भूला नहीं था. मैं वैलेंटाइन डे नहीं मना पाया क्योंकि जमानत जब्त होने के बाद वैलेंटाइन डे मनाने का नैतिक बल नहीं बचा था. मैं प्रेम दिवस पर वादे के मुताबिक तुम्हें डिस्को नहीं ले जा पाया. कैसे ले जाता? जीतने के बाद मैं डिस्को करता तो आलाकमान खुश होता, शाबाशी देता. मेरे डिस्को को विरोधियों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला माना जाता और मुझे टीआरपी खेंचू नेता मानते हुए स्टार प्रचारकों में शामिल किया जाता. हारने के बाद मैं डिस्को करता तो मुझे एक मिनट में पार्टी से खिसको का निर्देश मिल सकता था.
प्रिये, तुम जानती हो, नेता सांस बिना रह सकता है पार्टी बिना नहीं. पार्टी होती है तो कार्यकर्ता होते हैं. कार्यकर्ता होते हैं तो गुंडे होते हैं. गुंडे होते हैं तो गुंडागर्दी होती है. गुंडागर्दी होती है तो धाक होती है. धाक होती है तो पैसे होते हैं. पैसे होते हैं तो आलाकमान तक पैठ होती है. पैठ होती है तो टिकट होता है. टिकट होता है तो राजनीति होती है. एक हारे हुए राजनेता के लिए तो पार्टी बेहद जरूरी है. राजनीति के अखाड़े के कई पहलवान बिन पार्टी के उसी तरह चुनावों में उड़ गए, जैसे स्वच्छता अभियान के दौरान बिना नींव के बने कई शौचालय उड़ चुके हैं.
प्रिये, शर्मिदा हूं कि इस वैलेंटाइन अमेरिका ट्रिप का गिफ्ट नहीं दे सका. पिछले वैलेंटाइन डे पर स्विट्जरलैंड का ट्रिप तो कल्लूमल सिक्योरिटी एजेंसी वाले ने स्पॉन्सर किया था, जिसे मैंने वादा किया था कि सरकार में आते ही सारे सीसीटीवी के मेंटेनेंस का ठेका उसे दिलाऊंगा.
अब न ठेके रहे न ठेकेदार. महसूस हो रहा है कि मंदी वास्तव में आ गई. वास्तव में रोजगार छीने जा रहे हैं. महंगाई चुभ रही है. टिकट के लिए पार्टी फंड में दी जाने वाली रकम के रिइम्बर्समेंट की भी कोई योजना नहीं है. तुम जानती ही हो कि हारे हुए नेता का मार्केट डाउन होता है. प्रिये, आखिर में सॉरी. मेरे सॉरी को आम लोगों का सॉरी मत समझना. याद रखना नेता जाति झूठ बोलती है, देश लूटती है, कभी-कभी देश तोड़ती है लेकिन कभी सॉरी नहीं बोलती.