Pahalgam Terror Attack: हमें आदिल हुसैन शाह जैसे कश्मीरियों की जरूरत है?, कश्मीरी युवा आतंकवाद के विरोध में खड़े हों

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: April 25, 2025 05:28 IST2025-04-25T05:28:09+5:302025-04-25T05:28:09+5:30

Pahalgam Terror Attack: सईद किसी को भले ही बचा नहीं पाया लेकिन उसने हिम्मत तो की! आज जरूरत इसी बात की है कि कश्मीरी युवा आतंकवाद के विरोध में खड़े हों.

Pahalgam Terror Attack Syed Adil Hussain Hero Pahalgam pony ride operator tried stop terrorist need Kashmiris like Adil | Pahalgam Terror Attack: हमें आदिल हुसैन शाह जैसे कश्मीरियों की जरूरत है?, कश्मीरी युवा आतंकवाद के विरोध में खड़े हों

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Highlightsपिछले 35 साल में आतंकवाद ने कश्मीर की कई युवा पीढ़ी को नेस्तनाबूद कर दिया है. लोगों की मजहबी सोच तो है ही, ज्यादातर लोगों के भीतर मौत का खौफ भी है. किसी गांव में आतंकवादी किसी घर में घुस जाते हैं तो वो परिवार क्या करे?

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में जब आतंकवादियों ने पर्यटकों का धर्म पूछ कर मारना शुरू किया तो एक शख्स ऐसा था जो आतंकवादियों के सामने खड़ा हो गया. उसने आतंकवादियों से कहा कि ये पर्यटक कश्मीर के मेहमान हैं, इन्हें न मारें लेकिन आतंकी ऐसी भावनात्मक और मासूम भाषा कहां समझते हैं. उन्होंने सईद आदिल हुसैन शाह को भी मौत के घाट उतार दिया. सईद पर्यटकों को अपने घोड़े पर लेकर वहां गया था. परिवार में वही एक कमाने वाला था. आतंकवादियों ने उस परिवार को भी तबाह कर दिया लेकिन सईद एक संदेश देकर गया कि आतंकवादियों का प्रतिरोध ही आतंकवाद को खत्म कर सकता है. सईद किसी को भले ही बचा नहीं पाया लेकिन उसने हिम्मत तो की! आज जरूरत इसी बात की है कि कश्मीरी युवा आतंकवाद के विरोध में खड़े हों.

पिछले 35 साल में आतंकवाद ने कश्मीर की कई युवा पीढ़ी को नेस्तनाबूद कर दिया है. इसका कारण कुछ लोगों की मजहबी सोच तो है ही, ज्यादातर लोगों के भीतर मौत का खौफ भी है. यदि किसी गांव में आतंकवादी किसी घर में घुस जाते हैं तो वो परिवार क्या करे? यह एक ऐसा सवाल रहा है जिसका जवाब ढूंढ़ना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता है लेकिन कश्मीर में ऐसे परिवारों की संख्या भी काफी रही है जो सुरक्षाबलों को जानकारियां देते रहे हैं. कश्मीर में यदि आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले लोग हैं तो ऐसे लोग भी हैं जो कश्मीर को अमन की राह पर ले जाने की तमन्ना रखते हैं.

धारा 370 समाप्त होने के बाद परिस्थितियां अनुकूल हुईं तो वहां के युवाओं को रोजगार के अवसर मिले. सईद जानता था कि ये आतंकवादी जो कर रहे हैं, वह कश्मीर से पर्यटकों को दूर कर देगा और रोजी-रोटी की समस्या फिर खड़ी हो जाएगी. और यही हो रहा है. कश्मीर से बाहर निकलने की पर्यटकों में होड़ लगी है.

एक बार फिर पर्यटकों का विश्वास जीतने में कश्मीर को शायद लंबा वक्त लगेगा. ये कश्मीर के लोग भी जानते हैं. वे यह भी जानते हैं कि इस बार तो विश्वास सुरक्षा बलों और सरकार के कारण पैदा हुआ था लेकिन अब जब तक कश्मीरी अवाम की तरफ से विश्वास पैदा नहीं किया जाएगा तब तक पर्यटक उधर का रुख नहीं करेंगे.

यही कारण है कि आतंकवाद के इन 35 वर्षों के दौरान ऐसा पहली बार हुआ है जब आम कश्मीरी इस हत्याकांड के खिलाफ खड़ा है. कैंडल मार्च निकले हैं और बाजार बंद रहे हैं. श्रीनगर के लाल चौक पर ऑटो वालों ने ऑटो पर बैनर टांग लिए कि एयरपोर्ट और बस स्टैंड तक पर्यटकों को नि:शुल्क छोड़ेंगे. टैक्सी वालों ने रेट नहीं बढ़ाए हैं.

वे सब मिलकर यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि कश्मीरी अवाम दिल से पर्यटकों के साथ है. वे सब मिलकर पर्यटकों की फिर से अगवानी करना चाहते हैं लेकिन वह वक्त कब आएगा, क्या पता? बड़े दिन बाद सुकून के पल आए थे, आतंकवादियों ने वह भी छीन लिया. अब कश्मीरी अवाम को ही तय करना है कि फिर से सुकून के पल कितनी जल्दी लौटें.

कश्मीर को आतंकवादियों से मुक्त करना है तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका कश्मीरियों की ही होगी. वे हिम्मत करें, आतंकवादियों की सूचना खुफिया एजेंसियों को दें और जरूरत पड़े तो आतंकवादियों पर पत्थर फेंकने को भी तैयार हों तभी कश्मीर में अमन की बयार बह सकती है. सईद ने यही संदेश दिया है.  

Web Title: Pahalgam Terror Attack Syed Adil Hussain Hero Pahalgam pony ride operator tried stop terrorist need Kashmiris like Adil

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