संपादकीय: पुलिस की प्रतिष्ठा बहाल करने की जरूरत

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: January 16, 2023 12:03 PM2023-01-16T12:03:15+5:302023-01-16T12:13:19+5:30

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस को बार और होटलों से हर महीने पैसा उगाहने का आदेश देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।

Need to restore the prestige of the police says Maharashtra Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis | संपादकीय: पुलिस की प्रतिष्ठा बहाल करने की जरूरत

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsमहाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस की प्रतिष्ठा को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हाल के कुछ दिनों में कुछ लोगों द्वारा पुलिस की प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया है। ऐसे में अब उनकी प्रतिष्ठा बहाल करने की जरूरत है और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

मुंबई:महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस की प्रतिष्ठा बहाल करने की जो बात कही है, वह बेहद महत्वपूर्ण है और इसकी जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है.

पुलिस की प्रतिष्ठा को बहाल करने पर क्या बोले देवेंद्र फड़नवीस

फडणवीस ने शनिवार को पुणे में पुलिस अनुसंधान केंद्र में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के एक सम्मेलन में राज्य पुलिस की प्रतिष्ठा को बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हाल के दिनों में कुछ लोगों ने इसे धूमिल किया है. 

आपको बता दें कि महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस को बार और होटलों से हर महीने पैसा उगाहने का आदेश देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. 

पुलिस को लेकर पूरे देश में है ऐसी धारणा

फडणवीस का संकेत संभवत: इसी ओर था लेकिन हकीकत यह है कि लगभग पूरे देश में ही पुलिस के बारे में लोगों में कमोबेश ऐसी धारणा बन चुकी है कि सत्तारूढ़ पक्ष के लोग उसका अपने हित में इस्तेमाल करते हैं. 

दुर्भाग्य से इस धारणा को बदलने के लिए कुछ खास प्रयास नहीं किए गए. अगर ऊपरी स्तर पर सत्तारूढ़ दल उसका इस्तेमाल करता है तो निचले स्तर भी अनियमितता की जैसे छूट मिल जाती है. 

कामकाज के लिए उन्हें पर्याप्त फंड मुहैया नहीं कराया जाता. मान लिया जाता है कि डंडे के जोर पर वे कई चीजों को मैनेज कर लेंगे. इसके अलावा निर्धारित घंटे से ज्यादा काम करना तो पुलिस के लिए जैसे आम बात है. 

देश के पुलिस के ऊपर होते है कई तरह के दबाव

तीज-त्यौहारों पर जब लोग अपने घरों में उत्सव मनाते हैं तो पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं. विकसित देशों में पुलिस बल जिस पेशेवराना ढंग से काम करता है, वैसा अपने देश में देखने को नहीं मिलता क्योंकि यहां उनके ऊपर कई तरह के दबाव रहते हैं. 

फर्जी एनकाउंटर, अपराधियों से सांठगांठ, निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करने जैसी घटनाओं के कारण भी पुलिस की छवि पर आंच आती रही है. दरअसल सत्तारूढ़ लोग जब पुलिस के जरिये अपना स्वार्थ साधते हैं तो वे निचले स्तर पर भी पुलिसकर्मियों के अनुचित व्यवहार पर अंकुश नहीं लगा पाते. 

देश के सैनिकों के जैसे पुलिस का भी हो सम्मान

जबकि होना तो यह चाहिए कि जिस तरह लोगों में देश के सैनिकों के प्रति सम्मान भाव है, वैसा ही पुलिस के प्रति भी हो. संकट के समय में सेना द्वारा समाज और व्यक्तिगत स्तर पर भी लोगों की मदद किए जाने के ढेरों उदाहरण हैं. जबकि पुलिस के पास मदद मांगने के लिए अक्सर लोग बेहिचक नहीं जा पाते, यह एक सच्चाई है. 

इसलिए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने पुलिस की प्रतिष्ठा बहाल करने की जो बात कही है, वह आज के समय की सख्त जरूरत है लेकिन इसके लिए पुलिस से संबंधित पूरी व्यवस्था का कायापलट करना होगा. 

उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार पुलिस की छवि सुधारने के लिए जो भी जरूरी होगा करेगी, जो पूरे देश के लिए मिसाल बन सकेगा और विकसित देशों की तरह हमारे यहां भी पुलिस का कामकाज पूरी तरह पेशेवर हो सकेगा.
 

Web Title: Need to restore the prestige of the police says Maharashtra Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis

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